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नई दिल्ली : बॉलीवुड सिंगर सोनू निगम ने बीते सोमवार की सुबह मस्जिदों में होने वाली अज़ान को लेकर ट्वीट किया. इसके बाद सोशल मीडिया पर एक नई बहस शुरू हो गई. कुछ लोगों ने इस मामले में सोनू का विरोध किया तो कुछ लोगों ने सोनू का साथ दिया. अज़ान के इस मुद्दे पर बॉलीवुड भी दो धड़ों में बंटा नजर आया.
सोनू निगम को संगीत की शिक्षा देने वाले को उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने एक साथ कई ट्वीट कर अपने शिष्य का बचाव किया है. मुस्तफा खान ने लिखा कि मीडिया उनसे सोनू के ट्वीट पर अपनी राय व्यक्त करने के लिए कह रहा है.
@sonunigam @namratagupta @rabbanimk Media has been approaching me to know my point of view about sonu nigam tweet!
— Ghulam Mustafa Khan (@iUGMK) April 21, 2017
उन्होंने लिखा कि सोनू मेरा शिष्य है और मेरे बेटे की तरह है. मैं उसे जानता हूं, वो किसी को दुख नहीं पहुंचा सकता, वो सबकी इज़्ज़त करता है.
@sonunigam @namratagupta @rabbanimk He is my student and like my son.I know him,he wont hurt anyone .He respects all.
— Ghulam Mustafa Khan (@iUGMK) April 21, 2017
इस आरोप पर कि सोनू निगम ने एक वर्ग विशेष के विरुद्ध टिप्पणी की, उनके गुरु मुस्तफा खान ने कहा कि हमें इसे धार्मिक रंग नहीं देना चाहिए, उसने हर धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर के प्रयोग पर सवाल उठाए हैं.
@sonunigam @namratagupta @rabbanik Lets not misinterpret and give religious tinge.He questiones the use of lodspeaker in religious places
— Ghulam Mustafa Khan (@iUGMK) April 21, 2017
उसने मंदिरों और गुरुद्वारा में भी लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर सवाल उठाएं हैं, लेकिन वो एक ट्वीट में ऐसा नहीं कर पाया क्यूंकि यहां शब्द सीमा होती है.
@sonunigam @namratagupta @rabbanimk Like temples and gurudwaras as well which ij continuation he has tweeted due to limitations of words
— Ghulam Mustafa Khan (@iUGMK) April 21, 2017
जैसे मैं एक सिलसिले में ट्वीट कर रहा हूँ, सोनू ने भी ऐसे ही अलग-अलग ट्वीट किये.
@sonunigam @namratagupta @rabbanimk which cant be posted in one https://t.co/otyDSOV6aQ I m posting in continuation of so many tweets
— Ghulam Mustafa Khan (@iUGMK) April 21, 2017
इसके बाद सोनू के गुरु ने कहा कि अगर अब भी किसी को लगता है कि उसने किसी की भावनाएं आहत कीं तो उसे सफाई के बाद माफ़ कर देना चाहिए.
@sonunigam @namratagupta @rabbanimk & even if every1 feels he has hurted d religious sentiments dey shud forgive him after clarifications
— Ghulam Mustafa Khan (@iUGMK) April 21, 2017
उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान ने अंत में अपील की है कि हमें शांति बनाए रखनी चाहिए और इंसानियत को सबसे ऊपर रखना चाहिए.
@sonunigam @namratagupta @rabbanimk Lets maintain peace !And put Humanity above all!
— Ghulam Mustafa Khan (@iUGMK) April 21, 2017
बता दें कि सोनू निगम बीते सोमवार एक के बाद एक चार ट्वीट किए थे. उन्होंने लिखा था कि लाउडस्पीकर से दी जाने वाली अज़ान से उनकी नींद खराब होती है और जब वह मुस्लिम नहीं हैं तो वह इस धार्मिक कट्टरता को बर्दाश्त करें. ऐसा करना तो सरासर गुंडागर्दी है. हालांकि, सोनू निगम ने अपने निशाने पर मंदिर और गुरुद्वारों में बजने वाले लाउडस्पीकर को भी लिया था.
इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था. इस बहस में सोशल मीडिया को मानो जंग का मैदान ही बन गया था. इसके बाद उनके इस ट्वीट पर विवाद पैदा हो गया था. एक मुस्लिम नेता और पश्चिम बंगाल अल्पसंख्यक यूनाइटेड काउंसिल के उपाध्यक्ष सैयद शाह आतेफ अली कादरी ने फतवा तक जारी किया था. उन्होंने कहा था कि जो कोई भी सोनू निगम को गंजा करेगा और पुराने जूते की माला पहनाएगा उसे 10 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा.
इस फतवे पर सोनू निगम ने खुद ही अपने बाल मुड़वा दिए थे. उन्होंने कहा कि उनके हेयर ड्रेसर ने उनको गंजा कर दिया है. लिहाजा मौलवी को 10 लाख रुपए उनके ड्रेसर को देने चाहिए.
रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखते हैं उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान
साल 1931 में बदायूं में जन्मे गुलाम मुस्तफा रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखते हैं. अपनी प्रतिभा से उन्होंने देश-विदेश में यूपी का नाम रोशन किया. 1991 में वे पद्मश्री से नवाजे गए और 2003 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला. इसके बाद साल 2006 में वह पद्मभूषण से सम्मानित हुए.