फिल्म के ट्रेलर की शुरुआत में बताया गया है कि यह कहानी 1795 के उस दौर की है जब ब्रिटिश लोगों ने ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम से हमारे देश पर हुकूमत करना शुरू कर दिया था.
Trending Photos
नई दिल्ली: यश राज बैनर्स के तले बनी मल्टी स्टारर फिल्म 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' का ट्रेलर आखिरकार रिलीज हो गया है. यह पहला मौका है जब आमिर खान और अमिताभ बच्चन की जोड़ी पर्दे पर नजर आएगी और फिल्म का ट्रेलर बता रहा है कि यह जोड़ी पर्दे पर कमाल करने वाली है. अमिताभ बच्चन इस उम्र में भी बेहद असरदार और लगभग सब पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं. जबकि वहीं 'दंगल' में महावीर फोगाट के संजीदा किरदार में नजर आ चुके आमिर इस फिल्म में 'फिरंगी मल्लाह' के किरदार में नजर आने वाले हैं जो सच में एक जबरदस्त ठग है.
फिल्म के ट्रेलर की शुरुआत में बताया गया है कि यह कहानी 1795 के उस दौर की है जब ब्रिटिश लोगों ने ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम से हमारे देश पर हुकूमत करना शुरू कर दिया था. उस समय आजाद नाम के एक ठग ब्रिटिश हुकूमत के लिए मुसीबत बन गया था. हालत यह हुई कि ब्रिटिश हुकूमत ने इस ठग से निपटने के लिए एक और ठग यानी फिरंगी मल्लाह की मदद ली. आमिर खान का किरदार इस फिल्म में ऐसा है कि वह किसकी तरफ है यह समझना मुश्किल है.
ट्रेलर में वीएफएक्स का कमाल काफी मेजदार दिख रहा है और कई जगह आपको बड़े-बड़े जहाज और सितारों के लुक का अंदाज आपको 'बाहुबली' की ग्रैंड स्टाइल की याद दिला सकते हैं. देखें फिल्म 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' का ट्रेलर.
मजेदार है 1795 के ठगों की कहानी
बता दें कि दरअसल यह एपिक एक्शन-एडवेंचर फिल्म ब्रिटिश लेखक और प्रशासक फिलिप मीडोज टेलर के 1839 के उपन्यास कंफेशंस ऑफ ए ठग (Confessions of a Thug) पर आधारित है. इसमें एक ऐसे ठग की कथा है जिसका गैंग 19वीं सदी की शुरुआत में ब्रिटिश भारत में अंग्रेजों के लिए खासा सिरदर्द बन गया था. यह उपन्यास जब प्रकाशित हुआ तो 19वीं सदी के पूर्वार्द्ध में अपनी रोचक कथावस्तु के कारण यह ब्रिटेन का बेस्ट-सेलर क्राइम उपन्यास बन गया.
यह भी पढ़ें: Thugs Of Hindostan: अमिताभ-आमिर के फिल्म से जुड़ी कहानी की महारानी विक्टोरिया भी थीं कायल
यह उपन्यास इतना मशहूर हुआ कि इसने ब्रिटेन को ठग शब्द से परिचित कराया. यहां तक कि ब्रिटेन ने इस हिंदी शब्द को अपने अंग्रेजी शब्दकोश में शामिल किया. कहा जाता है कि महारानी विक्टोरिया ने भी इस उपन्यास को पढ़ा था. रुपयार्ड किपलिंग के चर्चित उपन्यास किम (1901) से पहले भारत के संबंध में लिखा गया यह सबसे प्रभावी उपन्यास माना जाता है.