केंद्र सरकार ने कहा- ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्जाम के लिए अब आधार जरूरी नहीं
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केंद्र सरकार ने कहा- ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्जाम के लिए अब आधार जरूरी नहीं

सुप्रीम कोर्ट के 7 मार्च 2018 के आदेश के बाद आधार अब अनिवार्य नहीं है और राशन कार्ड/पासपोर्ट/मतदाता पहचान पत्र और बैंक पासबुक आदि जैसे पहचान पत्र भी स्वीकार्य हैं.

इस साल आधार संख्‍या जरूरी होने के कारण अधिकांश छात्र रजिस्‍ट्रेशन नहीं कर पा रहे थे.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: सरकार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अखिल भारतीय स्तर की प्रवेश परीक्षा के लिए अब आधार संख्या अनिवार्य नहीं है. लोकसभा में वेंकटेश बाबू के प्रश्न के लिखित उत्तर में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शुरू में जम्मू कश्मीर, असम और मेघालय राज्यों को छोड़कर शेष पूरे देश में अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा के लिए आधार संख्या को अनिवार्य बनाया था.

  1. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आधार अब अनिवार्य नहीं है 
  2. इससे परीक्षाओं की तैयारी में जुटे लाखों छात्रों को राहत मिलेगी
  3. आधार संख्‍या जरूरी होने के कारण अधिकांश छात्र रजिस्‍ट्रेशन नहीं कर पा रहे थे

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि सुप्रीम कोर्ट के 7 मार्च 2018 के आदेश के बाद आधार अब अनिवार्य नहीं है और राशन कार्ड/पासपोर्ट/मतदाता पहचान पत्र और बैंक पासबुक आदि जैसे पहचान पत्र भी स्वीकार्य हैं.’’ 

यह भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, NEET 2018 और अन्य एग्जाम के लिए आधार जरूरी नहीं

आपको बता दें कि 8 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को निर्देश दिया था कि परीक्षाओं में छात्रों के पंजीकरण के लिए आधार संख्‍या अनिवार्य नहीं की जाए. इससे देश में राष्‍ट्रीय परीक्षाओं की तैयारी में जुटे लाखों छात्रों को राहत मिलेगी. इस साल आधार संख्‍या जरूरी होने के कारण अधिकांश छात्र रजिस्‍ट्रेशन नहीं कर पा रहे थे.

सूचना अपलोड करने का निर्देश
प्रधान न्‍यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्‍यक्षता वाली पांच सदस्‍यीय संविधान पीठ ने सीबीएसई को निर्देश दिया कि वह अपनी वेबसाइट पर यह सूचना अपलोड करे. इससे पहले विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) ने अदालत को जानकारी दी कि उसने नीट-2018 की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिए आधार संख्‍या अनिवार्य बनाने को नहीं कहा था.

संभावनाएं और भी
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सीबीएसई जम्‍मू-कश्‍मीर, मेघालय और असम की तरह ही पहचान के सुबूत के रूप में पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड का इस्‍तेमाल कर सकती है. 27 फरवरी को गुजरात हाईकोर्ट ने सीबीएसई के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट के इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.

यहां है आधार जरूरी
मोबाइल नंबर लेने के लिए, सभी तरह के बैंक खातों में, क्रेडिट कार्ड खाते में, बीमा पॉलिसी में, रसोई गैस कनेक्‍शन के लिए, म्‍युचुअल फंड, डिमेट अकाउंट समेत कई तरह की निवेश योजनाओं के लिए और पैन कार्ड के साथ लिंक करना जरूरी.

इनपुट भाषा से भी 

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