हैंड वॉश और टूथपेस्ट में पाए जाने वाले जीवाणुरोधी संघटक ट्राइक्लोजन से गट बैक्टीरिया (अंतड़ियों में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीव) बदल सकते हैं जिनसे मलाशय के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है.
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वॉशिंगटन: हैंड वॉश और टूथपेस्ट में पाए जाने वाले जीवाणुरोधी संघटक ट्राइक्लोजन से गट बैक्टीरिया (अंतड़ियों में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीव) बदल सकते हैं जिनसे मलाशय के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. ‘साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया कि चूहों पर किए गए प्रयोग में उनमें ट्राइक्लोजन से मलाशय में जलन हुई और उससे जुड़े कैंसर की रफ्तार बढ़ गई.
अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ मेसाचुसेट्स अम्हर्स्ट के गुओदांग झांग ने कहा, ‘‘इन नतीजों से पहली बार पता चला कि ट्राइक्लोजन से हमारी अंतड़ियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि जीवाणुरोधी संघटक के रूप में ट्राइक्लोजन का व्यापक इस्तेमाल हो रहा है और यह 2,000 से ज्यादा उपभोक्ता उत्पादों में पाया जाता है.
चाय पीने से कम होता है कैंसर का खतरा
अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में किए गए शोध के अनुसार चाय खासकर काली और हरी चाय पीने से कैंसर का खतरा कम हो जाता है क्योंकि इनमें ‘एंटी-आक्सीडेंट’ तत्व मौजूद होते हैं. विस्कोनसिन विश्वविद्यालय से जुड़े शोधकर्ता हसन मुख्तार ने कहा था कि दुनिया भर में चाय एक लोकप्रिय पेय है और इसमें स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद तत्व होने का पता लगा गया था. इंडियन टी एसोसिएशन द्वारा शुक्रवार को यहां आयोजित एक सेमिनार में मुख्तार ने कहा था कि हरी चाय में कैंसर निवारक प्रभाव होने का पता लगा है.
उन्होंने कहा था कि चाय पीना न सिर्फ कैंसर बल्कि मधुमेह और हृदय रोगों में भी उपयोगी होता है. मुख्तार ने कहा कि विभिन्न अध्ययनों से संकेत मिलता है कि जो लोग नियमित रूप से चाय पीते हैं, उनमें कई प्रकार के कैंसर का खतरा कम हो जाता है. उन्होंने कहा कि इसकी वजह चाय में ‘एंटी-आक्सीडेंट’ तत्व की मौजूदगी है जो मानव शरीर में कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं को रोकता है .
कैंसर के खतरे को कम करने के आसान टिप्स
इनपुट भाषा से भी