अपनी पत्नी को खोने के बाद शम्मी पूरी तरह से टूट गए थे और उन्होंने अपना ध्यान रखना भी छोड़ दिया था.
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नई दिल्ली: बॉलीवुड के मशहूर एक्टर रह चुके शम्मी कपूर का जन्म 21 अक्टूबर 1931 को हुआ था. वैसे तो जन्म के वक्त उनका नाम शमशेर राज कपूर रखा गया था लेकिन बॉलीवुड में वह शम्मी कपूर के नाम से मशहूर हैं. वह एक अच्छे एक्टर होने के साथ-साथ एक बेहतरीन डांसर भी थें. आज भी लोग उनके गानों पर झूमते नजर आते हैं. शम्मी कपूर ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत अपने पिता पृथ्वीराज के थिएटर से की थी और उनकी शुरुआती सैलरी 50 रुपए थी.
उन्होंने अपने करियर में कई हिट फिल्में दी हैं और इसके अलावा उनके लव अफेयर्स भी काफी चर्चाओं में रहे हैं. वह एक खुशमिजाज व्यक्ति थे. वह फिल्म इंडस्ट्री के 'एल्विस प्रेस्ली' के नाम से प्रसिद्ध थे. उन्हें 'तुमसा नहीं देखा', 'दिल देकर देखो', 'सिंगापुर', 'जंगली', 'कॉलेज गर्ल', 'प्रोफेसर', 'चाइना टाउन', 'प्यार किया तो डरना क्या', 'कश्मीर की कली', 'जानवर', 'तीसरी मंजिल', 'अंदाज' और 'सच्चाई' जैसी कई फिल्मों में बेहतरीन अभिनय के लिए जाना जाता है. उस जमाने में भारत में इंटरनेट में सबसे ज्यादा माहिर एक्टर सिर्फ शम्मी कपूर हुआ करते थे.
उनकी पर्सनल लाइफ भी काफी सुर्खियों में रही है. उन्होंने 2 शादियां की थी. उनकी पहली पत्नी का नाम गीता बाली था. वह भी एक्ट्रेस थीं. गीता से शम्मी की मुलाकात 1955 में फिल्म 'रंगीन रातें' की शूटिंग के दौरान हुई थी. इसमें शम्मी कपूर लीड रोल में थे, गीता का फिल्म में कैमियो था. इसी दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ा और 4 महीने बाद ही दोनों ने मुंबई के बाणगंगा मंदिर में शादी कर ली. शादी के एक साल बाद 1 जुलाई 1956 को दोनों एक बेटे के पिता बने. उन्होंने अपने बेटे का नाम आदित्य राज कपूर रखा. इसके बाद साल 1961 में दोनों की एक बेटी हुई जिसका नाम कंचन रखा गया. अपनी बेटी के जन्म के लगभग 4 साल बाद साल 1965 में गीता की मृत्यू हो गई.
अपनी पत्नी को खोने के बाद शम्मी पूरी तरह से टूट गए थे और उन्होंने अपना ध्यान रखना भी छोड़ दिया था. इसके बाद घरवालों के दबाव बनाने पर और अपने बच्चों के लिए वह दूसरी शादी के लिए तैयार हो गए. शम्मी कपूर के देहांत के बाद एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में नीला देवी ने बताया था कि हम दोनों ने रात को 2 बजे बात करनी शुरू की जो सुबह दिन निकलने तक चलती रही. उन्होंने मुझे गीता बाली, अपने बच्चों, अपनी अच्छाईयों और अपनी बुरी बातों के बारे में बताया. नीला ने बताया कि शम्मी कपूर ने मुझे कहा कि हम बाणगंगा मंदिर में आधी रात को वैसे ही शादी करेंगे जैसे उन्होंने साल 1955 में गीता से की थी, लेकिन मैंने उन्हें कहा कि हम परिवार की मौजूदगी में शादी करेंगे. इसके बाद 27 जनवरी 1969 को दोनों ने शादी कर ली.
शम्मी कपूर ने दूसरी शादी करने से पहले नीला के सामने एक शर्त रखी थी. उन्होंने नीला को कहा था कि वह कभी मां नहीं बनेंगी और उनके बच्चों का अपने बच्चों की तरह ही पालन-पोषण करेंगी. गीता ने उनकी बात मान ली और वह कभी मां नहीं बनीं. शम्मी कपूर को 7 अगस्त 2011 को तबीयत बिगड़ने के बाद मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां 14 अगस्त 2011 को उनकी मौत हो गई.