साउथ एशिया ऑर्चरी एसोसिएशन ने गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने की पहल शुरू की.
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चेन्नई: एक तीन साल की बच्ची के लिए आपके मन में खयाल आता होगा कि वह तो गुड्डे-गुड़ियों और अन्य खिलौनों से खेलती होगी. लेकिन, चेन्नई की तीन साल की संजना के साथ ऐसा नहीं है. हाल में संजना ने तीरंदाजी के दम पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए एक अनोखा और अविश्वसनीय कारनामा कर दिखाया है.
संजना ने साढ़े तीन घंटे में आठ मीटर दूर लगाए गए लक्ष्य पर कुल 1,111 तीर चलाकर सबको चौंका दिया. आश्चर्य करने वाली बात है कि वह अधिकांश निशाने में खरी उतरी.
संजना के कोच शिहन हुसैनी बताते हैं कि जब संजना को उसके माता-पिता उनके पास लेकर आए तो मुझे अचानक यह एहसास हुआ कि इस बच्ची में जरूर कुछ खास है.
एलकेजी में पढ़ने वाली पी. संजना ने इस कारनामे के बाद कहा कि मुझे इतनी तीरंदाजी के बाद कोई दर्द नहीं हो रहा. मै थकी नहीं हूं. मेरा सपना कि मैं ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतूं.
संजना के कोच ने बताया कि संजना इस दौरान हर एक घंटे पर 5 मिनट का ब्रेक लेती थी. दूसरे घंटे के दौरान वह थकी सी लगी. हमने उसे छोड़ देने के लिए कहा, लेकिन उसने इससे मना कर दिया.
कोच ने कहा, यह उसकी क्षमता और लगन ही थी जिससे उसने यह मुकाम इतनी छोटी उम्र में हासिल कर लिया. इसमें कोई शक नहीं कि वह एक ओलंपिक खिलाड़ी बन सकती है. केंद्र और राज्य सरकार को संजना को बेहतर सुविधा देनी चाहिए.
इधर साउथ एशिया ऑर्चरी एसोसिएशन ने इस उपलब्धि के लिए जी. शंकर को आधिकारिक तौर पर पर्यवेक्षक नामित किया है. संजना की इस कोशिश से संबंधित दस्तावेज को यह अंतरराष्ट्रीय इकाई गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड को भेजेगी.
संजना के पिता चेन्नई के एक अस्पताल में काम करते हैं जबकि मां गृहिणी हैं. संजना की मां ने उसे उसकी रुचि को देखते हुए आगे प्रशिक्षण देने का फैसला किया था. वह स्कूल से आने के बाद हर रोज अभ्यास करती है.
संजना ने एमजीआर जानकी कॉलेज कैम्पस में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए यह कोशिश की है. यहां की 200 छात्राओं ने संजना का खूब हौसला बढ़ाया और शुभकामनाएं दीं.