अन्ना हजारे फिर कर सकते हैं आंदोलन, जन लोकपाल की मांग होगा मुद्दा
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अन्ना हजारे फिर कर सकते हैं आंदोलन, जन लोकपाल की मांग होगा मुद्दा

समाजसेवी अन्ना हजारे ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 'लोकपाल विधेयक' लाने के लिए कुछ नहीं किया. अन्ना हजारे ने ये भी कहा कि वह महात्मा गांधी की 148वीं जयंती पर राजघाट से एक और आंदोलन शुरू करेंगे.

अन्ना हजारे. (तस्वीर साभार : ANI)

समाजसेवी अन्ना हजारे ने सोमवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 'लोकपाल विधेयक' लाने के लिए कुछ नहीं किया. अन्ना हजारे ने ये भी कहा कि वह महात्मा गांधी की 148वीं जयंती पर राजघाट से एक और आंदोलन शुरू करेंगे. हजारे ने यहां महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की. केंद्र सरकार को लिखे पत्र में अन्ना ने कहा कि तीन साल के कार्यकाल में मौजूदा केंद्र सरकार ने लोकपाल और लोकायुक्त कानून लागू नहीं किया और इसके बदले भ्रष्टाचार निरोधक कानून को कमजोर करने के लिए 'जल्दी' से विधेयक पारित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि इससे पहले लोकपाल के दायरे में आने वालों को अपने और अपने परिजनों की संपत्ति को घोषित करने का प्रावधान था. पिछले साल जुलाई में पारित विधेयक के अनुसार इससे परिजनों को बाहर कर दिया गया.

  1. अन्ना हजारे ने फिर से जन लोकपाल बिल की मांग के लिए आंदोलन की बात कही
  2. कहा, मौजूदा केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ पर्याप्त कदम नहीं उठाया
  3. महात्मा गांधी की 148वीं जयंती पर राजघाट से शुरू कर सकते हैं आंदोलन

हजारे ने कहा, 'इससे पता चलता है कि आपका लोकपाल और लोकायुक्त कानून लागू करने का इरादा नहीं है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचार समाप्त करने और देश में लोकतंत्र स्थापित करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि इससे व्यथित होकर मैं महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर देश के लिए प्रार्थना करता हूं और उनके कदमों पर चलते हुए सत्याग्रह शुरू करूंगा. हजारे ने कहा कि बीजेपी ने आम लोगों से किसानों की आत्महत्या रोकने, कृषि उत्पाद के लिए उचित दाम, महिलाओं की सुरक्षा एवं समाज के सभी वर्गो की सभी समस्याओं को समाप्त करने समेत कई वादे किए थे. उन्होंने चिट्ठी में कहा कि बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद 30 दिनों के अंदर कालाधन लाने की बात कही थी.

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हजारे ने कहा, 'लेकिन न लोकपाल व लोकायुक्त की नियुक्ति की गई, न नागरिक चार्टर लागू किया गया. न तो विदेशों से काला धन आ पाया और न नोटबंदी के जरिए देश के अंदर काले धन को उजागर किया गया. किसानों की आत्महत्या रुकने के बदले बढ़ती गई. उन्हें अपने उत्पादों के सही मूल्य नहीं मिल रहे हैं और स्वामीनाथन रपट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई." हजारे ने कहा कि महिलाओं को उचित सुरक्षा, सम्मान और न्याय नहीं मिल रहा है और जहां तक भ्रष्टाचार की बात है, यह दिनों दिन बढ़ता जा रहा है.
इनपुट: IANS/ANI

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