ऑफिस के दौरान ज्यादातर लोग लगातार कंप्यूटर स्क्रीन के सामने लगातार कु्र्सी पर जमे रहते हैं. ऑफिस से फ्री हुए तो मोबाइल पर चिपक जाते हैं. यहां तक कि घर में खाने खाते हुए भी हम या तो मोबाइल में बिजी रहते हैं या फिर हमारी आंखे टीवी स्क्रीन पर रहती हैं.
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नई दिल्ली : भागम-भाग के इस जीवन में हर चीज पर ध्यान दे रहे हैं, बस सेहत को छोड़कर. हम सेहत पर पूरा क्या थोड़ा-बहुत भी ध्यान नहीं दे पा रहे हैं. दिन के आठ से दस घंटे हम ऑफिस में बिताते हैं. ऑफिस के दौरान ज्यादातर लोग लगातार कंप्यूटर स्क्रीन के सामने लगातार कु्र्सी पर जमे रहते हैं. ऑफिस से फ्री हुए तो मोबाइल पर चिपक जाते हैं. यहां तक कि घर में खाने खाते हुए भी हम या तो मोबाइल में बिजी रहते हैं या फिर हमारी आंखे टीवी स्क्रीन पर रहती हैं.
रोजमर्रा के जीवन में आए इस बदलाव से सबसे ज्यादा नुकसान अगर हो रहा है तो वह हमारी सेहत को हो रहा है. ऑफिस में लगातार एक ही रूटीन में काम करते रहना और काम तथा कंप्टीशन का प्रेशर कहीं ऑफिस को बीमारी का घर तो नहीं बना रहा है. इस बात का हमें ख्याल रखना होगा. क्योंकि इस तरह का वर्क कल्चर हमारी सेहत पर नगेटिव असर डाल रहा है. डॉक्टरों के पास भी तनाव, ब्लड प्रेशर, सर्वाइकल आदि के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में जरूरी है कि हम अपने रूटीन काम में थोड़ा बदलाव करें और सेहत पर ध्यान दें. यहां हम ऐसे ही कुछ टिप्स बता रहे हैं जिनको ध्यान में रखकर आप खुद को फिट रख सकते हैं.
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बीच-बीच में लेते रहें ब्रेक
आजकल 5 डे वीक कल्चर के कारण काम के घंटे 9 हो गए हैं. और ऐसा कम ही हो पाता है कि हम नौ घंटे में ही ऑफिस छोड़ दें. कभी-कभी तो ड्यूटी अवर्स 10-11 घंटे हो जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि ऑफिस में काम के बीच में थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर ब्रेक लेते रहें. ब्रेक लेकर चहलकदमी करें. ऑफिस से बाहर निकलकर धूप-हवा का आनंद लें. ऑफिस में आने-जाने के लिए लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें. क्योंकि लगातार बैठे रहने से चर्बी तो बढ़ती ही है, साथ ही शरीर में जकड़न भी आती है.
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आंखों का रखें ख्याल
आज का वर्क कल्चर कंप्यूटर या मोबाइल पर सिमट कर रह गया है. इसलिए आंखें हमेशा या तो कंप्यूटर स्क्रीन पर या फिर मोबाइल सैट पर जमी रहती हैं. यही वजह है कि आंखों में दर्द, दिखाई देने में परेशानी और सिरदर्द जैसी दिक्कतें देखी गई हैं. घंटे-दो घंटे बाद थोड़ा सा ब्रेक लेकर आंखों को आराम दें. आंखें को ताजा पानी से साफ करते रहें.
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फलों को शामिल करें डाइट में
वर्क कल्चर के साथ-साथ हमारी फूड हैबिट भी बदली है. हम में से ज्यादातर लोग रेडिमेड खाने पर निर्भर हो गए हैं. ऑफिस में काम करते हुए हम कितनी चाय-कॉपी पी जाते हैं, पता ही नहीं चलता. इस तरह की कल्चर कहीं ना कहीं हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा रही है और हमें इस बात का जरा भी पता नहीं चलता, जब तक कोई गंभीर बीमारी ना हो जाए. इसलिए जरूरी है कि चाय-कॉफी से जहां तक हो सकें दूर रहें. खाने में फलों को शामिल करें और खाना भी ब्रेक लेकर खाएं. यानी लंच टाइम में ही एकबार में खाना ना खाएं. उसी खाने को दो या तीन बार ब्रेक लेकर खाएं.
नेचर से करें दोस्ती
हम तड़के घर से ऑफिस के लिए निकलते हैं और देर शाम घर में घुसते हैं. धूप, हवा, चांद, सूरज से हम कम ही रूबरू हो पाते हैं. शरीर को धूप या ताजा हवा ना मिलना भी बीमारी का सबसे बड़ा कारण है. हड्डियों के लिए सूरज की सीधी धूप और ताजा हवा बहुत जरूरी होती है. इसलिए लगातार कुर्सी पर बैठे रहने के बजाए बीच-बीच में उठकर ऑफिस से बाहर निकलकर धूप या हवा का आनंद लेना जरूरी है.