हमसफर ट्रस्ट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपनी खुशी जाहिर की और सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया.
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मुंबई: आईपीसी की धारा 377 के एक हिस्से को अवैध करार देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का एलजीबीटीक्यू (LGBTQ) कम्युनिटी ने स्वागत किया है. लंबे समय से समलैंगिकों के लिए लड़ाई लड़ रहे हमसफर ट्रस्ट ने इस खुशी को सेलिब्रेट करने के लिए मुंबई में परेड निकाली, जिसमें कई एक्टिविस्ट ने भाग लिया.
हमसफर ट्रस्ट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपनी खुशी जाहिर की और सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया. उनका मानना है कि यह एलजीबीटीक्यू कम्यूनिटी के लिए एक नई शुरुआत है. इस फैसले से वह सच बहुत खुश हैं और पिछले 18 सालों की जो लड़ाई वह लड़ रहे थे उसमें आखिरकार उनकी जीत हुई.
अब कानून एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी को क्रिमिनल नहीं मानता. इस बात की खुशी है अब एलजीबीटीक्यू भारतीय अपने मौलिक अधिकारों का वहन कर सकते हैं और अपनी स्वेच्छा से अपनी जिंदगी जी सकते हैं. इसके बाद हमसफर ट्रस्ट का मानना है कि उनकी आगे की लड़ाई लीगल रिकग्निशन, मैरिज राइट्स, एंप्लॉयमेंट राइट्स, एंटी डिस्क्रिमिनेशन, लॉ और एडॉप्शन साथ ही बाकी की लीगल राइट्स की लड़ाई होगी.
#WATCH: Humsafar Trust takes out LGBT pride parade in Mumbai after Supreme Court legalises homosexuality. #Section377 pic.twitter.com/BVo7csNX5a
— ANI (@ANI) September 6, 2018
मुंबई की सड़कों पर सेलिब्रेशन यह रंगीन नजारा सांताक्रुज में हमसफर ट्रस्ट के ऑफिस से लेकर कलीना तक गया, जिसमें बड़ी संख्या में एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी के एक्टिविस्ट ने पार्टिसिपेट किया. एलजीबीटीक्यू के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे अशोक रो कवि का कहना है कि अब जाकर हमें न्याय मिला है.
We have finally got justice. We are finally 'azaad in azaad Hind': Ashok Row Kavi, LGBT rights activist and founder of Humsafar Trust on Supreme Court legalises homosexuality pic.twitter.com/F2dBq5SLti
— ANI (@ANI) September 6, 2018
हमसफर ट्रस्ट के फाउंडर चेयर पर्सन अशोक ने कहा कि ये हमारे संघर्ष का सुखद परिणाम है. इस ट्रस्ट के मेंबर विवेकानंद, सोहेल अब्बासी, जसविंदर सिंह और गौतम यादव भी इस केस में याचिकाकर्ता थे.