हालांकि सेना का कहना है कि वह ‘ लापता ’ है और किसी आतंकवादी संगठन में उसके शामिल होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है.
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श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर से इस महीने की शुरूआत में लापता हुआ सेना का एक जवान आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया है. पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को यह बताया कि वह सेना की जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री (जेएकेएलआई) इकाई में पदस्थापित था. वह रविवार को हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ.
मीर शोपियां से लापाता हुआ था
अधिकारी ने बताया कि मीर शोपियां से लापता हो गया था. वह दो स्थानीय लोगों के साथ समूह में शामिल हुआ. वे दो लोग भी लापता थे. हालांकि सेना का कहना है कि वह ‘ लापता ’ है और किसी आतंकवादी संगठन में उसके शामिल होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है. पुलिस के अनुसार मीर झारखंड में तैनात था और इसको लेकर वह नाखुश था.
'कट्टरपंथ के रास्ते पर गए युवक जल्द ही महसूस करेंगे कि बंदूक कोई हल नहीं'
इससे पहले रविवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि कट्टरपंथ के रास्ते पर ले जाए गए कश्मीर घाटी के युवक जल्द ही महसूस करेंगे कि बंदूक उनकी समस्या का हल नहीं है क्योंकि ना तो थल सेना , ना ही आतंकवादी इसके जरिए अपना लक्ष्य हासिल कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि कश्मीर में हालात बेहतर करने का एक मात्र रास्ता शांति है. गौरतलब है कि घाटी करीब तीन दशक से आतंकवाद का सामना कर रही है.
उन्होंने कहा , ‘‘ आशा है कि कश्मीर में हालात बेहतर होंगे ... . कश्मीर में कुछ युवक भटक गए हैं और उन्हें कट्टरपंथ की राह पर ले जाया गया है. उन्हें लगता है कि वे लोग बंदूक के जरिए अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं. ’’ रावत ने कहा , ‘‘ लेकिन वह वक्त दूर नहीं जब वे इस बात से सहमत हो जाएंगे कि न तो सुरक्षा बल , ना ही आतंकी लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम होंगे. हमें साथ में शांति के लिए रास्ता तलाशना होगा और हम उसमें सफल होंगे. ’’
(इनपुट - भाषा)