27 दिसंबर को मुंबई में फिल्म 'पद्मावती' की स्पेशल स्क्रीनिंग हो सकती है.
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नई दिल्ली: फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' यूं तो 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन देशभर में हुए विवादों के बाद इस फिल्म की न केवल रिलीज टाल दी गई बल्कि इस फिल्म के ऊपर बैन लगाने को लेकर भी कई याचिकाएं दर्ज की गई हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को प्रमाणित करने के लिए सेंसर बोर्ड ने एक पैनेल बनाया है. इस पैनेल में मेवाड़ राजघराने को भी शामिल किए जाने की खबर है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि सेंसर बोर्ड को इस फिल्म को प्रमाणित करने में मदद मिल सके.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेट (सीबीएफसी) के प्रमुख प्रसून जोशी द्वारा गुरुवार को मेवाड़ राजघराने के विश्वराज सिंह को 'पद्मावती' देखने का न्योता दिया गया है. हिन्दुस्तान टाइम्स में प्रकाशित एक खबर के अनुसार सिंह ने शुक्रवार को कहा कि इससे पहले उन्होंने सीबीएफसी से फिल्म के कुछ पहलुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था.
अब खबर है कि 27 दिसंबर को मुंबई में फिल्म 'पद्मावती' की स्पेशल स्क्रीनिंग हो सकती है और मेवाड़ शाही परिवार को फिल्म दिखाई जा सकती है. गौरतलब है कि यह फिल्म शूटिंग के वक्त से ही विवादों में रही है और जैसे-जैसे फिल्म की रिलीज डेट नजदीक आई विवाद गहराता गया. हालांकि, किसी वजह से सेंसर बोर्ड ने फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया है और इस वजह से इस फिल्म की रिलीज डेट टाल दी गई.
कई राजपूत संगठनों का आरोप है कि फिल्म के निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली ने ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की है जिस वजह से वह फिल्म का लगातार विरोध कर रहे हैं. फिल्म में दीपिका पादुकोण लीड रोल निभा रही हैं और वहीं शाहिद कपूर और रणवीर सिंह भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं. बता दें दीपिका फिल्म में रानी पद्मावती की भूमिका निभा रही हैं इस वजह से उन्हें जान से मारने की धमकी मिली थी. वहीं, फिल्म के निर्माता संजय लीला भंसाली को भी जान से मारने की धमकियां मिली थी.
गौरतलब यह भी है कि 'पद्मावती' के 3डी संस्करण का प्रमाणन संबंधी आवेदन 28 नवंबर 2017 को सीबीएफसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था. फिल्म चलचित्र अधिनियम 1952, चलचित्र (प्रमाणन) नियमावली 1983 तथा उसके अंतर्गत बनाए गए दिशानिर्देशों के अनुसार प्रमाणन की प्रक्रिया से गुजरेगी. चलचित्र (प्रमाणन) नियमावली, 1983 के नियम 41 के तहत प्रमाणन प्रक्रिया के लिए 68 दिन की समय सीमा तय की गई है. इसके मध्यनजर फिल्म अगले साल जनवरी या फरवरी में रिलीज हो सकती है.