दुबले-पतले और कम वजन वाले व्यक्तियों की समस्याओं के लिए अश्वगंधा और शतावरी जैसी आयुर्वेदिक औषधियां किसी चमत्कार से कम नहीं है.
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आजकल सभी युवा आकर्षक और मजबूत बॉडी बनाना चाहते. जिसके लिए बाजारों में तरह-तरह की दवाइयां, स्पलिमेंट भी मौजूद हैं. पर इन सबके इस्तेमाल से हम अपनी बॉडी को आकर्षक तो बना लेते है लेकिन प्राकृतिक मजबूती बॉडी में नहीं रहती और इन सब बनावटी प्रॉडक्ट्स के साइड इफेक्ट भी हमें बाद में झेलने पढ़ते हैं. इसलिए आज हम आपको प्राकृतिक तरीकों से दुबलापन दूर करने के उपाय बताएंगें. क्योंकि नियमित इन औषधियों के सेवन से दुर्बल व्यक्ति भी बलवान हो सकता है. आज हम आपको अश्वगंधा और शतावरी औषधियों के सेवन की विधि और इसके लाभ के बारे में इस लेख में बताएंगें.
कौन-कौन कर सकता है सेवन
अश्वगंधा और शतावरी का सेवन पुरूष और महिला द्वारा किसी भी उम्र में किया जा सकता है. इन दोनों औषधियों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो मुश्किल बीमारियों को दूर करने में मदद करते हैं. आयुर्वेद के अनुसार, इस औषधि का असर एक सप्ताह के अंदर ही दिखने लगता है. इसके तेजी से वजन बढ़ता है.
सेवन की विधि
इसके सेवन की विधि बहुत ही आसान है. अश्वगंधा और शतावरी का चूर्ण मार्केट में बड़ी आसानी से मिल जाता है. आप अगर चाहें तो 100-100 ग्राम के पैकेट लेकर उन्हें एकसाथ मिला लें, और फिर रोजाना दिन में दो बार आधा चम्मच यानी लगभग 5 ग्राम चूर्ण को गर्म दूध में मिलाकर पी सकते हैं लेकिन आपको बता दें कि इसके सेवन के साथ-साथ व्यायाम करना भी जरूरी हैं.
अश्वगंधा के गुण
अश्वगंधा एक ऐसी औषधि हैं जो बॉडी की शक्ति, ताकत और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है. शरीर को ताकत, यह तनाव, अनिद्रा और आलस, थकान आदि दूर करने में लाभदायक सिद्ध होता है. यह नपुंसकता को दूर करने, कामुकता को बढाने और सेक्स संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए भी प्रयोग में लाई जाती है. इसके अलावा खून की खराबी, पेट के कीड़े और पाचन क्रिया ठीक करने में भी लाभदायक है.
शतावरी के गुण
शतावरी एक ऐसी औषधि हैं जिसकी जड़े हमारी उंगलियों जैसी दिखाई देती हैं. इनकी संख्या सौ या सौ से अधिक होती है. इसलिए इसे शतावर कहा जाता है. पुरुष और महिला दोनों इसका प्रयोग कर सकते है. दोनों के लिए यह फायदेमंद होती है. लेकिन आयुर्वेद कहता है कि महिलाओं के लिए शतावरी सर्वोत्तम होती है.
जवान बनाएं
शतावर या शतावरी आपको हमेशा जवान बने रहने में मदद करती है इसे खाने से वेट बढ़ता है. जिन व्यक्तियों में कमजोरी और निर्बलता, धातु दुर्बलता, नपुंसकता, शारीरिक क्षीणता है उनके लिए शतावरी बहुत गुणकारी होती है. यह रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ाती है. इससे स्पर्म काउंट भी बढ़ता है और माइग्रेन व खांसी सहित कई बीमारियों के इलाज में काम आती है.