मोदी के बाद गनी भी बरसे पाकिस्तान पर, कहा- 'खत्म करो अघोषित जंग'
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मोदी के बाद गनी भी बरसे पाकिस्तान पर, कहा- 'खत्म करो अघोषित जंग'

पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आज आरोप लगाया कि वह देश तालिबान समेत कई आतंकवादी नेटवर्कों को चोरी-छिपे समर्थन देकर उनके देश के खिलाफ ‘अघोषित जंग’ छेड़ रहा है। उन्होंने कहा कि संघर्ष प्रभावित अफगानिस्तान में भारत की बढ़ती सहभागिता में कोई गुप्त समझौते नहीं हैं।

मोदी के बाद गनी भी बरसे पाकिस्तान पर, कहा- 'खत्म करो अघोषित जंग'

अमृतसर: पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आज आरोप लगाया कि वह देश तालिबान समेत कई आतंकवादी नेटवर्कों को चोरी-छिपे समर्थन देकर उनके देश के खिलाफ ‘अघोषित जंग’ छेड़ रहा है। उन्होंने कहा कि संघर्ष प्रभावित अफगानिस्तान में भारत की बढ़ती सहभागिता में कोई गुप्त समझौते नहीं हैं।

हार्ट ऑफ एशिया के छठे वार्षिक सम्मेलन में अपने संबोधन में गनी ने पाकिस्तान की तीखी आलोचना की और कहा कि आतंकवाद, उग्रवाद और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से कौन लाभ प्राप्त कर रहा है, यह पता लगाने के लिए एक एशियाई या अंतरराष्ट्रीय प्रणाली बनाई जानी चाहिए जिसमें कोई खेल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकी ढांचे के खिलाफ ठोस कदम उठाने का समय आ गया है और तालिबान के एक शीर्ष कमांडर ने भी कहा था कि अगर पाकिस्तान में आतंकी पनाहों को नहीं रहने दिया जाए तो संगठन एक महीने भी नहीं टिक पाएगा।

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गनी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ अफगानिस्तान के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों के बावजूद अफगानिस्तान के सत्ता परिवर्तन पर ब्रशेल्स में हाल ही में हुए सम्मेलन के बाद ‘अघोषित जंग’ तेज हो गयी है जो 2014 की सर्दियों में छेड़ी गयी थी। सीमापार आतंकवादी हमलों से इनकार करने की पाकिस्तान की प्रवृत्ति की निंदा करते हुए अफगान राष्ट्रपति ने एक अंतरराष्ट्रीय प्रणाली स्थापित करने की मांग की ताकि पिछले कुछ महीने में बढ़ गये ऐसे हमलों की हकीकत की पड़ताल की जा सके। उन्होंने आतंकवाद को रोकने के लिए एक वैश्विक कोष भी बनाने की मांग की।

गनी ने साफ साफ कहा, ‘एक एशियाई या अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, जो भी पाकिस्तान को स्वीकार्य हो, बनाई जानी चाहिए ताकि सीमावर्ती गतिविधियों और आतंकवादी अभियानों की पड़ताल की जा सके।’ उन्होंने कहा, ‘हम आरोप-प्रत्यारोप नहीं चाहते। हम सत्यापन चाहते हैं।’ गनी के मुताबिक, ‘हम आतंकवाद से लड़ने के लिए एक निधि चाहते हैं।’ सम्मेलन का संयुक्त उद्घाटन गनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया जिसमें 30 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भी शामिल हुए हैं। गनी ने अफगानिस्तान के सत्तापरिवर्तन में भारत की भूमिका की सराहना की।

उन्होंने पाकिस्तान के संदर्भ में कहा, ‘हम अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए 50 करोड़ डॉलर के संकल्प के लिए पाकिस्तान का शुक्रिया अदा करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘अजीज इस धन का इस्तेमाल आतंकवादियों पर लगाम लगाने के लिए बहुत अच्छी तरह किया जा सकता है क्योंकि बिना शांति के कोई भी सहायता राशि हमारी जनता की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाएगी।’ गनी ने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवादियों को समर्थन देता रहेगा तो कोई धनराशि अफगानिस्तान की सहायता नहीं कर सकती।

उन्होंने कहा कि ब्रसेल्स सम्मेलन के बाद अफगानिस्तान में पांच अक्तूबर से 20 नवंबर के बीच हिंसा का स्तर सर्वोच्च रहा। इस हिंसा से पाकिस्तान में सरकार प्रायोजित पनाहगाहों को नेस्तनाबूद करने की मांग तेज हो गयी है। गनी कल शाम मोदी के साथ स्वर्ण मंदिर भी गये थे। मोदी की अफगानिस्तान यात्रा के संदर्भ में उन्होंने कहा कि सलमा डैम के उद्घाटन के बाद पूरे अफगानिस्तान में स्वत: स्फूर्त जश्न मनाया जाने लगा। उन्होंने दो अरब डॉलर के अलावा एक अरब डॉलर की और सहायता के लिए भी भारत का शुक्रिया अदा किया। गनी ने कहा, भारत की सहायता पारदर्शी है। उनके मुताबिक भारत और अफगानिस्तान के बीच हवाई कॉरिडोर जल्द शुरू होगा जिससे कारोबारी संबंध गहरे होंगे।

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