INTERVIEW: यह है रवि किशन का राजनीति में आने का मकसद...
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INTERVIEW: यह है रवि किशन का राजनीति में आने का मकसद...

रवि किशन को लगता है कि भोजपुरी सिनेमा में अभी बहुत सुधार की जरूरत है.

6 जुलाई को रिलीज हो रही है रवि किशन की बहुचर्चित फिल्‍म ‘बैरी कंगना 2’.

नई दिल्ली: अब तक करीब 500 फिल्‍मों में अपनी अदाकारी का लोहा मनवा चुके मेगास्‍टार रवि किशन को लगता है कि भोजपुरी सिनेमा में अभी बहुत सुधार की जरूरत है. यहां ऐसे रायटर की कमी है, जिनमें स्क्रिप्टिंग के प्रति दीवानगी का जुनून हो. हालांकि वे खुद भी अपने होम प्रोडक्‍शन रवि किशन प्रोडक्‍शन के जरिए फिल्‍म निर्माण का काम शुरू चुके हैं. इस बैनर की पहली हिंदी फिल्‍म 'हैदर पंडित' की शूटिंग भी शुरू हो चुकी है. इसके अलावा उनकी एक बहुचर्चित फिल्‍म ‘बैरी कंगना 2’ 6 जुलाई को रिलीज हो रही है. रवि किशन से हुई बातचीत में उन्होंने कई सवाल के बिंदास जवाब दिए-

  1. रवि किशन की फिल्‍म ‘बैरी कंगना 2’ 6 जुलाई को रिलीज हो रही है
  2. मुझे कोई अच्‍छी स्‍टोरी मिलती है, तो फिल्‍में जरूर करता हूं- रवि किशन
  3. मैं पिछले 25 सालों से फिल्‍मों में काम कर रहा हूं- रवि किशन

सवाल: आप एक्टर के साथ-साथ राजनेता भी हैं, राजनीति में आने का आपका क्‍या मकसद था?
रवि किशन: मैं राजनीति में इसलिए आया कि लोगों की सेवा कर सकूं. मेरी बहुत सारी ख्‍वाहिशें हैं, जिससे लोगों की सेवा हो सके. जैसे मैं गरीब बच्चियों की शादियां करवाना चाहता हूं. अस्‍पताल भी खुलवाने हैं. अभी मैंने अपने गांव जौनपुर में चार किलोमीटर तक सड़क बनवा रहा हूं, जिसके लिए मैं मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ जी का शुक्रिया अदा करता हूं. इस सड़क से हजारों लोगों की परेशानी कम हो जाएगी. इसके अलावा मैं गांव में एक शिव मंदिर बनवाउंगा और सोलर लाइट भी लगवाने हैं. इन्‍हीं कामों की वजह से पैसे कमाने के लिए मैं सेट पर सुबह से मेहनत करता हूं.

सवाल: ‘बैरी कंगना 2’ कैसी फिल्‍म है?
रवि किशन:
‘बैरी कंगना 2’ वाकई में एक शानदार फिल्‍म है. इसमें आत्‍मा का खेल है. आज के समय में भी हम आत्‍मा के प्रजेंस को डिनाई नहीं कर सकते हैं. कैसे आत्‍मा किसी के शरीर में प्रवेश करता है? उसके बाद क्‍या होता है और जिसके शरीर में आत्‍मा का प्रवेश होता है, वो क्‍या फील करता है. इस फिल्‍म में देखने को मिलेगा. यह अपने आप में एक अलग और काफी रोचक फिल्‍म है. यह फिल्म 6 जुलाई को रिलीज हो रही है. आप देखेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि क्‍यों यह भोजपुरी की अन्‍य फिल्‍मों से हटकर है.

सवाल: हाल के दिनों में भोजपुरी सिनेमा में आपकी उपस्थ्‍िाति कम होने की वजह क्‍या है?
रवि किशन: ऐसा नहीं है, जब भी मुझे कोई अच्‍छी स्‍टोरी मिलती है और मेरे पास समय होता है तो फिल्‍में जरूर करता हूं. ‘बैरी कंगना 2’ की स्‍टोरी भी दमदार है. इसमें काम करके मजा आया. भोजपुरी के दर्शकों ने मुझे जितना प्‍यार दिया है, उससे मैं अभिभूत हूं. उनके प्‍यार से प्रेरणा भी मिलती है, इसलिए मैं अब भोजपुरी में अच्‍छी फिल्‍में अपने होम प्रोडक्‍शन के जरिये बना रहा हूं. भोजपुरी का ऑडियंस काफी बड़ा है. इसे रिकॉगनाइज भी किया जा रहा है.

सवाल: आप इन दिनों सिनेमा प्रोड्यूस कर रहे हैं. क्‍या रवि किशन डायरेक्‍शन भी करते दिखेंगे?
रवि किशन:
एकदम नहीं, डायरेक्‍शन काफी टफ जॉब है. मैंने बहुत सारी फिल्‍में साइन की हुई हैं, जिनमें काम करना मेरी प्राथमिकता है. प्री प्रोडक्‍शन से पोस्‍ट प्रोडक्‍शन तक‍ डायरेक्‍शन में आदमी की खून निकल जाती है. इसलिए मैं सोचता हूं, मुझे इसमें नहीं पड़ना चाहिए. वैसे भी मैं एक अभिनेता हूं और लोगों का प्‍यार मुझे मेरे अभिनय की वजह से मिला है. इसलिए डायरेक्‍शन से तौबा है. हां, अपने होम प्रोडक्‍शन से अच्‍छी फिल्‍में बनाऊंगा और कहानी भी लिखूंगा.

