इलियाना डीक्रूज ने की थी Suicide की कोशिश, जानें- क्या थी वजह
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इलियाना डीक्रूज ने की थी Suicide की कोशिश, जानें- क्या थी वजह

"मैं हमेशा से एक बहुत ही सेल्फ कॉन्शियस व्यक्ति रही हूं. मैं हर समय खुद को कमजोर और दुखी महसूस करती थी. मैं डिप्रेशन में हूं इसका एहसास मुझे लंबे समय तक नहीं हुआ.''

भारत में 6 करोड़ लोग मनोरोग और डिप्रेशन से ग्रस्त (इंस्टाग्राम फोटो-ileana_official)

नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्ट्रेस इलियाना डीक्रूज डिप्रेशन से पीड़ित थीं. इससे जूझते हुए उन्होंने सुसाइड करने की भी सोची थी. विश्व मानसिक स्वास्थ्य सम्मेलन के 21वें संस्करण के चौथे और अंतिम दिन इलियाना ने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी संघर्ष की अपनी कहानी बयां की. मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बॉलीवुड अभिनेत्री इलियाना डीक्रूज को महिला सब्स्टेंस पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अपने अनुभव को साझा करते हुए अभिनेत्री इलियाना डी क्रूज ने कहा, "मैं हमेशा से एक बहुत ही सेल्फ कॉन्शियस व्यक्ति रही हूं. मैं हर समय खुद को कमजोर और दुखी महसूस करती थी. मुझे इसका पता तब तक नहीं चला जब तक मुझे यह जानने में मदद नहीं मिली कि मैं अवसाद और शारीरिक डिसमॉर्फिक बीमारी से पीड़ित हूं. मैं जो करना चाहती थी, वह सभी को स्वीकार करना था. एक समय पर मैंने आत्महत्या करने का विचार बनाया और चीजों को समाप्त करना चाहा. हालांकि बाद में सब बदला और मैंने खुद को स्वीकार किया, तब सब कुछ बदल गया. मुझे लगता है कि यह अवसाद से लड़ने की ओर पहला कदम है."

  1. बॉलीवुड एक्ट्रेस इलियाना डीक्रूज अपने शरीर को लेकर थीं डिप्रेशन में
  2. अवसाद और शारीरिक डिसमॉर्फिक बीमारी से पीड़ित थी इलियाना
  3. आत्महत्या कर सबकुछ खत्म कर लेना चाहती थीं इलियाना डीक्रूज

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इलियाना ने कहा, "अवसाद बहुत ही वास्तविक है. यह आपके मस्तिष्क में एक रासायनिक असंतुलन है और इससे पार पाने के लिए इलाज की जरुरत है. यह सोचकर वापस बैठ जाना कि यह ठीक हो जाएगा इससे बेहतर है की सहायता लें."

6 करोड़ भारतीय Depression के शिकार
भारत में 6 करोड़ लोग मनोरोग और डिप्रेशन से ग्रस्त हैं. विश्व मानसिक स्वास्थ्य सम्मेलन की आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. सुनील मित्तल ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि पहली चुनौती यह जानने की है कि 'आप निराश हैं'.  सीआईएमबीएस इंडिया के निदेशक और इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट साइकेट्री के सह संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुनील मित्तल ने कहा, "चिंता और अवसाद आम बात है. लगभग 6 करोड़ लोग भारत में अवसाद से ग्रस्त हैं. पहली चुनौती यह जानना है कि आप निराश हैं. लोग चुप रहकर झेलते रहते हैं उन्हें यह एहसास नहीं कि वे अवसाद से पीड़ित हैं."

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सम्मेलन के अंतिम दिन नोबल विजेता कैलाश सत्यार्थी और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन मौजूद रहे. 

विश्व सम्मेलन का आयोजन मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों के सबसे बड़े वैश्विक गठबंधन वल्र्ड फेरडरेशन फॉर मेन्टल हेल्थ (डब्ल्यूएफएमएच), राष्ट्रीय स्वास्थ्य संघों, गैर-सरकारी संगठनों, नीति विशेषज्ञों और अन्य संस्थानों द्वारा किया गया.

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(इनपुट एजेंसी से)

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