जम्मू-कश्मीर: पिछले दो सालों में PAK गोलीबारी में 25 नागरिक मारे गए
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जम्मू-कश्मीर: पिछले दो सालों में PAK गोलीबारी में 25 नागरिक मारे गए

जम्मू कश्मीर सरकार ने बुधवार को कहा कि राज्य में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर पिछले दो सालों के दौरान पाकिस्तानी गोलीबारी और गोलाबारी में 25 नागरिकों की मौत हुई और 163 अन्य घायल हुए. विधानपरिषद के सदस्यों अली मोहम्मद डार और शौकत हुसैन गनी के सवाल के एक लिखित जवाब में राजस्व मंत्री अब्दुल रहमान वीरी ने विधानपरिषद को सूचित किया कि वर्ष 2016 में जम्मू में दो , साम्बा में छह, राजौरी में दो और पुंछ में तीन लोग मारे गए जबकि वर्ष 2017 में जम्मू में एक नागरिक की मौत हुई वहीं राजौरी में तीन, पुंछ में सात और बारामुला में एक नागारिक मारा गया.

(प्रतीकात्मक फोटो)

जम्मू: जम्मू कश्मीर सरकार ने बुधवार को कहा कि राज्य में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर पिछले दो सालों के दौरान पाकिस्तानी गोलीबारी और गोलाबारी में 25 नागरिकों की मौत हुई और 163 अन्य घायल हुए. विधानपरिषद के सदस्यों अली मोहम्मद डार और शौकत हुसैन गनी के सवाल के एक लिखित जवाब में राजस्व मंत्री अब्दुल रहमान वीरी ने विधानपरिषद को सूचित किया कि वर्ष 2016 में जम्मू में दो , साम्बा में छह, राजौरी में दो और पुंछ में तीन लोग मारे गए जबकि वर्ष 2017 में जम्मू में एक नागरिक की मौत हुई वहीं राजौरी में तीन, पुंछ में सात और बारामुला में एक नागारिक मारा गया.

  1. पिछले दो सालों में पाक गोलीबारी में 25 लोग मारे गए
  2. पिछले दो सालों में पाक गोलीबारी में 163 लोग घायल हुए
  3. महबूबा मुफ्ती ने की भारत-पाक के बीच दोस्ती की वकालत

मंत्री ने बताया कि वर्ष 2016 में जम्मू में 40 , साम्बा में नौ, कठुआ में चार, राजौरी में छह, पुंछ में 20 और कुपवाड़ा में चार लोग घायल हुए. उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में जम्मू में 18 लोग , राजौरी में दस, पुंछ में 47 और बारामुला में चार लोग घायल हुए. मंत्री ने बताया कि इस अवधि के दौरान गोलाबारी और गोलीबारी में क्षतिग्रस्त 224 ढांचों में 221 मकान, दो मस्जिद और एक स्कूल इमारत शामिल हैं.

पाकिस्तान को पीएम मोदी की सलाह माननी चाहिए : महबूबा मुफ्ती
भारत और पाकिस्तान के बीच अच्छे संबंध की जोरदार वकालत करते हुए जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान को ‘एक दूसरे से लड़ने के’ बजाय गरीबी से मिलकर लड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाने के लिए बंकरों के निर्माण में तेजी लाई जानी चाहिए लेकिन पाकिस्तान की गोलीबारी एवं गोलाबारी के चलते बच्चों की पढ़ाई को होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है।

हमें साथ मिलकर रहना सीखना होगा : महबूबा
उन्होंने विधानपरिषद में कहा, ‘‘मैं आशा करती हूं कि पाकिस्तान प्रधानमंत्री मोदी की इस सलाह का गंभीरता से पालन करेगा कि एक दूसरे से लड़ने और एक दूसरे को नष्ट करने के लिए अपनी ऊर्जा जाया करने के बजाय गरीबी से मिलकर लड़ना ही आगे का रास्ता है।’’महबूबा ने कहा, ‘‘हमें साथ मिलकर रहना सीखना होगा। बंकर बनाना दीर्घकालिक हल नहीं है। ’’ केंद्र ने इसी माह के प्रारंभ में घोषणा की थी कि सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों की जान बचाने के लिए 14000 बंकर बनाये जायेंगे।

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मुख्यमंत्री ने प्रश्न काल के दौरान चर्चा में दखल देते हुए कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि कुछ दिन पहले मैंने प्रधानमंत्री मोदी का टीवी साक्षात्कार देखा जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारे लिए कितना अच्छा होता कि पाकिस्तान और भारत ने मिलकर गरीबी से लड़ा होता और उन्होंने विकास की चर्चा की।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मोदी ने जो कुछ कहा है पाकिस्तान उस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देगा। यह बड़ा शर्मनाक एवं दुर्भाग्यपूर्ण है कि दुनिया जब काफी आगे पहुंच गयी है तब बंकर बनाने की जरुरत होती है।

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