अज़ान विवाद पर सोनू को मिला 'गुरु' का साथ, कहा- वो किसी को दुख नहीं पहुंचा सकता
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अज़ान विवाद पर सोनू को मिला 'गुरु' का साथ, कहा- वो किसी को दुख नहीं पहुंचा सकता

बॉलीवुड सिंगर सोनू निगम ने बीते सोमवार की सुबह मस्जिदों में होने वाली अज़ान को लेकर ट्वीट किया. इसके बाद सोशल मीडिया पर एक नई बहस शुरू हो गई. कुछ लोगों ने इस मामले में सोनू का विरोध किया तो कुछ लोगों ने सोनू का साथ दिया. अज़ान के इस मुद्दे पर बॉलीवुड भी दो धड़ों में बंटा नजर आया. 

लाउडस्पीकर विवाद में सोनू निगम को मिला अपने 'गुरु' का साथ (PIC : TWITTER)

नई दिल्ली : बॉलीवुड सिंगर सोनू निगम ने बीते सोमवार की सुबह मस्जिदों में होने वाली अज़ान को लेकर ट्वीट किया. इसके बाद सोशल मीडिया पर एक नई बहस शुरू हो गई. कुछ लोगों ने इस मामले में सोनू का विरोध किया तो कुछ लोगों ने सोनू का साथ दिया. अज़ान के इस मुद्दे पर बॉलीवुड भी दो धड़ों में बंटा नजर आया. 

सोनू निगम को संगीत की शिक्षा देने वाले को उस्‍ताद गुलाम मुस्‍तफा खान ने एक साथ कई ट्वीट कर अपने शिष्य का बचाव किया है. मुस्तफा खान ने लिखा कि मीडिया उनसे सोनू के ट्वीट पर अपनी राय व्यक्त करने के लिए कह रहा है.

उन्होंने लिखा कि सोनू मेरा शिष्य है और मेरे बेटे की तरह है. मैं उसे जानता हूं, वो किसी को दुख नहीं पहुंचा सकता, वो सबकी इज़्ज़त करता है.

इस आरोप पर कि सोनू निगम ने एक वर्ग विशेष के विरुद्ध टिप्पणी की, उनके गुरु मुस्तफा खान ने कहा कि हमें इसे धार्मिक रंग नहीं देना चाहिए, उसने हर धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर के प्रयोग पर सवाल उठाए हैं.

उसने मंदिरों और गुरुद्वारा में भी लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर सवाल उठाएं हैं, लेकिन वो एक ट्वीट में ऐसा नहीं कर पाया क्यूंकि यहां शब्द सीमा होती है.

जैसे मैं एक सिलसिले में ट्वीट कर रहा हूँ, सोनू ने भी ऐसे ही अलग-अलग ट्वीट किये.

इसके बाद सोनू के गुरु ने कहा कि अगर अब भी किसी को लगता है कि उसने किसी की भावनाएं आहत कीं तो उसे सफाई के बाद माफ़ कर देना चाहिए.

उस्‍ताद गुलाम मुस्‍तफा खान ने अंत में अपील की है कि हमें शांति बनाए रखनी चाहिए और इंसानियत को सबसे ऊपर रखना चाहिए.

बता दें कि सोनू निगम बीते सोमवार एक के बाद एक चार ट्वीट किए थे. उन्होंने लिखा था कि लाउडस्पीकर से दी जाने वाली अज़ान से उनकी नींद खराब होती है और जब वह मुस्ल‍िम नहीं हैं तो वह इस धार्मिक कट्टरता को बर्दाश्त करें. ऐसा करना तो सरासर गुंडागर्दी है. हालांकि, सोनू निगम ने अपने निशाने पर मंदिर और गुरुद्वारों में बजने वाले लाउडस्पीकर को भी लिया था.

इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था. इस बहस में सोशल मीडिया को मानो जंग का मैदान ही बन गया था. इसके बाद उनके इस ट्वीट पर विवाद पैदा हो गया था. एक मुस्लिम नेता और पश्चिम बंगाल अल्पसंख्यक यूनाइटेड काउंसिल के उपाध्यक्ष सैयद शाह आतेफ अली कादरी ने फतवा तक जारी किया था. उन्होंने कहा था कि जो कोई भी सोनू निगम को गंजा करेगा और पुराने जूते की माला पहनाएगा उसे 10 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा. 

इस फतवे पर सोनू निगम ने खुद ही अपने बाल मुड़वा दिए थे. उन्होंने कहा कि उनके हेयर ड्रेसर ने उनको गंजा कर दिया है. लिहाजा मौलवी को 10 लाख रुपए उनके ड्रेसर को देने चाहिए. 

रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखते हैं उस्‍ताद गुलाम मुस्‍तफा खान 

साल 1931 में बदायूं में जन्मे गुलाम मुस्तफा रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखते हैं. अपनी प्रतिभा से उन्होंने देश-विदेश में यूपी का नाम रोशन किया. 1991 में वे पद्मश्री से नवाजे गए और 2003 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला. इसके बाद साल 2006 में वह पद्मभूषण से सम्मानित हुए.

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