INS Jatayu और 'रोमियो' करेंगे पहरेदारी, हिंद महासागर में बजने वाला है चीन का बैंड
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INS Jatayu और 'रोमियो' करेंगे पहरेदारी, हिंद महासागर में बजने वाला है चीन का बैंड

Indian Naval Base In Lakshadweep: लक्षद्वीप के मिनिकॉय आइलैंड पर भारतीय नौसेना का नया बेस तैयार है. अगले हफ्ते, INS जटायु को नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा.

INS Jatayu और 'रोमियो' करेंगे पहरेदारी, हिंद महासागर में बजने वाला है चीन का बैंड

INS Jatayu Minicoy Island: हिंद महासागर में भारतीय हितों की रखवाली के लिए एक और योद्धा तैयार है. लक्षद्वीप में अगले हफ्ते नौसेना के नए बेस की शुरुआत होगी. मिनिकॉय में INS जटायु की कमिशनिंग सेरेमनी में दो एयरक्राफ्ट कैरियर भी मौजूद रहेंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में मिनिकॉय का नेवल बेस देश की सेवा में समर्पित किया जाएगा. इस मौके पर MH 60R 'रोमियो' हेलिकॉप्‍टर्स की टुकड़ी भी नौसेना का हिस्सा बनेगी. INS जटायु और 'रोमियो' स्‍क्‍वाड मिलकर हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) को और सुरक्षित बनाएंगे. IOR पर चीन की गंदी नजर है. INS जटायु अंडमान में मौजूद नेवल बेस, INS बाज जैसा ही होगा. यह भी सभी तरह के लड़ाकू विमानों और एयरक्राफ्ट को हैंडल कर पाएगा. 

मिलिट्री हब बनेगा लक्षद्वीप का मिनिकॉय

मिनिकॉय आइलैंड को अगले कुछ सालों में बड़ा मिलिट्री हब बनाने का प्‍लान है. इतना बड़ा कि वहां पर फाइटर एयरक्राफ्ट ऑपरेट कर पाएं. मिनिकॉय में नई एयरफील्ड बनाने के प्‍लान ने भी रफ्तार पकड़ी है. नई एयरफील्‍ड पर मिलिट्री एयरक्राफ्ट्स के साथ-साथ कमर्शियल विमान भी ऑपरेट कर पाएंगे. इससे न सिर्फ भारत की सैन्‍य क्षमता मजबूत होगी बल्कि टूरिज्‍म को भी बढ़ावा मिलेगा. अगाती में मौजूद इकलौती एयरफील्ड का विस्तार करने की भी योजना है. उसके बाद वहां पर सुखोई-30 और राफेल जैसे लड़ाकू विमान ऑपरेट कर सकेंगे.

हिंद महासागर में मौजूदगी बढ़ा रहा चीन

चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है. उसके पास 360 से ज्‍यादा युद्धपोत और पनडुब्बियां हैं. चीन ने पिछले कुछ सालों में हिंद महासागर में पैठ बढ़ाई है. भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने पिछले साल कहा था कि किसी भी समय IOR में, चीन के कम से कम छह से आठ युद्धपोत मौजूद रहते हैं. इसके अलावा, कई रिसर्च और जासूसी जहाजों के जरिए चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र में 'लगातार मौजूदगी' बनाए रखी है. चीन इस कोशिश में भी है कि अफ्रीका से लेकर मलक्का स्ट्रेट तक लॉजिस्टिक बेस स्थापित कर ले.

बीजिंग ने हिंद महासागर में विस्तार के लिए हाइब्रिड रणनीति अपनाई. चीन ने पाकिस्तान और अन्य दक्षिण एशियाई देशों को झांसे में लिया. हिंद महासागर में अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए चीन ने क्षेत्रीय शक्तियों की उसपर बढ़ती आर्थिक निर्भरता का खूब फायदा उठाया. मालदीव इसका ताजा उदाहरण है. बड़े देशों में केवल चीन ही ऐसा है जिसने हिंद महासागर के हर आइलैंड देश (श्रीलंका, मालदीव, मॉरीशस, सेशेल्स, मेडागास्कर और कोमोरोस) में दूतावास रखे हैं. चीन की PLA नेवी लगातार विदेश में नए ठिकाने तलाश रही है. अफ्रीका में जिबूती से लेकर पाकिस्तान में कराची और ग्वादर तक चीन पहुंच बना रहा है.

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हिंद महासागर क्षेत्र (मैप : Library Of US Congress)

चीन से मुकाबले को भारतीय नौसेना की तैयारी

भारतीय नौसेना को चीनी खतरे का भली भांति अंदाजा है. नेवी के पास अभी 132 युद्धपोत, 143 एयरक्राफ्ट और 130 हेलिकॉप्टर हैं. सितंबर 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2 लाख करोड़ रुपये की लागत पर 68 युद्धपोतों और जहाजों का ऑर्डर दिया जा चुका है. अनुमान है कि 2030 तक 155-160 युद्धपोत हो जाएंगे. इसकी तुलना में चीन बड़ी तेजी से अपनी नौसेना का विस्तार कर रहा है. अगले पांच-छह साल में उसके युद्धपोतों की संख्या 550 से ज्‍यादा हो सकती है. तब तक शायद चीन IOR में अपने एयरक्राफ्ट कैरियर भी उतार दे.

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