26/11 हमला: चार दिन तक हो सकती है हेडली से जिरह
Advertisement

26/11 हमला: चार दिन तक हो सकती है हेडली से जिरह

मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता सैयद जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जंदाल के वकील ने सोमवार को एक अदालत को सूचित किया कि वह पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से चार दिन तक जिरह करना चाहते हैं।

26/11 हमला: चार दिन तक हो सकती है हेडली से जिरह

मुंबई : मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता सैयद जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जंदाल के वकील ने सोमवार को एक अदालत को सूचित किया कि वह पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से चार दिन तक जिरह करना चाहते हैं।

न्यायाधीश जीए सनप ने आज विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम को अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क करने और हेडली की दूसरी बार पेशी के लिए उनकी उपलब्धता के बारे में पता करने और 25 फरवरी तक अदालत को सूचित करने का निर्देश दिया। उपलब्धता के बारे में पता चलने के बाद अदालत हेडली की पेशी की तारीख मुकर्रर करेगी।

 

इसी बीच, जंदल के वकील अब्दुल वहाब खान ने 2008 के आतंकवादी हमले के मामले में हेडली को सरकारी गवाह बनाये जाने पर आपत्ति जताते हुए आवेदन दिया। इसके अतिरिक्त उन्होंने कुछ खास दस्तावेजों और सीडी की प्रति देने की मांग भी की है। इससे पहले 13 फरवरी को अदालत ने जंदल के वकील द्वारा आगे की तारीख में जिरह करने तक के लिए मामले को स्थगित कर दिया था। इसी दिन लगभग सप्ताह भर तक चली हेडली की पेशी समाप्त हुई थी।

आतंकी हमलों के मामले में अमेरिका में 35 वर्ष की जेल की सजा काट रहे हेडली ने अपनी गवाही के दौरान भारत को निशाना बनाने के लिए लश्कर-ए-तोएबा और अलकायदा की योजना के बारे में कुछ अहम खुलासे किये थे। उसकी गवाही की शुरुआत इस महीने की आठ तारीख को हुई थी। उसने बताया था कि किस प्रकार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई लश्कर-ए-तोएबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों की आर्थिक, सैन्य मदद करती है। उसने साथ ही बताया कि लश्कर-ए-तोएबा ने किस प्रकार 26/11 की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया तथा उस हमले में आईएसआई अधिकारियों और उसकी खुद की क्या भूमिका थी।

Trending news