अगली बार अगर कोई आपको लोगों से कम मिलने जुलने और चुप बैठने की सलाह दें तो उस पर बिल्कुल भी ध्यान न दें क्योंकि मिलनसार और लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित लोगों में अवसाद और बेचैनी होने का खतरा कम होता है.
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वाशिंगटन : अगली बार अगर कोई आपको लोगों से कम मिलने जुलने और चुप बैठने की सलाह दें तो उस पर बिल्कुल भी ध्यान न दें क्योंकि मिलनसार और लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित लोगों में अवसाद और बेचैनी होने का खतरा कम होता है. एक अध्ययन में यह पता चला है कि तंत्रिका रोग से ग्रसित लोगों में अवसाद और बेचैनी होने का खतरा अधिक होता है लेकिन अगर ये लोग बहुत ज्यादा बहिर्मुखी और कर्तव्यनिष्ठ हैं तो वे इन समस्याओं से बच सकते हैं.
न्यूरोटिसिज्म में व्यक्ति में विभिन्न नकारात्मक भावनाएं दिखाई देती हैं. मिलनसार और कर्तव्यनिष्ठा के साथ ही सहमति और खुलापन उन पांच गुणों में शामिल हैं जिनके मौजूद रहने पर किसी भी व्यक्ति के अवसादग्रस्त होने का खतरा कम होता है.
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अमेरिका में यूनिवर्सिटी एट बफेलो की क्रिस्टीन नारागोन गैनी ने कहा, 'अगर कोई बहुत ज्यादा मिलनसार है तो वह समाज से समर्थन जुटा सकता है या सामाजिक माध्यमों के जरिए अपनी सकारात्मक भावनात्मकता बढ़ा सकता है.' इसी तरह एकाग्रचित्तता से अपने लक्ष्य के प्रति काम करने से अवसाद से बचा जा सकता है. यह अध्ययन जर्नल ऑफ रिसर्च इन पर्सनालिटी में प्रकाशित हुआ है.
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