2019 में लोकसभा के साथ हो सकते हैं 11 विधानसभाओं के चुनाव: सूत्र
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2019 में लोकसभा के साथ हो सकते हैं 11 विधानसभाओं के चुनाव: सूत्र

बीजेपी ने ‘‘खर्च पर अंकुश’’ के लिए एक साथ चुनाव कराने पर जोर दिया है, जिसके लिए बीजेपी शासित तीन राज्यों का चुनाव विलंबित किया जा सकता है.

लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की पुरजोर वकालत करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इससे चुनाव पर बेतहाशा खर्च पर लगाम लगाने और देश के संघीय स्वरूप को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: वन नेशन वन इलेक्‍शन की बढ़ती मांग के बीच सरकार अब लोकसभा के साथ-साथ 11 विधानसभा चुनाव करा सकती है. सूत्रों के मुताबिक इसके लिए संविधान में किसी भी तरह के संशोधन की जरूरत भी नहीं है. हालांकि राजनीतिक दल सांविधानिक प्रावधानों का हवाला देते हुए ही इसका विरोध कर रही हैं. कुछ वर्गों की ओर से इन संकेतों के बीच कि लोकसभा का चुनाव अगले वर्ष के शुरू में 11 विधानसभाओं के साथ कराने को लेकर प्रयास किये जा सकते हैं, बीजेपी ने ‘‘खर्च पर अंकुश’’ के लिए एकसाथ चुनाव कराने पर जोर दिया है, जिसके लिए बीजेपीशासित तीन राज्यों का चुनाव विलंबित किया जा सकता है और 2019 में बाद में होने वाले कुछ राज्यों के चुनाव पहले कराये जा सकते हैं.

  1. भाजपा एकसाथ चुनाव के पक्ष में
  2. कहा देश हमेशा चुनावी मोड में नहीं रह सकता
  3. अमित शाह ने विधि आयोग को लिखा खत

बीजेपी सूत्रों ने यद्यपि कहा कि राज्यों का चुनाव विलंबित करने या पहले कराने को लेकर कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है और इस विचार पर पार्टी के भीतर औपचारिक रूप से चर्चा नहीं की गई है क्योंकि ऐसे कदमों की संवैधानिक वैधता को ध्यान में रखना होगा.

अभी ठोस प्रस्ताव नहीं
ऐसे में जब मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभाओं का कार्यकाल अगले वर्ष जनवरी में समाप्त हो रहा है, पार्टी के नेता ने संकेत दिया कि बीजेपी शासित इन राज्यों के लिए कुछ समय के लिए राज्यपाल शासन की संभावना तलाशी जा सकती है ताकि वहां विधानसभा चुनाव अगले वर्ष के शुरू में लोकसभा चुनाव के साथ हों. उन्होंने यद्यपि स्पष्ट किया कि अभी कोई ठोस प्रस्ताव तैयार नहीं किया गया है. कांग्रेस शासित मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल भी इस वर्ष दिसंबर में समाप्त हो रहा है.

चुनाव आयोग के पास सिर्फ 7-8 राज्‍यों में ही एक साथ चुनाव कराने के इंतजाम : मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त

पूर्व लोकसभा महासचिव एवं संवैधानिक विशेषज्ञ पीडीटी अचार्य ने यद्यपि उन राज्यों में राज्यपाल शासन लगाने की विधिक वैधता पर सवाल उठाया जहां विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव से पहले होने हैं.

वन नेशन वन इलेक्‍शन
इस बीच देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की पुरजोर वकालत करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इससे चुनाव पर बेतहाशा खर्च पर लगाम लगाने और देश के संघीय स्वरूप को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी. सोमवार को इस आशय से संबंधित विधि आयोग को लिखे पत्र में अमित शाह ने कहा कि एक साथ चुनाव कराना केवल परिकल्पना नहीं है बल्कि एक सिद्धांत है जिसे लागू किया जा सकता है.

बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि यह आधारहीन दलील है कि एक साथ चुनाव देश के संघीय स्वरूप के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से देश का संघीय स्वरूप मजबूत होगा. विधि आयोग को लिखे आठ पन्नों के पत्र में शाह ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने का विरोध करना राजनीति से प्रेरित लगता है. उल्लेखनीय है कि एक साथ चुनाव कराने की व्यवहारिकता पर विधि आयोग विचार कर रहा है और वह अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले राजनीतिक दलों के विचार जान रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी एक साथ चुनाव कराने के पक्षधर रहे हैं.

(इनपुट: एजेंसियों के साथ)

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