Zee Review: खिलजी की क्रूरता पर रानी पद्मिनी के शौर्य की विजयगाथा है 'पद्मावत'
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Zee Review: खिलजी की क्रूरता पर रानी पद्मिनी के शौर्य की विजयगाथा है 'पद्मावत'

बॉलीवुड में कई एक्‍टर्स हैं जो किसी किरदार के लिए कई तरह के ट्रांसफोर्मेशन करते हैं, लेकिन रणवीर सिंह ने इस फिल्‍म में अपने किरदार के लिए पागलपन की सारी हदें पार की हैं. इस फिल्‍म को हमारी तरफ से मिलते हैं 4 स्‍टार.

Zee Review: खिलजी की क्रूरता पर रानी पद्मिनी के शौर्य की विजयगाथा है 'पद्मावत'

नई दिल्‍ली: संजय लीला भंसाली की फिल्‍मों में अक्‍सर किरदारों से बड़ा उनका कैनवास हो जाता है. लेकिन भंसाली की फिल्‍म 'पद्मावत' में सिनेमाघर से बाहर निकलकर आपके दिमाग में बस एक ही शख्‍स रहेगा, और वह होगा दानव और राक्षस जैसा दिखने वाला अलाउद्दीन खिलजी. भंसाली की यह फिल्‍म मेवाड़ की ऐसी रानी पद्मिनी के बारे में हैं, जिसकी खूबसूरती का दूर-दूर तक नाम था. लेकिन इस फिल्‍म में आपको पद्मावती की खूबसूरती और महारावल रतन सिंह की बहादुरी और राजपूत योद्धाओं का शौर्यगान, सब देखने को मिलेगा. भंसाली ने यूं तो अब तक कई फिल्‍में बनाई हैं, लेकिन 'पद्मावत' को उनके तरकश का सबसे तीखा और दमदार तीर कहना गलत नहीं होगा. रानी 'पद्मावती' के शौर्य की इस कहानी को भंसाली ने काफी खूबसूरती के साथ पेश किया है.

  1. अलाउद्दीन खिलजी के किरदार में छा गए रणवीर सिंह
  2. राजपूती शान और शौर्य की कहानी है 'पद्मावत'
  3. इस फिल्‍म को हमारी तरफ से मिलते हैं 4 स्‍टार

निर्देशक: संजय लीला भंसाली.
कास्‍ट: रणवीर सिंह, शाहिद कपूर, दीपिका पादुकोण, जिम सरभ, आदिति राव हैदरी
रेटिंग: 4 स्‍टार

कहानी
इस फिल्‍म की शुरुआत में ही बता दिया गया है कि फिल्म की कहानी, मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा 1540 में लिखे गए महाकाव्‍य 'पद्मावत' पर आधारित है. यह महाकाव्‍य राजपूत महारानी पद्मावती के शौर्य और वीरता की गाथा कहती है. कहानी की शुरुआत में सिंहलगढ़ की राजकुमारी पद्मावती और मेवाड़ के महारावल रतन सिंह को एक दूसरे से प्‍यार हो जाता है और महारावल उन्‍हें अपनी रानी बनाकर मेवाड़ ले आते हैं. रानी पद्मावती बेहद खूबसूरत होने के साथ ही विदुषी, साहसी और बहुत अच्छी धनुर्धर भी हैं. इस बीच मेवाड़ का राजगुरू, जिसे रानी पद्मावती के चलते देश निकाला की सजा मिलती है, वह अलाउद्दीन खिलजी को रानी पद्मावती के रूप के बारे में बताकर मेवाड़ पर आक्रमण करने के लिए उकसाता है. वहीं अलाउद्दीन खिलजी, जो तख्‍त की ख्‍वाहिश में अपने ही चाचा का कत्ल कर देता है, मेवाड़ पर चढ़ाई कर देता है.

'पद्मावत' यह एक ऐसी कहानी है, जिसे लोगों ने कई बार सुना है. आगे क्‍या होगा यह भी दर्शक जानते हैं, लेकिन उसके बाद भी सिनेमाघर में दर्शक को बिना बोर हुए सीट पर बिठाए रखना ही फिल्‍ममेकर की सबसे बड़ी चुनौती है. इस चुनौती को पूरा करने में संजय लीला भंसाली सफल हुए हैं.

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इस अलाउद्दीन खिलजी से हो जाएगी चिढ़
बॉलीवुड में कई एक्‍टर्स हैं जो किसी किरदार के लिए कई तरह के ट्रांसफोर्मेशन करते हैं, लेकिन रणवीर सिंह ने इस फिल्‍म में अपने किरदार के लिए पागलपन की सारी हदें पार की हैं. एक हीरो होकर, 'पद्मावत' में इस हद तक निगेटिव रोल अदा करने वाले इस पागल एक्‍टर को लोग हमेशा याद रखेंगे. वह अपने सैनिकों को भूखा छोड़कर जानवरों की तरह खाना खाता है और फिर उन्‍हें झूठे आंसू दिखाकर युद्ध के लिए उकसाता है.

वहीं दीपिका पादुकोण की बात करें तो उनकी किरदार की असली जीत थी यह यकीन दिलाने में कि वह वाकई इतनी खूबसूरत रानी लगें कि उनके लिए युद्ध हो जाए. दीपिका अपने इस किरदार में पूरी तरफ सफल रही हैं. वहीं भंसाली के साथ पहली पारी खेल रहे शाहिद कपूर भी अपने इस किरदार में अच्‍छे लगे हैं. फिल्‍म में सप्राइज पैकेज के तौर पर आते हैं, एक्‍टर जिम सरभ, जो अलाउद्दीन खिलजी के पागलपन में उसका पूरा साथ देते हैं. फिल्‍म में अदिति राव हैदरी, छोटे किरदार में हैं लेकिन वह उतनी ही देरी में अपनी छाप छोड़ जाती हैं.

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फिल्‍म के संगीत की बात करें तो 'घूमर' गाना पहले ही काफी हिट हो चुका है. इसके अलावा युद्ध पर जाते महारावल रतन सिंह और रानी पद्म‍िनी के बीच फिल्‍माया गया गाना 'एक दिल है' भी बेहद रूहानी लगता है. फिल्‍म की सबसे अच्‍छी बात है कि ढ़ाई घंटे से ज्‍यादा लंबी यह फिल्‍म आपको कहीं भी थकाऊ या ऊबाऊ नहीं लगती है. यह फिल्‍म थ्रीडी में है, लेकिन मुझे लगता है कि थ्रीडी में अगर यह नहीं भी होती तो ज्‍यादा फर्क नहीं पड़ता.

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