25-35 के उम्र में ऐसा क्या करना चाहिए जिससे डायबिटीज न हो
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25-35 के उम्र में ऐसा क्या करना चाहिए जिससे डायबिटीज न हो

बदलती दुनिया के कदम से कदम मिलाकर चलना और रोज़ मिलनेवाली तमाम चुनौतियों का सामना करना ही ज़िंदादिली है। भला आज ऐसा कौन है जिसे चैलेंज न पसंद हो? ऐसी ही एक चुनौती बन गया है डायबिटीज़ जिसका असर आज हर उम्र के लोगों पर पड़ रहा है।

25-35 के उम्र में ऐसा क्या करना चाहिए जिससे डायबिटीज न हो

नई दिल्ली : बदलती दुनिया के कदम से कदम मिलाकर चलना और रोज़ मिलनेवाली तमाम चुनौतियों का सामना करना ही ज़िंदादिली है। भला आज ऐसा कौन है जिसे चैलेंज न पसंद हो? ऐसी ही एक चुनौती बन गया है डायबिटीज़ जिसका असर आज हर उम्र के लोगों पर पड़ रहा है।

वर्ल्ड डायबिटीज़ फेडरेशन ने हाल ही में आंकड़ें ज़ाहिर किए जिसके मुताबिक 25-35 वर्ष की उम्र के हर दूसरे व्यक्ति को डायबिटीज़ का ख़तरा है। भारत में 6 करोड़ से अधिक लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हैं और दुनियाभर के डायबिटीज़ के मरीज़ों का 17% हिस्सा भारत में मौजूद है। आप इन आंकड़ों से ही अंदाज़ा लगा सकते हैं कि यह चुनौती कितनी बड़ी है! भारतीय मूल के लोगों में डायबिटीज़ की संभावना अधिक होती है। इसलिए समय आ गया है कि हम इस चुनौती का डटकर सामना करें।

डायबिटीज़ किसी भी उम्र में आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है। डायबिटीज ऐसी बीमारी है जो एक बार हो जाये तो ज़िंदगी भर आपको परेशान कर सकती है। लेकिन ज़िंदगी की कहानी वह नहीं किस्मत लिखती है बल्कि वह है जो आप लिखते हैं, है ना? आप जैसी ही कुछ सोच रखता है फॉर्चून विवो जिसने की है एक खास पहल -#makeindiadiabetesfree ज़िंदगी और अपने परिवार से प्यार करनेवाले आप जैसे कई लोग जुड़ रहे हैं इस मुहिम से। इंडिया को डायबिटीज़ फ्री बनाने का मतलब है आपकी बेहतर शिक्षा, स्वास्थ, कामकाज़ और स्पोर्टस में सफलता के आधार पर देश को नयी बुलंदियों तक पहुंचाना। जानते हैं आप इतनी सारी खुशियों और ज़िंदगी में सबसे आगे रहने के लिए हम सबको बस थोड़ी सी एक्सरसाइज़, हेल्दी लाइफस्टाइल और डायट अपनाने का काम करना होगा। जिस तरह हमने अपनी समझदारी और प्रयास से भारत को पोलियो मुक्त किया है उसी तरह भारत को डायबिटीज़ फ्री बनाने की तरफ मज़बूत कदम उठाने होगें। अगर भारत का हर एक नागरिक खुद को और अपने परिवार को डायबिटीज फ्री रखने की पहल में योगदान दें वह दिन दूर नहीं जब हमारा प्यारा देश डायबिटीज़ मुक्त हो जायेगा।

चुनौतियों को स्वीकार करने की हमारी आदत को ध्यान में रखते हुए फॉर्चून विवो ऑयल लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए आगे आया है। वर्ल्ड डायबिटीज़ डे के मौके पर फॉर्चून डायबिटीज़ मूवमेंट का ज़िक्र ज़रूर करेंगे। फॉर्चून विवो का मानना है कि हम सभी के पास मौका है डायबिटीज़ से बचने का, हेल्दी लाइफस्टाइल की मदद से डायबिटीज़ को हराते हुए ज़िंदगी में बहुत कुछ हासिल करने का। डायबिटीज़ से आगे रहने की ज़ुर्रत करनेवाले ऐसे ही लोगों का जज़्बा बयां करती है फॉर्चून विवो की नयी एडवर्टाइज़मेंट फ़िल्म जो दर्शाती है सेहत और परिवार की खुशियों के लिए हेल्दी खाना खाने की अहमियत। वैसे भी हम भारतीय रूकना नहीं जानते, तो चलिए साथ मिलकर बढ़ते हैं ज़िंदगी को बेहतर बनाने की राह पर।

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आखिर क्या है डायबिटीज़?