सवाल: अपनी आने वाली हिंदी और साउथ की फिल्‍मों के बारे में बताएं.
रवि किशन: अ
भी मैं सुरेंद्र रेड्डी साहब की एक 400 करोड़ की बजट की फिल्‍म ‘सायरा नरसिम्‍हा रेड्डी’ कर रहा हूं, जिसमें चिरंजीवी, रामचरण और अमिताभ बच्‍चन जी हैं. इस फिल्‍म को बनने में अभी कम से कम डेढ़ साल का वक्‍त लगेगा. ये बड़े कैनवास की फिल्‍म है. इसमें मेरी फाइटिंग भी चिरंजीवी सर के साथ होनी है. मैं इसकी डबिंग भी खुद ही करूंगा. इसके अलावा मैं राधिका आप्‍टे के साथ भी एक बड़ी फिल्‍म कर रहा हूं, जिसका फिलहाल नाम नहीं बता सकता. एक फिल्‍म अनुराग कश्‍यप के साथ भी है और अल्‍ट बालाजी के लिए वेब सिरीज भी कर रहा हूं.

सवाल: सिनेमा के गलियारे में अपनी अब तक जर्नी के बारे में क्‍या कहना चाहेंगे?
रवि किशन:
मैं पिछले 25 सालों से फिल्‍मों में काम कर रहा हूं. 500 फिल्‍में कर चुका हूं, जिसमें 12 साउथ की फिल्‍म भी है. मुझे अपनी ये जर्नी अच्‍छी लगती है. मैं बॉलीवुड के लिए ही ट्रेंड हुआ हूं. मैं सिनेमा में स्‍टू‍डेंट बनकर आया और आज भी सेट पर ईमानदारी से काम करने की कोशिश करता हूं. यही वजह है कि साउथ, हिंदी और भोजपुरी की फिल्‍मों से मेरी पहचान बनी और लोगों का इतना प्‍यार मिला. अभी भी मुझे बहुत काम करने हैं, जो मैं कर भी रहा हूं.

सवाल: भोजपुरी फिल्‍मों को और बेहतर कैसा बनाया जा सकता है?
रवि किशन:
सिनेमा में स्क्रिप्टिंग सबसे अहम पार्ट है. इसके लिए रायटर में मेडनेस होना चाहिए. तभी अच्‍छी कहानी निकलकर आएगी और फिल्‍में उभर कर आएगी, जैसे मराठी, बांग्‍ला फिल्‍में सामने आती है. मगर कुछ लाख रुपये कमाने के चक्‍कर में लोगों ने भोजपुरी फिल्‍मों का स्‍तर कम किया है. जबकि आज फिल्‍में अच्‍छी आने लगी हैं. खुद मैं भी अच्‍छी फिल्‍में प्रोड्यूस करने वाला हूं. मेरा मानना है कि फिल्‍में रोहित शेट्टी या अनुराग कश्‍यप जैसी बननी चाहिए, लेकिन पैसे कमाने के चक्‍कर में न तो फिल्‍में एंटरटेंमेंट कर पाती हैं और न ही कोई मैसेज दे पाती है.

सवाल: आपने अभी तक सिनेमा में काफी अच्‍छे किरदार किए, मगर नेशनल अवॉर्ड अभी तक नहीं मिला. इस बारे में क्‍या कहेंगे?
रवि किशन:
हां, मैंने अच्‍छी फिल्‍में बनाई, जिसे लोगों ने सराहा भी. खुद बच्‍चन साहब ने मुझे स्‍टार का तमगा दिया था. वे मेरे काफी करीब हैं. कई फिल्‍में अवॉर्ड विनिंग थी. मगर मेरी और मेरी टीम की लापरवाही की वजह है, अवॉर्ड के लिए नॉमिनेशन नहीं हो सका, क्‍योंकि मैं जब काम करता हूं, तो बाकी चीजों को लेकर केयरलेस हो जाता हूं. यही वजह है कि मेरा नॉमिनेशन नहीं हो पाया.

सवाल: अंतिम में अपनी फिल्‍म ‘बैरी कंगना 2’ को लेकर अपने फैंस को क्‍या कहना चाहेंगे?
रवि किशन: फिल्‍म ‘बैरी कंगना 2’  और अन्‍य फिल्‍मों के बारे में बस इतना कहूंगा कि अच्‍छी फिल्‍मों को जरूर देखें और अपनी राय दें. फिल्‍म अच्‍छी लगे तो सराहें और कमी दिखे तो क्रिटिसाइज करें. क्‍योंकि जब तक क्रिटिसिज्‍म नहीं होगा, तब तक पता नहीं चलेगा फिल्‍मों में क्‍या सुधार हो. हां, जानबूझ कर फिल्‍म को नीचा दिखाना भी अच्‍छी बात नहीं है. अगर कोई समस्‍या है, तो हम सब ही मिलकर दूर करेंगे.   

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