आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा, 'PAK सेना की कार्रवाई से नहीं लगता कि वह भारत के साथ शांति चाहता है'
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आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा, 'PAK सेना की कार्रवाई से नहीं लगता कि वह भारत के साथ शांति चाहता है'

भारतीय सेना की दक्षिणी कमान के युद्धाभ्यास ‘हमेशा विजयी’ की समीक्षा के दौरान बाड़मेर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए थलसेनाध्यक्ष ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि जिस तरह से पाकिस्तान सेना कार्रवाई कर रही है और जिस तरह से जम्मू-कश्मीर में आंतकवाद बढ़ रहा है, इससे ऐसा नहीं लगता.

(फाइल फोटो साभार - PTI)

बाड़मेर: थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान सेना की कार्रवाई से ऐसा नहीं लगता कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति चाहता है. भारतीय सेना की दक्षिणी कमान के युद्धाभ्यास ‘हमेशा विजयी’ की समीक्षा के दौरान बाड़मेर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए थलसेनाध्यक्ष ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि जिस तरह से पाकिस्तान सेना कार्रवाई कर रही है और जिस तरह से जम्मू-कश्मीर में आंतकवाद बढ़ रहा है, इससे ऐसा नहीं लगता.

सेना प्रमुख से पूछा गया था कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने हाल ही में एक बयान में भारत के साथ शांति वार्ता में सहयोग की बात कही थी, इस पर उनकी प्रतिक्रिया क्या है. यह पूछे जाने पर की पाकिस्तान-चीन कोरिडोर के बहाने दोनों देश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास अपनी उपस्थिति और गतिविधियां बढ़ा रहे हैं, जनरल रावत ने कहा कि ऐसा नहीं है कि इस दिशा में भारत कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, भारत भी लगातार अपनी उपस्थिति और गतिविधिया बढ़ा रहा है. रावत ने कहा कि हर देश अपनी सुरक्षा जरूरतों के हिसाब से कार्रवाई करता है और भारत भी ऐसा कर रहा है.

असाल्ट राइफल को सेना में शामिल किए जाने से जुड़े एक सवाल के जवाब में रावत ने कहा कि इस संबध में सरकार की मंजूरी मिल चुकी है और अभी यह परीक्षण अवधि में है. परीक्षण अवधि पूरी होने के बाद इसे सेना में शामिल कर दिया जाएगा. सरहद पार चल रहे युद्धाभ्यास और दक्षिणी कमान के युद्धाभ्यास की तुलना से जुड़े एक सवाल पर सेनाध्यक्ष रावत ने कहा कि इस युद्धाभ्यास का सरहद पार की गतिविधियों से कोई लेना देना नहीं है. ऐसे युद्धाभ्यास अपनी प्रशिक्षण प्रणाली को जाचंने के लिए आयोजित किए जाते हैं. 

उल्लेखनीय है कि सेना की दक्षिणी कमान ने रेगिस्तान में किए जाने वाले युद्धाभ्यास को शुक्रवार को सफलतापूर्वक पूरा किया. सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत द्वारा 21 और 22 दिसंबर को इस युद्धाभ्यास की समीक्षा की गई. सर्विलांस और नेटवर्क केन्द्रियता पर बल देते हुए अनेक हवाई और भूमि आधारित सर्विलांस उपकरण लगाए गए ताकि उनसे सूचना प्राप्त करके कमाण्डरों को बड़े पैमाने पर जानकारी दी जा सके. 

युद्वाभ्यास में इसके अतिरिक्त कई इलैक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरण और नए युग के अन्य फोर्स मल्टीप्लायर्स तकनीक में शामिल किए गए ताकि विरोधी के बारे में प्राप्त सूचना के ऊपर शीघ्र अति शीघ्र कार्यवाही की जा सके. युद्वाभ्यास में मध्यम और लम्बी दूरी के हथियारों के साथ-साथ वायु शक्ति का प्रयोग किया गया. इस युद्धाभ्यास में सेना तथा वायु सेना ने एक साथ काम करके एकजुटता का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया. सेनाध्यक्ष ने अभ्यास के दौरान सैनिकों द्वारा प्राप्त उच्चतम प्रशिक्षण के लिए सेना की प्रशंसा की.
दक्षिण कमान के सैन्य कमाण्डर ले. जनरल डी आर सोनी ने बताया कि इस अभ्यास के दौरान कई महत्वपूर्ण पहलुओं का परीक्षण किया गया.

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