ईडी ने हाल ही में अमल में आये भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश के तहत मुंबई की विशेष अदालत में आवेदन किया है.
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नई दिल्ली: दो साल तक भारत लौटने के मसले पर रहस्यमयी चुप्पी बनाए रखने के बाद अचानक शराब कारोबारी विजय माल्या ब्रिटेन से भारत लौटने के लिए बेचैन दिखने लगा है. स्वदेश वापसी के लिए भारतीय बैंकों का कर्ज चुकाने को भी तैयार दिख रहा है. इसलिए अचानक लंबे अरसे के बाद 26 जून से लगातार वह ट्विटर के जरिये दनादन अपने पक्ष में दलीलें रख रहा है. उसके इस अचानक 'हृदय परिवर्तन' से लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि भारतीय बैंकों से कर्ज लेकर उनको ठेंगा दिखाकर यहां से भागने वाला माल्या आखिर अब भारत आने का इच्छुक क्यों है? यह सवाल इसलिए भी बड़ा है क्योंकि ब्रिटेन के कानूनों की आड़ में अभी तक वह भारत नहीं लौटने के हरसंभव प्रयास करता रहा है. ऐसे में अब आखिर कौन सा दबाव उस पर आ गया है कि अचानक भारत लौटने की रट लगाने लगा है?
नए कानून की नकेल
दरअसल इसके पीछे भारत का एक नया कानून माना जा रहा है, जिसको बड़े बैंक ऋण डिफॉल्टरों पर नकेल कसने के लिए बनाया गया है. इसी कारण बीते 22 जून को भारत ने इस नये कानून के तहत बड़े बैंक ऋण डिफॉल्टरों पर नकेल कसने की दिशा में पहला कदम उठाया. इसी के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विजय माल्य को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कराने तथा उसकी 12,500 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
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भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश
अधिकारियों के मुताबिक ईडी ने हाल ही में अमल में आये भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश के तहत मुंबई की विशेष अदालत में आवेदन किया है. यह अध्यादेश कर्ज नहीं चुकाने वाले भगोड़ों की सभी संपत्ति जब्त करने का अधिकार देता है. आवेदन में ईडी ने विजय माल्या की संपत्तियां जब्त करने की मांग भी है. इनमें वे संपत्तियां भी शामिल हैं जिन पर माल्या का परोक्ष नियंत्रण है. आवेदन में कहा गया है कि इन संपत्तियों का अनुमानित मूल्य करीब 12,500 करोड़ रुपये है. इनमें अचल संपत्तियां तथा शेयरों जैसी चल संपत्तियां शामिल हैं.
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यह कदम 9000 करोड़ रुपये से अधिक के दो बैंक ऋण की राशि का हेर-फेर करने के मामले में उठाया गया है. इन दो बैंक ऋण में आईडीबीआई बैंक और भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई वाला बैंक समूह शामिल हैं. अध्यादेश पर अमल करने के लिए प्राधिकृत ईडी ने इसके तहत यह पहला मामला दायर किया है. एजेंसी जल्दी ही भगोड़े आभूषण कारोबारी नीरव मोदी , उसके चाचा मेहुल चोकसी समेत अन्य बड़े बैंक ऋण डिफॉल्टरों के खिलाफ भी इस तरह का कदम उठाने वाली है.
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इसी कानून को अचानक विजय माल्या के हृदय परिवर्तन के अहम कारण के रूप में देखा जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि अदालत से मंजूरी मिलने के बाद विजय माल्या की सभी निजी संपत्तियों को भी जब्त कर लिया जाएगा. इसमें दिल्ली, बेंगलुरू, मुंबई की कई सौ करोड़ रुपये की प्रॉपर्टीज समेत कई निजी परिसंपत्तियां शामिल हैं. एजेंसियों के इस कदम से खौफजदा विजय माल्या ने इसलिए ही बिना देरी किए तत्काल भारत लौटकर सभी कर्ज वापस करने की बात कहनी शुरू कर दी है.