चव्हाण ने कहा कि गठबंधन पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस और एनसीपी नेताओं की अगली बैठक 12 अक्टूबर को होगी.
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मुम्बई: महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने गुरूवार को कहा कि राज्य में प्रस्तावित विपक्षी महागठबंधन की अंतिम रूपरेखा एक महीने के भीतर सामने आएगी. चव्हाण ने कहा कि गठबंधन पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस और एनसीपी नेताओं की अगली बैठक 12 अक्टूबर को होगी. उन्होंने कहा, ‘‘हम डॉ. बीआर आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर को अपने साथ लेने के इच्छुक हैं और बातचीत चल रही है.’’ उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम को गठबंधन में शामिल करने के आंबेडकर के आग्रह को बातचीत के बाद सुलझाया जाएगा.
बीएसपी का साथ देने का फैसला आलाकमान करेगी- चव्हाण
आंबेडकर की भारिप बहुजन महासंघ (बीबीएम) और असदुद्दीन ओवैसी नीत एआईएमआईएम ने एक गठबंधन की घोषणा की है. कांग्रेस कथित रूप से एआईएमआईएम के साथ हाथ मिलाने को लेकर अनिच्छुक है. चव्हाण ने कहा, ‘‘मैं सभी को बताना चाहता हूं कि हमें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए, जिससे बीजेपी को मदद मिले.’’ उन्होंने कहा, ‘‘महागठबंधन की अंतिम तस्वीर एक महीने सामने आएगी.’’ कांग्रेस ने निर्दलीय सांसद राजू शेट्टी, लोकतांत्रिक जनता दल के कपिल पाटिल और वाम दलों के साथ पहले ही बातचीत कर चुकी है. चव्हाण ने कहा कि बीएसपी को साथ देने के बारे में निर्णय दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान द्वारा किया जाएगा.
दिल्ली में किसानों पर बल प्रयोग एनडीए सरकार का असली रंग
इससे पहले दिन में फैजपुर में प्रदेश कांग्रेस की जनसंघर्ष यात्रा अभियान का नेतृत्व कर रहे चव्हाण ने दो अक्टूबर को दिल्ली में प्रवेश करना चाह रहे आंदोलकारी किसानों पर बल प्रयोग करने के लिए एनडीए सरकार पर निशाना साधा. चव्हाण ने कहा, ‘‘कम से कम किसानों को महात्मा गांधी की जयंती पर तो छोड़ दीजिए. उनके ऊपर बल प्रयोग की क्या जरूरत थी. केंद्र सरकार का असली रंग अब सामने आ गया हैं.’’ उन्होंने कहा कि गांधी जयंती पर बीजेपी का जश्न मात्र एक दिखावा और उसके नेताओं के लिए एक ‘‘फोटो खिंचवाने का मौका’’ था. उन्होंने रैली में कहा कि मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र वर्षा की कमी का सामना कर रहे हैं तथा 26 तहसीलों में सामान्य से 50 प्रतिशत कम वर्षा हुई है.
बीजेपी ने आधार के जरिये की लोगों की जासूसी- कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यद्यपि राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल एक आयोग गठित करना चाहते हैं, रिपोर्ट के लिए छह महीने इंतजार करना चाहते हैं और उसके बाद निर्णय करेंगे कि सूखा घोषित किया जाएगा या नहीं.’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस सराकार ने आधार शुरू किया ताकि पैसा सीधे लोगों के बैंक खातों में डाला जाए, किन्तु बीजेपी ने उसे मोबाइल नंबरों से जोड़कर ‘‘नागरिकों की जासूसी’’ का प्रयास किया.
(इनपुट भाषा से)