सूत्रों ने इशारा किया कि इस मामले में सरकार के हस्तक्षेप करने की संभावना बहुत कम है.
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा पर सवाल उठाए जाने को लेकर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि यह मुद्दा शनिवार (13 जनवरी) तक सुलझा लिया जाएगा. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने समाचार एजेंसी एएनआई से शुक्रवार (12 जनवरी) को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज अपने मतभेद शनिवार (13 जनवरी) तक सुलझा सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों के प्रेस कॉन्फ्रेंस को टाला जा सकता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट सभी जज बहुत ही अनुभवी और कुशल हैं और मुझे उम्मीद है कि शनिवार (13 जनवरी) तक इस विवाद का हल हो जाएगा.
वहीं दूसरी ओर सरकार से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों ने अप्रत्याशित संवाददाता सम्मेलन में जो मुद्दे उठाए हैं, वे न्यायपालिका का ‘‘आंतरिक’’ मामला हैं. सूत्रों ने इशारा किया कि इस मामले में सरकार के हस्तक्षेप करने की संभावना बहुत कम है. सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस मामले में सरकार कुछ नहीं कह सकती और वह इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहती. उन्होंने कहा कि यह न्यायपालिका का आंतरिक मामला है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि शीर्ष अदालत को इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाना चाहिए क्योंकि लोगों का न्यायपालिका में भरोसा दांव पर है.
4 जजों की प्रेस कॉन्फ़्रेंस पर सरकार ने कहा - यह न्यायपालिका का आंतरिक मामला है: सूत्र
उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए शुक्रवार (12 जनवरी) को एक संवाददाता सम्मेलन किया और कहा कि शीर्ष अदालत में हालात ‘सही नहीं हैं’ और कई ऐसी बातें हैं जो ‘अपेक्षा से कहीं कम’ थीं. प्रधान न्यायाधीश के बाद दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश जे चेलमेश्वर ने कहा, ‘... कभी उच्चतम न्यायालय का प्रशासन सही नहीं होता है और पिछले कुछ महीनों में ऐसी कई चीजें हुई हैं जो अपेक्षा से कहीं कम थीं.’
सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों का बयान, कांग्रेस ने लोकतंत्र को बताया खतरे में
एक अन्य खबर में उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशें द्वारा खुलेआम शीर्ष न्यायालय में स्थिति ठीक नहीं बताये जाने के बीच कांग्रेस ने शुक्रवार (12 जनवरी) को कहा कि ‘लोकतंत्र खतरे में है.’ कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा गया, ‘‘हम यह सुनकर बहुत चिंतित हैं कि उच्चतम न्यायालय के चार न्यायाधीशों ने शीर्ष न्यायालय के कामकाज पर चिंता जतायी है. लोकतंत्र खतरे में है.’’
(इनपुट एजेंसी से भी)