मारी गई ताबड़तोड़ 7 गोलियां, एक आंख और एक कान भी गंवाया, फिर भी क्रैक की UPSC CSE 2021 परीक्षा
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मारी गई ताबड़तोड़ 7 गोलियां, एक आंख और एक कान भी गंवाया, फिर भी क्रैक की UPSC CSE 2021 परीक्षा

Success Story of Rinku Rahi: सात गोलियों में से तीन गोलियां उनके चेहरे पर जा लगी थी, जिस कारण उनकी एक आंख की रोशनी चली गई और साथ ही उन्हें एक कान से सुनाई देना भी बंद हो गया था.

मारी गई ताबड़तोड़ 7 गोलियां, एक आंख और एक कान भी गंवाया, फिर भी क्रैक की UPSC CSE 2021 परीक्षा

Success Story of Rinku Rahi: किसी ने क्या खूब कहा है कि "वहीं इंसान सबसे शानदार और जानदार है, जिसके इरादे नेक और ईमानदार है." इस कहावत को इस साल यूपीएससी की सिविल सर्विसेस परीक्षा (UPSC CSE Exam 2021) पास करने वाले रिंकू राही ने सच कर दिखाया है. रिंकू की संघर्ष भरी कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है. दरअसल, रिंकू वहीं शख्स हैं, जिन्होंने करीब 100 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले का खुलासा किया था, जिसके परिणामस्वरूप उन पर माफियाओं द्वारा ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई थी. हालांकि, इस घातक हमले के बावजूद रिंकू ने अपने जीवन से हार नहीं मानी और अपनी कड़ी मेहनत के बदौलत यूपीएससी की सिविल सर्विसेस परीक्षा 2021 पास कर डाली.    

माफियाओं द्वारा मारी गई ताबड़तोड़ 7 गोलियां
बता दें कि रिंकू अपनी प्राथमिक पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 2008 में पीसीएस अधिकारी (PCS Officer) बन गए थे, जिसके तहत उन्हें उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में समाज कल्याण अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था. इसी दौरान रिंकू की नजर प्रदेश में हो रहे छात्रवृत्ति घोटाले पर पड़ी, जिसका उन्होंने समय रहते खुलासा कर दिया. बाहुबलियों के खिलाफ जाकर जब उन्होंने इस घोटाले को उजागर किया तो उन्हें इसका खामियाजा उठाना पड़ा. साल 2002 में रिंकू को माफियाओं द्वारा सात गोलियां मारी गई. सात गोलियां लगने के बावजूद रिंकू ने हार नहीं मानी और वे जल्द ही अपने जीवन की जंग जीत कर दोबारा समाज की बुराइयों के खिलाफ खड़े हो गए. हालांकि, बता दें इन सात गोलियों में से तीन गोलियां उनके चेहरे पर जा लगी थी, जिस कारण उनकी एक आंख की रोशनी चली गई और साथ ही उन्हें एक कान से सुनाई देना भी बंद हो गया. इसके बावजूद इस साल रिंकू ने UPSC CSE 2021 की परीक्षा पास कर एक मिसाल कायम कर दी है.

पिता करते थे आटा चक्की में काम
दरअसल, रिंकू के पिता शिवदान सिंह एक आटा चक्की में काम किया करते थे. उनके घर की आर्थिक स्थिति भी बेहद खराब थी, जिस कारण रिंकू को अपनी पढ़ाई सरकारी स्कूल से करनी पड़ी. रिंकू ने अपनी प्राथमिक शिक्षा, परिषदीय स्कूल से पूरी की और राजकीय इंटर कॉलेज से उन्होंने अपनी इंटर यानी 12वीं की पढ़ाई पूरी की थी.      

साल 2008 में क्रैक किया UP PCS एग्जाम 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रिंकू बताते हैं कि इंटर में उन्हें अच्छे मार्क्स मिले थे, जिस कारण उन्हें स्कॉलरशिप ऑफर की गई थी. स्कॉलरशिप की मदद से ही उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट से बीटेक (B.Tech) की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद साल 2008 में उनका यूपी पीसीएस (UP PCS) में चयन हो गया, जिसके बाद उन्हें यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में समाज कल्याण अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया था.

एक आंख की रोशनी जाने के बावजूद क्रैक की UPSC CSE 2021 परीक्षा 
समाज कल्याण अधिकारी के तौर पर काम करते हुए उन्होंने विभाग में चल रहे घोटाले को उजागर किया. घोटाले को उजागर करने के कारण माफियाओं द्वारा उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई, जिससे उनकी एक आंख की रोशनी चली गई. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और यूपीएससी क्रैक करने का निर्णय लिया. बता दें कि रिंकू साल 2019 से हापुड़ स्थित राजकीय आईएएस पीसीएस निःशुल्क कोचिंग सेंटर के प्रभारी के रूप में कार्यरत थे. प्रभारी के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की और इस साल की यूपीएससी परीक्षा 2021 में 683वीं रैंक हासिल कर परीक्षा पास कर डाली.  

बता दें कि यूपीएससी में कुछ विशेष श्रेणियों के अभ्यर्थियों के लिए आयु में छूट दी जाती है, जिससे रिंकू को मदद मिली. रिंकू आज आठ साल के बच्चे के पिता भी हैं.

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