हमारे शरीर को काम करने के लिए आवश्यक शक्ति ग्लूकोज़ से मिलती है। जो ग्लूकोज़ हम खाते हैं उसके अवशोषण या उसे एब्जॉर्ब करने के लिए इन्सूलिन की ज़रूरत है जो पैनक्रियास से निकलती है। डायबिटीज़ वह अवस्था है जब शरीर में ग्लूकोज़ की मात्रा इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि पैनिक्रयास इन्सूलिन नहीं बना पाता है। इस अवस्था का पूरा भार हमारे खान-पान पर होता है इसलिए हेल्दी डायट पर ध्यान देने की सबसे ज्यादा ज़रूरत होती है।

क्या आपको पता है कि क्यों 25 से 35 के उम्र में भी लोगो को डायबिटीज़ हो रहा है?

25 से 35 के उम्र में तो लोग अपने करियर में आगे बढ़ने और बेफिक्र होकर ज़िंदगी जीना पसंद करते हैं। इन सबके बीच एक्सरसाइज़ न करना, ब्रेकफास्ट करना और अनहेल्दी फूड्स खाने जैसी ग़लतियां करते रहते हैं जो डायबिटीज़ जैसी बीमारियों को न चाहते हुए भी आमंत्रण दे ही देते हैं। डॉ. संजय कालरा, कंसल्टेंट एन्डोक्राइनोलोजिस्ट, भारती हॉस्पिटल करनाल वाइस प्रेसिडेंट, साउथ एशियन फेडरेशन ऑफ एन्डोक्राइन सोसाइटी बता रहे हैं कुछ ऐसी ही महत्वपूर्ण बातें जिन पर ध्यान देकर कम उम्र में डायबिटीज होने के ख़तरे को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं।

पहला नियम

फ़िज़िकल एक्टिविटी- वैसे तो यह सभी को पता है कि वो खुद को जितना एक्टिव रखेंगे उतना ही डायबिटीज़ को खुद से दूर रख पायेंगे। लेकिन सुबह उठकर वॉक, जॉगिंग, जिम जाकर पुशअप्स या वर्कआउट करने या शाम को ऑफिस के बाद जुम्बा या जिम जाना अगर आपको बोरियतभरा काम लगता है। तो आपके लिए एक लाजवाब़ सलाह दे रहे हैं हमारे एक्सपर्ट डॉ. संजय कालरा। जिनका कहना है कि आप फ़िज़िकल एक्टिविटी के तौर पर एक्सरसाइज़ की जगह आपके पंसदीदा लोक-नृत्य यानि फोक डान्स की प्रैक्टिस करें। जी हां, पंजाब का भांगड़ा या महाराष्ट्र के पारम्परिक गीतों के ऊपर कोली नृत्य कर सकते हैं आप। ऐसे नृत्य एनर्जी से भरपूर होते हैं जो आपका मूड बना देंगे और शरीर की पूरी तरह से कसरत भी हो जाएगी। साथ ही साथ नए-नए दोस्त बनेंगे और आप स्ट्रेस-फ्री होकर खुश रहने लगेंगे। इसके साथ-साथ एक अच्छी बात यह है कि इससे आपका शुगर और ब्लड-प्रेशर भी कंट्रोल में रहेगा और हार्ट रहेगा हेल्दी। बस तुरंत तैयारी कीजिए थिरकने की और फिर देखिये कि कैसे डायबिटीज़ आपसे कोसो दूर रहेगा।

