ललित मोदी प्रकरण: नीति आयोग की बैठक में शामिल हुईं वसुंधरा, मोदी-शाह से बिना मुलाकात के लौटीं
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ललित मोदी प्रकरण: नीति आयोग की बैठक में शामिल हुईं वसुंधरा, मोदी-शाह से बिना मुलाकात के लौटीं

आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी की मदद को लेकर उठे विवाद में घिरीं राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए आज दिल्ली आई थीं।

ललित मोदी प्रकरण: नीति आयोग की बैठक में शामिल हुईं वसुंधरा, मोदी-शाह से बिना मुलाकात के लौटीं

नई दिल्ली-जयपुर : राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिले बिना ही जयपुर लौट गईं। अटकलें हैं कि पाटी के शीर्ष नेता उनसे बचना चाहते हैं।

ललित मोदी विवाद में उलझीं वसुंधरा आज सुबह करीब 9:30 बजे जयपुर से दिल्ली पहुंचीं और करीब चार घंटे बाद विशेष विमान से लौट गयीं।

भाजपा के सूत्रों का कहना है कि वसुंधरा राजे की दिल्ली यात्रा के दौरान उनकी प्रधानमंत्री या भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात के बारे में कभी चर्चा ही नहीं हुई थी। उनका यह भी कहना था कि नीति आयोग की बैठक के लिए दिल्ली आये भाजपा के अधिकतर मुख्यमंत्रियों से मोदी और शाह ने मुलाकात नहीं की।

वसुंधरा द्वारा अपना पक्ष व्यक्तिगत रूप से रखने के लिए दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं से उनकी मुलाकात की अटकलों के बीच आज मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि उनका किसी से भी मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं था और उन्हें केवल नीति आयोग की बैठक में भाग लेना था।

जयपुर में मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा कि नीति आयोग की बैठक में भाग लेने के बाद वसुंधरा सीधे जयपुर लौट आईं। नीति आयोग की बैठक के बाद वसुंधरा मीडिया से बात किये बिना निकल गयीं। बैठक में जाने के लिए राजस्थान की मुख्यमंत्री ने आयोग के जिस दरवाजे से प्रवेश किया था, उस पर बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी उनका इंतजार करते रह गये और उनका काफिला पिछले गेट से निकल गया।

भाजपा ने कल वसुंधरा का बचाव किया था। आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के साथ संबंधों को लेकर विपक्ष वसुंधरा के इस्तीफे की मांग पर अड़ा है। ‘ललितगेट’ विवाद में इस्तीफे के लिए कांग्रेस के दबाव के बीच वसुंधरा को फिलहाल पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का संरक्षण मिल गया लगता है।

शुक्रवार रात मोदी और शाह के बीच मुलाकात के बाद पार्टी सूत्रों ने संकेत दिया था कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस विवाद में वसुंधरा द्वारा बचाव में रखे गये पक्ष को स्वीकार कर लिया है। वसुंधरा के इस्तीफे की कांग्रेस की बढ़ती मांग से अप्रभावित भाजपा उनका लगातार बचाव कर रही है। पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि विपक्षी पार्टी के आरोपों में कोई दम नहीं है।

इस विवाद को लेकर नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रस ने आरोप लगाया कि राजस्थान की मुख्यमंत्री और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को बचाकर प्रधानमंत्री ‘राज धर्म’ नहीं बल्कि ‘राजे धर्म’ निभा रहे हैं। आरोप हैं कि सुषमा ने भी ललित मोदी को ब्रिटेन से यात्रा दस्तावेज हासिल कराने में मदद की थी।

भाजपा सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ कांग्रेस बेबुनियाद आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार को कांग्रेस जैसी दागी पार्टी से ‘राज धर्म’ नहीं सीखना।’ जयपुर में कुछ संगठनों ने वसुंधरा के इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदर्शन किये।

भाजपा सूत्रों ने कल रात कहा कि पार्टी के आला नेता वसुंधरा पर लगे दोहरे आरोपों के बचाव में उनकी दलील से सहमत हैं। सूत्रों के मुताबिक वसुंधरा ने पार्टी से कहा था कि ललित मोदी के आव्रजन आवेदन के समर्थन में ब्रिटिश सरकार को दिये गये हलफनामे पर उनके दस्तखत दर्शाने वाला दस्तावेज ‘मसौदा’ था और कभी उसे कानूनी स्वरूप नहीं मिला। उनके मुताबिक उन्होंने बाद में इससे अपने हाथ खींच लिये थे और कभी किसी ब्रिटिश अदालत में गवाही नहीं दी।

700 करोड़ रुपये से ज्यादा काले धन को सफेद करने के आरोपी ललित मोदी द्वारा वसुंधरा के बेटे की कंपनी में निवेश करने और इस कंपनी में उनके भी शेयर होने के आरोपों पर वसुंधरा ने कहा कि सभी लेनदेन की जानकारी प्राधिकारों को दी गयी थी और ये कानूनी हैं।

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