शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने ताजमहल पर चल रहे विवाद के बीच एक विवादित बयान देकर मामले को और तूल दे दिया है.
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लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने ताजमहल पर चल रहे विवाद के बीच एक विवादित बयान देकर मामले को और तूल दे दिया है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, रिजवी ने अधिकांश मुगल शासकों को अय्याश बताया. इतना ही नहीं उन्होंने मुसलमानों से मुगल शासकों को आदर्श न मानने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि ताजमहल प्रेम का प्रतीक हो सकता है लेकिन उसकी पूजा नहीं की जा सकती. एक दो मुगल शासकों को छोड़ दें तो ज्यादातर अय्याश थे. अपनी अय्याशी के कारण इन लोगों ने अंग्रेजों को देश में घुसने की छूट दी थी तो हम उनके ही गुलाम बन गए.
रिजवी ने अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने की भी वकालत की. उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि अयोध्या में राममंदिर के निर्माण का विरोध किया जा रहा है. हालांकि यह सराहनीय कदम है. अयोध्या हिंदुओं की श्रृद्धा का केंद्र है. वसीम रिजवी ने सवाल उठाते हुए पूछा कि प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने जीवित रहने के दौरान जब अपनी मूर्तियां लगवाई थीं तब किसी में विरोध नहीं किया. समझ में नहीं आ रहा है कि राम मंदिर का विरोध क्यों किया जा रहा है?
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इस विवाद की शुरुआत मेरठ जिले की सरधना सीट से बीजेपी के विधायक संगीत सोम ने रविवार को ताजमहल पर दिए विवादित बयान से हुई. संगीत सोम ने कहा था कि ताजमहल भारतीय संस्कृति पर धब्बा है. विवाद बढ़ने पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि मेरा विरोध ताजमहल को लेकर नहीं बल्कि उसको बनवाने वाले मुगलों से है. उधर, अब खबर आ रही है कि यूपी सीएम आदित्यनाथ योगी ताजमहल समेत कई ऐतिहासिक प्रसिद्ध इमारतों को देखने भी जाएंगे. इस संबंध में सीएम योगी ने कहा कि इसे भारतीय श्रमिकों ने अपने खून-पसीने से बनाया है. दरअसल ताजमहल के संबंध में ताजा विवाद पिछले दिनों उस वक्त शुरू हुआ जब राज्य की पर्यटन विभाग की सूची से इसे बाहर कर दिया गया. उसी कड़ी में यूपी के मेरठ जिले की सरधना सीट से बीजेपी के विधायक संगीत सोम ने रविवार को ताजमहल को लेकर विवादित बयान दिया है. संगीत सोम ने कहा है कि ताजमहल भारतीय संस्कृति पर धब्बा है.
राम मूर्ति के लिए चांदी के तीर भेंट करेगा बोर्ड
वक्फ बोर्ड ने भगवान राम की प्रस्तावित 100 मीटर ऊंची भव्य प्रतिमा के लिए चांदी के 10 तीर उपहार के रूप में भेंट करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा है. बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि कुछ सदस्यों ने यह प्रस्ताव दिया था कि वक्फ बोर्ड के माध्यम से ये तीर भेजे जाने चाहिए. रिजवी ने योगी आदित्यनाथ को लिखे खत में कहा है कि ये तीर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का प्रतिनिधित्व करेंगे. रिजवी ने कहा, ''जिस तरह मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने बुराई के खिलाफ संघर्ष किया और अपने तीरों से राक्षण का दहन किया, इसी तरह हम चाहते हैं कि ये तीर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के प्रतीक के रूप में दिखे ताकि देश में सभी धर्मों के लोग शांति के साथ रह सकें.''
रिजवी ने कहा, ''इस क्षेत्र के नवाबों ने हमेशा अयोध्या के मंदिरों का सम्मान किया. यहां तक कि 1739 में नवाब शुजा-उद-दौला ने अयोध्या के मध्य में हनुमान गढ़ी के लिए जमीन दान में दी थी. उसके बाद नवाज आसिफ-उद-दौला ने 1775-1793 के बीच हनुमान गढ़ी मंदिर बनाने के लिए फंड दान में दिया था.'' इससे पहले शिया वक्फ बोर्ड विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की वकालत कर चुका है. उसका कहना है कि विवादित जमीन मूल रूप से सुन्नियों की नहीं बल्कि शियाओं की थी.