दूसरा नियम

खाना बनाने की पद्धति- अक्सर लोग हेल्दी खाने के चक्कर में घी या मक्खन खाना बिल्कुल छोड़ देते हैं या इस उधेड़बुन में रह जाते हैं कि कौन-से तेल का इस्तेमाल करें। डॉ. संजय का कहना है कि हमेशा मिश्रित तेल या कॉम्बिनेशन ऑयल (combination oil) का इस्तेमाल करें। इस कॉम्बिनेशन ऑयल का इस्तेमाल आप संतुलित मात्रा में खाना पकाते वक़्त कर सकते हैं। याद रखें कि खाना कभी भी ज़रूरत से अधिक पका हुआ या डीप फ्राइड न हो।

तीसरा नियम

डायट-प्लान के बारे में सही जानकारी- इस नियम के बारे में सही जानकारी होना सबसे ज्यादा ज़रूरी होता है क्योंकि इससे ही आपका ब्लड-ग्लूकोज़, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड-प्रेशर आदि कंट्रोल में रह सकता है। फॉर्चून विवो बिना रोक टोक के खाना खाने का संदेश देता है बशर्ते खाना हेल्दी और घर का होना चाहिए। आपको जो भी पसंद हो आप घर में बनाइए। याद रखिए घर का खाना सबसे बेहतर होता है। आप घर में बनी पूरियां भी खाएंगे तो वह किसी भी जंकफूड से कम नुकसानदायक साबित होगी। अपनी सेहत को ध्यान में रखकर अपने खाने में अधिक सब्ज़ियां और फायदेमंद मसाले ऐड करें। फॉर्चून विवो डायबिटीज़ ऑयल में खाना बनाकर खाएं। आप दिन में 3+3 के हिसाब से खाना खाएं, यानि ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर तो करें हीं लेकिन इन 3 मुख्य मील के साथ बीच-बीच में 3 बार स्नैक्स, फ्रूट्ज और नट्स आदि खाएं। मतलब आपको दिनभर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में 6 बार खाना है।

फल- रोज एक फल ज़रूर खाना चाहिए जिसमें सेब, पपीता या अमरूद हो तो बेहतर होगा। केला और चीकू खाने से बचें क्योंकि इन फलों से खून में ग्लूकोज़ लेवल बढ़ने की संभावना रहती है।सब्ज़ी- हमेशा ताज़ी और हरी पत्तेदार सब्ज़ियां ही अपने डायट में शामिल करें।

मिठाई- वैसे तो डायबिटीज़ को दूर रखने के लिए मिठाई न खाना एक अच्छी आदत मानी जाती है लेकिन इससे पूरी तरह परहेज़ करने की ज़रूरत नहीं। बस ऐसी मिठाइयां खाने से बचें जिनमें ज्यादा घी हो या वो तलकर बनायी गयी हों जैसे- गुलाबजामुन, लड्डू या जलेबी। वहीं आप रसगुल्ले का रस निचोड़कर या बर्फी को संतुलित मात्रा में खा सकते हैं। रिफाइंड शुगर कभी-कभार लेना ही बेहतर होता है। लेकिन चॉकलेट पसंद करने वाले को यह जानकर अच्छा लगेगा कि आप ड्राईफ्रूट्स से भरे हुए चॉकलेट संतुलित मात्रा में खा सकते हैं क्योंकि उनमें 50 ग्राम ड्राईफ्रूट्स होते हैं तो 50 ग्राम चॉकलेट होते हैं।

फ्रूट जूस- हमेशा घर पर बने फ्रेश फ्रूट जूस ही पीएं। मार्केट में मिलने वाले फ्रूट जूस कभी न लें क्योंकि उनमें फ्रूकटोज़ ज्यादा होता है जो सेहत के लिहाज़ से बिल्कुल भी सही नहीं होते।

