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नई दिल्ली: हरियाणा के रोहतक (Rtakoh) से आई एक खबर ने महिला सशक्तिकरण (Woman empowerment) में विश्वास रखने वाले लोगों को चिंता में डाल दिया है. ये खबर देश की महिलाओं को बहुत ध्यान से पढ़नी चाहिए. ये पूरी घटना 1 दिसम्बर की है. उस दिन हरियाणा के रोहतक में 19 वर्षीय तनिष्का शर्मा (Tanishka Sharma) नाम की एक लड़की की शादी थी.
शादी के बाद जब दूल्हा, दुल्हन के साथ अपने घर के लिए निकला तभी एक गाड़ी उनका पीछा करने लगी. करीब 30 Km दूर जाने के बाद इस गाड़ी में बैठे 5 लोगों ने दुल्हन पर हमला कर दिया और उसे एक दो नहीं बल्कि 6 गोलियां मारी गईं. सोचिए आरोपी के मन में इस लड़की के प्रति कितनी नफ़रत रही होगी.
इस आरोपी लड़के का नाम मोहम्मद साहिल (Mohd Sahil) है, जो उसी के गांव में रहता है, जहां इस लड़की के माता पिता का घर है.
उसके परिवार का आरोप है कि ये लड़का पिछले एक साल से उनकी लड़की को परेशान कर रहा था. कई मौक़ों पर उन्होंने गांव के लोगों की मदद से उसे समझाने की भी कोशिश की. लेकिन ये सिलसिला फिर भी नहीं रुका. हमारे देश में महिला सशक्तिकरण की बातें तो होती हैं और इस मुद्दे पर सेमिनार और वार्षिक सम्मेलनों का आयोजन भी कराया जाता है. लेकिन जमीनी स्तर पर ज्यादा कुछ बदलता नहीं है. आज भी जब महिलाओं पर गोली चलती है, तो ज्यादातर मामलों में वो गोली चलाने वाला हाथ किसी पुरुष का ही होता है.
इस मामले में पुलिस ने 4 और लोगों को गिरफ़्तार किया है, जिनमें तीन नाबालिग हैं. ये नाबालिग़ लड़के इस लड़की की शादी में शामिल हुए थे और अपने दोस्त साहिल के लिए उसकी निगरानी भी कर रहे थे.
इस ख़बर से जुड़ा दूसरा पहलू 19 साल की ये लड़की खुद है. जो 6 गोलियां लगने के बाद अब भी अस्पताल में अपनी मौत से लड़ रही है. अब तक डॉक्टर केवल एक ही गोली निकाल पाए हैं और इस लड़की की हालत अब भी गम्भीर बनी हुई हैं. इस घटना से इस लड़की को इतना गहरा सदमा लगा है कि वो इलाज के दौरान भी इशारे करके अपने परिवार से लगातार कुछ कहने की कोशिश कर रही है.
हो सकता है कि आज आपमें बहुत सारे लोग ये सोच रहे होंगे कि इस ख़बर में नया क्या है? भारत में प्रति दिन महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की लगभग 1100 घटनाएं होती हैं. यानी इस हिसाब से हर घंटे औसतन 46 महिलाओं के खिलाफ अपराध की कोई ना कोई घटना होती है. महिलाओं के ख़िलाफ अपराध इतना आम हो गया है कि उनके ख़िलाफ़ होने वाली घटनाएं हमें ज्यादा हैरान नहीं करती. हमें लगता है कि जो समाज अपराध और अन्याय को नजरअन्दाज़ करने लगे, वो समाज मरे हुए व्यक्ति के समान हो जाता है.
मोहम्मद साहिल ने तो तनिषका को 6 गोलियां मारने से पहले एक बार भी नहीं सोचा क्योंकि वो ऐसा करके अपनी झूठी मर्दानगी दिखाना चाहता था. लेकिन जीवन में कई फैसले ऐसे होते हैं जिन्हें लेने से पहले आपको कई बार विचार करना चाहिए.