अच्छे और बुरे आतंकवाद के बीच कृत्रिम अंतर सबसे अधिक गंभीर खतरा है : वेंकैया नायडू
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अच्छे और बुरे आतंकवाद के बीच कृत्रिम अंतर सबसे अधिक गंभीर खतरा है : वेंकैया नायडू

नायडू मध्य यूरोपीय देशों के साथ भारत के संबंध को मजबूत करने के उद्देश्य से सर्बिया, माल्टा और रोमानिया की यात्रा पर यहां आये हुए हैं. 

नायडू का बयान सर्बियाई राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वुसिस के साथ भेंट के दौरान आया. (फोटो-@MEAIndia)

बेलग्राद: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि ‘अच्छे’ और ‘बुरे’ आतंकवाद के बीच कृत्रिम अंतर आज के विश्व के लिए सबसे गंभीर खतरा है जिसे संगठित अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई से हराया जा सकता है .  उन्होंने इस बुराई से लड़ने के लिए वैश्विक कानूनी ढांचा मजबूत करने का आह्वान भी किया. नायडू मध्य यूरोपीय देशों के साथ भारत के संबंध को मजबूत करने के उद्देश्य से सर्बिया, माल्टा और रोमानिया की यात्रा पर यहां आये हुए हैं. नायडू का बयान सर्बियाई राष्ट्रपति एलेक्जेंडर वुसिस के साथ भेंट के दौरान आया. 

दोनों नेताओं ने बहुपक्षीय मुद्दों पर विचार विमर्श किया और परस्पर हित के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. नायडू ने कहा, ‘‘आतंकवाद आज के विश्व में सबसे अधिक गंभीर खतरा है. उससे भी ज्यादा गंभीर खतरा है अच्छे और बुरे आतंकवाद के बीच रचा गया कृत्रिम फर्क है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसे केवल संगठित अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई से ही हराया जा सकता है.

इसके लिए समग्र अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद संधि (सीसीआईटी) के मसौदे को जल्द ही अंतिम रुप देकर वैश्विक आतंकवाद निरोधक कानूनी ढांचे को मजबूत करने की सख्त आवश्यकता है. इस संधि का विचार भारत ने 1996 में रखा था.’’ आतंकवाद से निबटने के लिए वैश्विक अंतरसरकारी संधि पर जोर देने के भारत के प्रयासों के बावजूद सीसीआईटी की पूर्ण परिणति की राह में खासकर आतंकवाद की परिभाषा को लेकर रोड़ा बना हुआ है. 

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