सीबीआई के मुताबिक मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर्स का ‘‘ऐतिहासिक परामर्शदाता’’ बताया जाता है जिसे हेलीकॉप्टर, सैन्य अड्डों और पायलटों की तकनीकी संचालनात्मक जानकारी थी.
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नई दिल्ली: यूपीए शासनकाल के दौरान 3600 करोड़ रुपए के 12 अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर की खरीद के घोटाले में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन जेम्स मिशेल (57) को मंगलवार देर रात दुबई से भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया. मिशेल को आज (5 दिसंबर) सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. इसके बाद मिशेल को 5 दिनों की सीबीआई कस्टडी में भेजने के आदेश दे दिए गए.
इससे पहले मिशेल ने स्पेशल कोर्ट में बेल के लिए याचिका भी दायर की थी. कोर्ट ने इस याचिका को अगली सुनवाई तक के लिए विचाराधीन रखा है. कोर्ट ने मिशेल के वकील को एक घंटा सुबह और एक घंटा शाम को परामर्श के लिए समय भी दिया. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने मिशेल की कस्टडी देने की मांग करते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है और दुबई के दो खातों में हुए पैसों के लेन-देन की जानकारी जुटाने के लिए हमें मिशेल की कस्टडी की जरुरत है.
#WATCH: #ChristianMichel was produced before CBI Special Court today in connection with #AgustaWestland case, amidst questions by reporters. He has been sent to five-day CBI custody by the Court. #Delhi pic.twitter.com/C5Tcx8IWko
— ANI (@ANI) December 5, 2018
वहीं, सीबीआई सूत्रों के अनुसार, पूछताछ के दौरान मिशेल को घबराहट की शिकायत हुई थी. इसके बाद उसे तत्काल दवाईयां दी गईं.
कौन है क्रिश्चियन मिशेल
सीबीआई के मुताबिक मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर्स का ‘‘ऐतिहासिक परामर्शदाता’’ बताया जाता है जिसे हेलीकॉप्टर, सैन्य अड्डों और पायलटों की तकनीकी संचालनात्मक जानकारी थी. मिशेल 1980 के दशक से ही कंपनी के साथ काम कर रहा था और इससे पहले उसके पिता भी भारतीय क्षेत्र के लिए कंपनी के परामर्शदाता रह चुके थे.
एजेंसी ने बताया कि वह कथित तौर पर बार-बार भारत आता रहता था और भारतीय वायुसेना तथा रक्षा मंत्रालय में सेवानिवृत्त तथा मौजूदा अधिकारियों समेत विभिन्न स्तरों पर सूत्रों के एक बड़े नेटवर्क के जरिए रक्षा खरीद के लिए बिचौलिए के तौर पर काम कर रहा था.
सीबीआई के मुताबिक हेलीकॉप्टर घोटाले में अगस्तावेस्टलैंड को ठेका दिलाने और भारतीय अधिकारियों को गैरकानूनी कमीशन या रिश्वत का भुगतान करने के लिए बिचौलिए के तौर पर मिशेल की संलिप्तता 2012 में सामने आई.
नई दिल्ली के पटियाला हाउस में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश ने 24 सितंबर 2015 की तिथि वाला खुला गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया. उसके बाद वह फरार हो गया और जांच में शामिल होने से बच रहा था. उसके खिलाफ पिछले साल सितंबर में आरोपपत्र दायर किया गया. सीबीआई के मुताबिक इस वारंट के आधार पर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जिससे फरवरी 2017 में उसे दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया.
मिशेल (57) दुबई में अपनी गिरफ्तारी के बाद से जेल में था और उसे यूएई में कानूनी और न्यायिक कार्यवाही के लंबित रहने तक हिरासत में भेज दिया गया था. दुबई कोर्ट ऑफ कैसेशन ने मिशेल के वकील की ओर से दायर दो आपत्तियों को खारिज कर दिया और भारत के सक्षम प्राधिकारियों को उसे प्रत्यर्पित करने की संभावना पर विचार करने के अपीलीय अदालत के फैसले को बरकरार रखा.
उसके बाद दुबई सरकार ने उसे प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी. प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद मिशेल को भारत वापस लाया गया.