बुधवार को साल 2018 का पहला चंद्रग्रहण आज (31 जनवरी) को लगेगा. पूर्ण चंद्रग्रहण को भारत के हर हिस्से में देखा जा सकता है.
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नई दिल्ली: बुधवार को साल 2018 का पहला चंद्रग्रहण आज (31 जनवरी) को लगेगा. पूर्ण चंद्रग्रहण को भारत के हर हिस्से में देखा जा सकता है. चंद्रग्रहण शाम 5 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और मुख्य चन्द्रग्रहण सूर्यास्त के बाद लगभग छह बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा. यह चंद्रग्रहण शाम सात बजकर 37 मिनट तक चलेगा. भारत में कई शहरों में इस खगोलीए घटना को देखा जा सकता है.
आज पूरे भारत में लोग 'सुपर मून' को देखेंगे. सूपर मून नई दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, संबलपुर, उज्जैन और देश भर के कई अन्य शहरों में देखे जा सकेंगे. मान्यता है कि इस दिन भारत के लोग आम तौर पर चंद्रग्रहण के दौरान भोजन, पानी और यात्रा नहीं करते हैं. इस दिन लोग ग्रहण समाप्त होने के बाद बचे हुए पका भोजन भी नहीं करते.
ग्रहण के समाप्त होने के बाद लोग स्नान करने के बाद ही वे पानी या भोजन का उपभोग करते हैं. भारत में च्रंद्रग्रहण अलग-अलग समय पर देखा जा सकता है.
नई दिल्ली
दिल्ली में चंद्रग्रहण का समय 17:58:00 से शुरू होकर 20:41:10 पर समाप्त होगा.
मुंबई
मुंबई में चंद्र ग्रहण 18:30:39 से शुरू होकर 20:41:10 पर समाप्त होगा.
अहमदाबाद
अहमदाबाद में चंद्रग्रहण 18:26:10 से शुरू होकर 20:41:10 पर समाप्त होगा.
चेन्नई:
चेन्नई में चंद्रग्रहण 18:07:58 से शुरू होकर 20:41:10 पर समाप्त होगा.
कब होता है चंद्र ग्रहण ?
चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रतिच्छाया में आ जाता है. ऐसे में सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में आ जाते हैं. चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण हमेशा साथ-साथ होते हैं तथा सूर्यग्रहण से दो सप्ताह पहले चंद्रग्रहण होता है.
वैज्ञानिक मान्यता
ग्रहण के वक्त वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसलिए यह समय को अशुभ माना जाता है. इस दौरान अल्ट्रावॉयलेट किरणें निकलती हैं जो एंजाइम सिस्टम को प्रभावित करती हैं, इसलिए ग्रहण के दौरान सावधानी बरतने की जरूरत होती है. इस समय चंद्रमा, पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है, जिससे गुरुत्वाकर्षण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. इसी कारण समुद्र में ज्वार भाटा आते हैं. भूकंप भी गुरुत्वाकर्षण के घटने और बढ़ने के कारण ही आते हैं.
पौराणिक मान्यता
ज्योतिष के अनुसार राहु ,केतु को अनिष्टकारण ग्रह माना गया है. चंद्रग्रहण की के समय राहु और केतु की छाया सूर्य और चंद्रमा पर पड़ती है. इस कारण सृष्टि इस दौरान अपवित्र और दूषित को हो जाती है.
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ग्रहण के दौरान ये न करें -