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नई दिल्ली : 28 अप्रैल को रिलीज हुई 'बाहूबली : द कॉन्क्ल्यूजन' पूरी दुनिया में अपना डंका बजा रही है. रिलीज होने के साथ ही फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर नए-नए रिकॉर्डों की झड़ी लगानी शुरू कर दी थी. एसएस राजमौली निर्देशित बाहुबली नौ दिन में 1000 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर चुकी है और इसी के साथ भारतीय सिनेमा की ऐसी पहली फिल्म बन गई है, जो हजार करोड़ के क्लब में शामिल हुई है.
फिल्म और इससे जुड़े कलाकारों को लेकर अब नए-नए खुलासे हो रहे हैं. एसएस राजामौली की फिल्म बाहुबली 2 ने भारत में 800 करोड़ और विदेशों में 200 करोड़ की कमाई करके भारत की ब्लॉकबस्टर फिल्म बन गई है. हिंदी वर्जन में भी यह फिल्म 250 करोड़ की कमाई कर चुकी है. सभी भाषाओं की बात की जाए तो फिल्म ने अपने पहले हफ्ते यानि सात दिनों में इंडिया में 534 करोड़ की कमाई की है. हिंदी में 'बाहुबली 2' ने सभी फिल्मों को पीछे छोड़ दिया है.
फिल्म के निर्देशक राजमौली ने बाहुबली फिल्म के दृश्यों को जीवंत करने के लिए बहुत से वीएफएक्स का इस्तेमाल किया. इस फिल्म में दुनिया का सबसे बड़ा हाथी दिखाया गया और कई युद्ध के दृश्यों को और भव्य बनाने के लिए कई तरह की तकनीक इस्तेमाल में लाई गई. फिल्म में दृश्यों की भव्यता देखते ही बनती है.
बाहुबली और भल्लालदेव के बीच युद्ध के दौरान रथ ने भी लोगों का खूब ध्यान खींचा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस रथ को कोई और ही ताकत चला रही थी. भल्लालदेव के रथ को युद्ध के मैदान में जो ताकत खींच रही थी वह थी रॉयल एनफील्ड की.
बाहुबली : द बिगनिंग की तरह ही इस फिल्म में भी इफेक्ट्स का इस्तेमाल हुआ. लेकिन इसमें जिनते युद्ध के दृश्य फिल्माए गए उतने पिछली फिल्म में नहीं थे. तो जाहिर सी बात है, युद्ध के सीन करने के लिए ताकत दिखाने की जरूरत तो होगी है. फिल्म में युद्ध के दृश्यों को भले ही पुराने समय का दिखाया गया हो, लेकिन उनके पीछे जो ताकत थी, वह आधुनिक मशीन की ही थी.
Bhallaladeva's weaponized chariot, fully equipped with this lethal, revolving saw blade. #BaahubaliMemories pic.twitter.com/gDnGHWiDaP
— Baahubali (@BaahubaliMovie) December 11, 2015
भल्लालदेव ने रण में जिस रथ का इस्तेमाल किया उसे चला रहा था एक रॉयल एनफील्ड इंजन. इस बात का खुलासा खुद इस फिल्म की सीरीज के प्रोडक्शन डिजाइनर साबू सिरिल ने किया है.एक इंटरव्यू में सिरिल ने बताया कि इस रथ को काफी अलग तरीके से बनाया गया है. इतना ही इस रथ में एक कार का स्टीयरिंग भी था और एक ड्राइवर अंदर बैठा था, उस के पास भी स्टीयरिंग थी.
वहीं, जिस रथ पर भल्लाल देव बैठता है, वह एक धान काटने वाली मशीन से बनी हुई है. हालांकि, इस बात का खुलासा नहीं किया गया कि इस रथ को दौड़ाने के लिए कौन सी रॉयल एनफील्ड का इंजन इस्तेमाल किया गया. भारत में रॉयल एनफील्ड के 4 इंजन उपलब्ध हैं - 350 सीसी, 500 सीसी, 535 सीसी और 411 सीसी.
फिल्म का झरना बना है टिशू पेपर से
बाहुबली और बाहुबली 2 दोनों भागों में फिल्म में करीब 1000 फीट ऊंचा झरने का सीन है, जिसे टिशू पेपर से बनाया गया है. इसके लिए फिल्म के डायरेक्टर एसएस राजमौली की टीम ने टीशू पेपर को लंबे और मीडियम साइज में काटकर उसे पानी की तरह गिराते हैं. इसके लिए टीम ने मशीन की फ्रिक्वेंसी ऐसी सेट की थी टिशू पेपर बिना रूके लगातार गिर रहा था.
400 लोगों ने बनाई भल्लाल देव की मूर्ति
भल्लाल देव की मूर्ति को करीब 400 लोगों ने बनाई, जिसे बनाने में महीनों लग गए. इतना ही नहीं फिल्म के अन्य कई महत्वपूर्ण सीन को ऐसे सी साधारण चीजों से बनाया गया है.