थ्रोंबिन ट्यूमर तक पहुंचने वाले खून को रोकने के लिए नसों के भीतर मौजूद उस खून को जमा देता है जो ट्यूमर को बढ़ने में मदद करता है।
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वाशिंगटनः हाल ही में वैज्ञानिकों मे डीएनए ओरिगेमी की मदद से ऐसे नैनो रोबोट विकसित किए हैं, जो ट्यूमर तक पहुंचने वाली रक्त आपूर्ति बाधित कर उन्हें संकुचित कर सकते हैं। इस तकनीक के जरिए कैंसर के नए-नए इलाज के रास्ते खुल सकते हैं। हर नैनो रोबोट एक चपटे, डीएनए ओरिगेमी शीट से तैयार किया गया है।
खून के जमने में निभाते हैं अहम भूमिका
वैज्ञानिकों ने बताया कि इनकी सतह पर थ्रोंबिन नामक इंजाइम होता है जो खून के जमने में अहम भूमिका निभाता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि थ्रोंबिन ट्यूमर तक पहुंचने वाले खून को रोकने के लिए नसों के भीतर मौजूद उस खून को जमा देता है जो ट्यूमर को बढ़ने में मदद करता है। इससे ट्यूमर में एक तरह का छोटा ‘ह्रदयाघात’ होता है जिससे ट्यूमर की कोशिकाएं मर जाती हैं।
पहला स्वतंत्र डीएनए रोबोटिक सिस्टम विकसित
अमेरिका की एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के हाओ यान ने कहा कि ‘‘हमने सटीक दवाओं के डिजाइन और कैंसर थेरापी के लिए पहला स्वतंत्र डीएनए रोबोटिक सिस्टम विकसित कर लिया है।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘इसके अलावा यह तकनीक एक रणनीति भी है जिसे कैंसर के कई प्रकार में इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि ट्यूमर को बढ़ावा देने वाली सभी नसें लगभग समान होती हैं।’’
''मिसाल मैन'' ने बताया था नैनो रोबोट्स हैं इलाज में मददगार
पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने 'डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड टैक्नोलॉजी' (डीआईएटी) के छात्रों को संबोधित करते हुए बताया था कि जब नैनो रोबोट्स को मरीज के शरीर में प्रवेश कराया जाएगा तो वे रोग की पहचान कर प्रभावित हिस्से का इलाज कर सकेंगे। बाद में इन रोबोट्स का शरीर में ही पाचन हो जाएगा। ये रोबोट डीएनए पर आधारित उत्पाद होंगे। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ रहे जैव और नैनो तकनीक के इस्तेमाल से नैनो रोबोट्स का विकास हो सकता है और ये रोबोट्स मरीजों के इलाज में मददगार हो सकते हैं।