फिल्मों में राम रहीम के ये भारी भरकम डायलॉग कुछ हजम नहीं होते...
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फिल्मों में राम रहीम के ये भारी भरकम डायलॉग कुछ हजम नहीं होते...

राम रहीम ने अब तक कुल पांच फिल्में बनाई हैं, जिसमें वह खुद एक्टर के रूप में भी नजर आ चुके हैं.

हमें मारना अपने आपको मारने के बराबर है...

नई दिल्ली: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम तो फिलहाल जेल में हैं. रेप मामले में कोर्ट ने उन्हें 20 साल की सजा सुनाई है. राम रहीम कई मंचों पर सक्रिय रहे और मनोरंजन जगत भी उनसे अछूता नहीं रही. राम रहीम ने अब तक कुल पांच फिल्में बनाई हैं, जिसमें वह खुद एक्टर के रूप में भी नजर आ चुके हैं.

  1. जले जाने से पहले राम रहीम कई मंचों पर सक्रिय रहे.
  2. मनोरंजन जगत भी राम रहीम से अछूता नहीं रही.
  3. राम रहीम ने अब तक कुल पांच फिल्में बनाई हैं.

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राम रहीम 2015 में अपनी पहली फिल्म “एमएसजीः द मैसेंजर” लेकर आए थे. फिल्म के डायरेक्शन से लेकर गाने लिखने और एक्टिंग करने तक का मोर्चा उन्होंने खुद संभाला था. उसके बाद एमएसजी-2 भी आई. 2016 में वह ‘एमएसजीः द वॉरियर लॉयन हार्ट’ लेकर आए. हर बार की तरह फिल्म से जुड़े सारे मोर्चे उन्होंने खुद संभाले थे. 2017 में अभी तक वह दो फिल्में लेकर आ चुके हैं. ‘जट्टू इंजीनियर’ और ‘हिंद का नापाक को जवाब-एमएसजी लॉयन हार्ट-2’. 

इन सभी फिल्मों में राम रहीम ने एक से बढ़कर एक भारी भरकम डायलॉग बोलते नजर आएं, उनमें से कुछ इस प्रकार थे- 

'शेर दहाड़ते हैं, तो कई कांपते हुए गीदड़ गिरते हैं... हम तो वह हैं, जो शेरों के मुंह में हाथ डालके उनके दांत गिनते हैं'

'कहीं आम के भूले बम को न निगल जाना... पता नहीं चलेगा कितना फटा है और कितना बाकी रह गया'

'हम ऐसे बाप हैं जो दुश्मनों के लिए अकेले ही काफी है'

'पूरे समाज में पता नहीं कितने इंसान जानवर बनकर घूम रहे हैं, हमें जाना होगा उन्हें बनाने इंसान'

'हमें कोई संत कहता है, कोई कहता है फरिश्ता, कोई कहता है भगवान, लेकिन हम तो हैं सिर्फ एक इंसान'

'हमें मारना अपने आपको मारने के बराबर है'

'न हिंदू बुरा है, न ही सिख-मुसलमान बुरा है... बुराई पर उतर आए वह इंसान बुरा है'

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