ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि हज सब्सिडी बुनियादी तौर पर एयर इण्डिया के लिये हुआ करती थी, हाजियों के लिये नहीं.
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लखनऊ: ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने हज यात्रियों को दी जाने वाली सरकारी सब्सिडी को खत्म किये जाने पर मंगलवार (16 जनवरी) को कहा कि अब तक अनुदान के नाम पर मुसलमानों के साथ धोखा किया जा रहा था और इस निर्णय का कोई मतलब नहीं है. ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने हज सब्सिडी को खत्म किये जाने के बारे में पूछने पर बताया कि सरकार दरअसल, हज यात्रियों को नहीं बल्कि घाटे में चल रही एयर इण्डिया की मदद के लिये सब्सिडी दे रही थी. यह एक छलावा था. सब्सिडी के नाम पर मुसलमानों के साथ सिर्फ धोखा किया जा रहा था.
उन्होंने कहा कि हज सब्सिडी बुनियादी तौर पर एयर इण्डिया के लिये हुआ करती थी, हाजियों के लिये नहीं. आम दिनों में सऊदी अरब आने-जाने का टिकट 32 हजार रुपये में मिलता है, जबकि एयर इण्डिया हज के वक्त किराये में बेतहाशा बढ़ोत्तरी करते हुए हाजियों से 65 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक वसूलती है. अगर बगैर किसी सब्सिडी के हाजियों से किराया लिया जाए तो वह कम होगा.
रहमानी ने कहा कि जब हज यात्री विमान के टिकट के थोक खरीदार हैं, तो उनका किराया सस्ता होना चाहिये, ना कि महंगा. इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का नियम है कि अगर कोई किसी तीर्थस्थल पर जा रहा है तो उसे किराये में 40 प्रतिशत की छूट मिलेगी. अगर किराया सस्ता ना हो तो उतना तो होना ही चाहिये जितना सामान्य दिनों में होता है.
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सब्सिडी के सहारे हज जाने वालों को होगी परेशानी
इस बीच, ऑल इण्डिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने हज सब्सिडी खत्म किये जाने पर कहा कि बोर्ड हज अनुदान का पक्षधर रहा है. सरकार एयर इण्डिया के घाटे को कम करने के लिये हज सब्सिडी दिया करती थी, लेकिन अब इसे पूरी तरह खत्म कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक मामलों के केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि वह इस सब्सिडी के धन को मुसलमानों की शिक्षा पर खर्च करेंगे. अगर ऐसा होता है तो यह अच्छी बात होगी. मगर वो गरीब लोग अब सब्सिडी से महरूम हो जाएंगे जो इसके सहारे हज करने चले जाते थे.
पूरी तरह खत्म न हो हज सब्सिडी
प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि हज सब्सिडी को पूरी तरह खत्म नहीं किया जाना चाहिये. सब्सिडी मिलने से गरीब मुसलमान भी हज करने चले जाते थे. यह कोई सियासी बात नहीं है. यह एक धार्मिक मामला है, इसमें हाजियों को जितनी ज्यादा सुविधा दी जा सकती है वह मिलनी चाहिये. मालूम हो कि नकवी ने मंगलवार (16 जनवरी) को एलान किया कि इस साल हज पर जाने वाले लोगों को कोई अनुदान नहीं दिया जाएगा. वर्ष 2012 में उच्चतम न्यायालय ने अपने एक आदेश में वर्ष 2022 तक हज सब्सिडी को चरणबद्ध ढंग से समाप्त करने को कहा था.
(इनपुट एजेंसी से भी)