प्रकाश जावड़ेकर ने यह आदेश 17 भाषाओं को सीटीईटी के लिए विकल्पों की सूची से हटाने के सीबीएसई के फैसले की व्यापक आलोचना होने के बाद दिए है.
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नई दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सीबीएसई को केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) पहले की ही तरह 20 भाषाओं में आयोजित करने का आदेश दिया है. जावड़ेकर ने यह आदेश तमिल , मलयालम , तेलुगु , कन्नड़ , गुजराती और बांग्ला सहित 17 भाषाओं को सीटीईटी के लिए विकल्पों की सूची से हटाने के सीबीएसई के फैसले की व्यापक आलोचना होने के बाद दिए है.
जावड़ेकर ने ट्वीट किया ‘सीटीईटी परीक्षा पहले की तरह ही सभी भारतीय भाषाओं में ली जाएगी. मैंने सीबीएसई को उसी तरह सभी 20 भाषाओं में यह परीक्षा लेने का आदेश दिया है , जिस तरह पहले यह परीक्षा ली जाती थी.’
CTET examination will be conducted in all Indian languages as was being conducted earlier. I have already directed @cbseindia29 to conduct examination in all the 20 languages as was being done earlier.
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 18, 2018
उन्होंने आगे कहा ‘ सीटीईटी की परीक्षा अंग्रेजी , हिंदी , असमिया , बांग्ला , गारो , गुजराती , कन्नड़ , खासी , मलयालम , मणिपुरी , मराठी , मिजो , नेपाली , उड़िया , पंजाबी , संस्कृत , तमिल , तेलुगु , तिब्बती और उर्दू में ली जाएगी.’
#CTET परीक्षा सभी भारतीय भाषाओं में आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा अंग्रेजी, हिंदी, असमिया, बांग्ला, गारो, गुजराती, कन्नड़, खासी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, मिजो, नेपाली, उडिया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु, तिब्बतन और उर्दू में आयोजित की जाएगी।@cbseindia29 pic.twitter.com/bHhYvJaFKK
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 18, 2018
डीएमके नेता कनिमोई ने 17 भाषाओं को हटाने के सीबीएसई के पूर्व के फैसले को लेकर ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि यह फैसला अलग अलग क्षेत्रीय भाषाएं बोलने वाले लोगों के लिए गहरा झटका साबित होगा.
The decision to drop Tamil & 16 other regional languages from Central Teacher Eligibility Test is highly condemnable and strikes at the root of federalism. Students of CBSE whose mother tongue is Tamil will be put to a great disadvantage without teachers..
1/2— Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) June 18, 2018
उन्होंने लिखा ‘तमिल और 16 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा से हटाने का फैसला अत्यंत निंदनीय और संघवाद की जड़ों पर प्रहार है. सीबीएसई के , तमिल मातृभाषा वाले छात्र को शिक्षकों के बिना गहरा नुकसान ही होगा.’
Students are forced to study Hindi & Sanskrit instead of their mother tongue. This will lead to another language struggle through out the country. This is another of BJPs efforts to make a Hindi-Hindu Hindustan.
2/2— Kanimozhi (கனிமொழி) (@KanimozhiDMK) June 18, 2018
कनिमोई ने कहा ‘छात्र अपनी मातृभाषा पढ़ने के बजाय हिंदी और संस्कृत पढ़ने के लिए बाध्य हैं. इससे पूरे देश में एक अन्य भाषा संघर्ष शुरू हो जाएगा. यह हिन्दी - हिन्दू हिन्दुस्तान बनाने की भाजपा की एक और कोशिश है.’
(इनपुट - भाषा)