अपनी डायट में इन चीजों को शामिल करने के साथ-साथ आपको अपनी डायट प्लान बनाने के समय कुछ समझदारी से भी काम लेना होगा। अपनी डायट में हमेशा ज़्याद फाइबरयुक्त चीज़ें शामिल करें। प्रोसेस्ड फूड जैसे अचार या पिकल, पापड़ और पकौड़ों (जिन्हें जैसे-PPP कहा जाता है) से दूरी बरतें। 25-35 साल के युवा स्ट्रीट फूड लवर होते हैं। वे ऐसी चीज़ें खाने से पहले हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि वह लो-फैट हो और ज्यादा फ्राई किए हुए न हो। आप घर में भी अपने बच्चों के लिए मंचूरियन बॉल्स, नूडल्स और फ्रेंच फ्राइज़ बना सकती हैं। इसके लिए फॉर्चून विवो ऑयल का इस्तेमाल कीजिए क्योंकि फॉर्चून विवो से बने पकवान और नमकीन का स्वाद भी अच्छा होता है और वह सेहत के लिए भी कम नुकसानदायक होती हैं। क्या आप जानते हैं कि बेसन फाइबर की मात्रा न के बराबर होती है इसलिए बेसन से बनी चीजें खाना सेहत के नजरिये से अच्छा नहीं होता। लेकिन अगर आप भूने हुए चने का आटे से बना सत्तू खाएंगे तो आपको पर्याप्त मात्रा में फाइबर मिलेगा! इसीलिए खाने का चुनाव करते समय इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें।

कैसा हो आपका मील प्लान?

नाश्ता- 25-35 साल के लोग सबसे बड़ी ग़लती यह करते हैं कि वे नाश्ता नहीं करते। जिससे बाद में भूख भी ज़ोरों की लगती है और वे हद से ज्यादा खा लेते हैं। इससे न सिर्फ वज़न बढ़ता है बल्कि ब्लड ग्लूकोज़ लेवल भी सीमा के बाहर चला जाता है। इसलिए हमेशा हेल्दी नाश्ता करें जिसमें पोहा, ओट्स और इडली जैसी चीज़ें खा सकते हैं। इडली में 75% चावल और 25% सब्ज़ी हो तो यह नाश्ता आपको दिन भर चुस्त और दुरूस्त रखेगा।

लंच और डिनर- लंच और डिनर में सब्ज़ियां, चपाती, बीन्स, दाल और सलाद होना चाहिए। चिकन और मछली बनाते वक्त तेल और पकाने के तरीके का ध्यान रखें और संतुलित मात्रा में खायें। चावल और चपाती में एक ही चीज एक बार लें, दो चपाती या एक कटोरी चावल आपका पेट भरने के लिए पर्याप्त होता है।

स्नैक्स टाइम- स्नैक्स टाइम में फ्राइड फूड्स खाने की बजाय हमेशा नट्स, सलाद, दूध या फल लेने की कोशिश करें।

टिप्स- तो यह रहे वो तीन नियम जिनको डायबिटीज-फ्री लाइफ जीने के लिए फॉलो करना बहुत ज़रूरी होता है। लेकिन इसके साथ जो सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है वह है एक स्ट्रेस-फ्री लाइफ जीना। जी हां, तनाव से मुक्ति पाने के लिए योग और मेडिटेशन को अपने जीवन में शामिल करें। जिंदगी में आगे बढ़े लेकिन मध्यम गति से ताकि आप प्रतियोगिता के दौड़ में लंबे समय तक सफलता के साथ टिके रहें, वह भी डायबिटीज़-फ्री और फिट रहकर।

भारत को डायबिटीज़ फ्री रखने के अभियान में शामिल होने के लिए फॉर्चून ने भी एक अहम कदम उढ़ाया है फॉर्चून विवो ऑयल ( Fortune Vivo oil) को मार्केट में लॉन्च करके। फॉर्चून विवो में सिसामम इंडिकम सीड ऑयल है जो ब्लड शुगर को कम करने के साथ -साथ डायबिटीज़ होने पर पीड़ित व्यक्ति को दी जानेवाली दवा का असरदार रूप से काम करने में पूरी तरह मदद करता है।

तो देखा आपने कितना आसान है फिट रहना, डायबिटीज़ फ्री रहना? याद रखिए थोड़ी –सी फ़िज़िकल एक्टिविटी और फॉर्चून विवो ऑयल के साथ घर का खाना खाकर आप रह सकते हैं सबसे आगे। कर सकते हैं देश की तरक्की में योगदान। एक अच्छी डायट और सही आदतों को चुनें और संवारें अपने परिवार, अपना और अपने देश का आनेवाला कल।

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