20 रुपए थी शाहिद कपूर की पॉकेटमनी, आज भी उधारी से चलाते हैं काम
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20 रुपए थी शाहिद कपूर की पॉकेटमनी, आज भी उधारी से चलाते हैं काम

शाहिद का कहना है कि वो आज तक पैसों को मैनेज करना नहीं सीख सकें हैं और वह अपने फायनेंशियल कामों के लिए अपने मैनेजर्स और सीए की मदद लेते हैं.

शाहिद ने इंटरव्यू के दौरान कई दिलचस्प बातें साझा की हैं. (फोटो: फाइल)

इन दिनों 'पद्मावत' की सक्सेस को सेलिब्रेट कर रहे बॉलीवुड एक्टर शाहिद कपूर ने गुरूवार को पेश हुए बजट के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ईटी को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि उन्हें लगता है कि सरकार जो बजट किसानों, मिडिल क्लास और महिलाओं पर खर्च कर रही है वह इकॉनोमिक ग्रोथ की गारंटी है.

  1. 12 साल की उम्र में मिला था पहला पे चेक
  2. महिलाओं पर बजट खर्च करना है स्मार्ट डिसीजन
  3. पैसों को मैनेज करना नहीं सीख पाए शाहिद कपूर

शाहिद ने इस इंटरव्यू में यह भी कहा कि वो एक क्रिएटिव शख्स हैं और पैसा बनाने वाले बिजनेस में नहीं हैं. साथ ही कहा कि उन्हें पैसे के दम पर फोर्स नहीं किया जा सकता और न ही वो अपने पैसों को मैनेज करना सीख पाए हैं. अभिनेता ने यह भी कहा है कि उनकी इनकम स्टेबिल नहीं है और यह उनके काम के आधार पर घटती—बढ़ती रहती है.

12 साल की उम्र में मिला था पहला पे चेक
शाहिद ने बताया कि उन्हें उनका पहला पे चेक 12 साल की उम्र में मिला था. ये चेक उन्हें एक टीवी सीरियल में काम करने के लिए दिया गया था. इसी दौरान उन्होंने कुछ एड भी शूट किए थे. इस इंटरव्यू में शाहिद ने कई और भी बातें साझा की हैं. शाहिद ने बताया कि उन्हें 20 रुपए बतौर पॉकेट मनी मिलती थी और इससे वह अक्सर स्कूल जाने के लिए बस के बजाय आॅटो लिया करते थे या फिर इन पैसों को वह वडा पाव पर खर्च करते थे. शाहिद ने कहा कि इन्हीं बातों ने उन्हें पैसे का फंडामेंटल समझाया. साथ ही कहा कि इसी से उन्हें प्रेरणा मिली कि पैसा लिमिटेड है और इसे बहुत समझदारी से खर्च करना चाहिए.

महिलाओं पर बजट खर्च करना है स्मार्ट डिसीजन
शाहिद कपूर ने कहा कि महिलाओं की उन्नति पर सरकार का बजट खर्च करना स्मार्ट डिसीजन है. उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएं हमेशा परिवर्तन लाती हैं, लिहाजा सरकार का महिलाओं पर खर्च करना बुद्धिमानी से भरा निवेश है. साथ ही कहा कि महिलाओं पर बंदिशें लगाने के बजाय उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए.

छोटे शहरों में है खूब स्कोप
शाहिद का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था काफी तेजी से बढ़ रही है और भारतीय बाजार में निवेश के लिए ढेरों अच्छे मौके हैं. उन्होंने कहा थिएटर्स की ही बात करें तो अभी भी छोटे शहरों में फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ने के लिए बहुत ज्यादा स्कोप है.

कैश नहीं रखते शाहिद, उधारी से चलाते हैं काम
शाहिद ने इस इंटरव्यू के दौरान एक और दिलचस्प बात साझा की है, उन्होंने कहा कि वह अभी भी अपना वॉलेट साथ में नहीं रखते हैं और जरूरत पड़ने पर अपने आस—पास मौजूद लोगों से उधार लेकर काम चला लेते हैं. शाहिद ने कहा यहां तक कि मेरी वाइफ मीरा को भी शिकायत रहती है कि मैं अपने क्रेडिट कार्ड के बजाय उसका क्रेडिट कार्ड लेकर चला जाता हूं. उन्होंने कहा इस पर हमेशा मैं यह कहकर डिफेंड करता हूं कि 'मैं पैसे से डील नहीं करता'. साथ ही कहा कि ये बेहद जरूरी है कि पैसों को ठीक से इन्वेस्ट किया जाए.

पैसों को मैनेज करना नहीं सीख पाए शाहिद कपूर
शाहिद का कहना है कि वो आज तक पैसों को मैनेज करना नहीं सीख सकें हैं और वह अपने फायनेंशियल कामों के लिए अपने मैनेजर्स और सीए की मदद लेते हैं. उन्होंने कहा— 'मैं ही नहीं मेरी पूरी फैमिली क्रिएटिव है और हम फायनेंस के मामले में कच्चे ही हैं.'

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