आरुषि-हेमराज हत्याकांड- राजेश-नूपुर तलवार बरी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नहीं माना 'दोषी'
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आरुषि-हेमराज हत्याकांड- राजेश-नूपुर तलवार बरी, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नहीं माना 'दोषी'

न्‍यायालय ने अपने फैसले में कहा कि मां-बाप राजेश और नूपुर तलवार ने आरुषि को नहीं मारा.

आरुषि की हत्या 15-16 मई 2008 की दरम्यानी रात नोएडा के सेक्टर 25 स्थित घर में कर दी गई थी. (फाइल फोटो)

इलाहाबाद : नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपना अहम फैसला सुनाते हुए राजेश और नूपुर तलवार को मामले में बरी कर दिया है. इस मामले में न्यायमूर्ति बीके नारायण और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र की खंडपीठ ने दोपहर करीब तीन बजे अपना फैसला सुनाते हुए दोनों को दोषी नहीं माना. दोनों फिलहाल डासना जेल में बंद हैं, जहां से उन्‍हें कल रिहा किया जा सकता है. खंडपीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सीबीआई की जांच में कई कमियां थीं. मामले में तलवार दंपति को संदेह का लाभ मिला. न्‍यायालय ने अपने फैसले में कहा कि मां-बाप राजेश और नूपुर तलवार ने आरुषि को नहीं मारा.

  1. न्यायमूर्ति बीके नारायण और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र की खंडपीठ ने सुनाया फैसला
  2. तलवार दंपति ने उम्रकैद की सजा के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की थी
  3. मामले की जांच एक जून को सीबीआई को सौंप दी गई थी

इस मामले में आरोपी दंपती डॉ. राजेश तलवार और नुपुर तलवार ने सीबीआई अदालत की ओर से उम्रकैद की सजा के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की थी.

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उल्‍लेखनीय है कि डॉ. तलवार की बेटी आरुषि की हत्या 15 एवं 16 मई 2008 की दरम्यानी रात नोएडा के सेक्टर 25 स्थित घर में ही कर दी गई थी. घर की छत पर उनके घरेलू नौकर हेमराज का शव भी पाया गया था. इस हत्याकांड में नोएडा पुलिस ने 23 मई को डॉ. राजेश तलवार को बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस मामले की जांच एक जून को सीबीआई को सौंप दी गई थी.

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सीबीआई की जांच के आधार पर गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने 26 नवंबर, 2013 को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद से तलवार दंपति जेल में बंद थे. उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी.

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