आसनसोल से भारतीय जनता पार्टी के सांसद ने हाल ही में पाकिस्तानी कलाकारों के बॉलीवुड में काम करने पर आपत्ति जाहिर की थी. हालांकि उन्होंने इसे अपनी निजी राय बताया था.
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नई दिल्लीः गायक से नेता बने केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खान को खुला पत्र लिखकर कहा है कि कला और संगीत के माध्यम से भारत और पाकिस्तान के बीच के तनाव को पाटने की कोशिश एक ‘विफल विचार’ है. आसनसोल से भारतीय जनता पार्टी के सांसद ने हाल ही में पाकिस्तानी कलाकारों के बॉलीवुड में काम करने पर आपत्ति जाहिर की थी. हालांकि उन्होंने इसे अपनी निजी राय बतायी. मंत्री के रुख से उपजे विवाद पर राहत ने ट्वीट कर कहा था, ‘बहुत सी बातें कही जा रही हैं, इन सबके बीच मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि संगीत की कोई सीमा नहीं होती और मेरे गानों के प्रति बहुत अधिक प्यार दिखाने के लिए मैं सबको शुक्रिया अदा करता हूं.’
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) February 22, 2018
राहत के ट्वीट पर सुप्रियो ने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि संगीत की कोई सीमा नहीं होती लेकिन कलाकारों को आतंकवाद जैसे मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए और शांति को बढ़ावा देना चाहिए. मंत्री ने साथ ही कहा है कि राहत सहित संगीत जगत के कलाकारों को पाकिस्तान सरकार पर आतंकी गतिविधियों को समर्थन बंद करने को लेकर दबाव डालना चाहिए.
आपको बता दें कि 19 फरवरी को केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो का एक बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने भारत में पाकिस्तानी कलाकारों के बैन की मांग करते हुए कहा था, 'फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' के रिलीज के वक्त में यह कहा गया था कि पाक कलाकारों को भारत में काम नहीं दिया जाएगा, लेकिन वक्त के साथ इस वादे पर अमल नहीं किया जा रहा है.' सुप्रियो ने कहा था , 'अब वह वक्त आ गया है जब हमें एक स्टैंड लेना चाहिए और पाकिस्तानी कलाकारों को बॉलीवुड में काम करने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए.'
'वेलकम टू न्यूयॉर्क' से हटे राहत की आवाज़
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक बाबुल सुप्रियो ने भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन लगाने की मांग करते हुए कहा, 'मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि जब भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ा हुआ है, तो हम सीमा पार प्रतिभा और कौशल की तलाश क्यों कर रहे हैं'. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि एफएम पर पाकिस्तानी गायकों के गाने चलाए जाए और न्यूज चैनल्स पर पाकिस्तानी हमले में शहीद हुए भारतीय जवानों की खबरें. इसके साथ ही सुप्रिमो ने फिल्म 'वेलकम टू न्यूयॉर्क' के निर्माताओं से एक गाने से राहत फतेह अली खान की आवाज़ को हटाने की मांग की है.
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At the time of release of film 'Ae Dil Hai Mushkil' promises were made saying that Pak artists would not be given work in India,that promise is not being kept. I think time has come when we should take a stand,Pak artists should not get work opportunities in B'wood: Babul Supriyo pic.twitter.com/RLl1HbC1l0
— ANI (@ANI) February 19, 2018
नागरिक से नहीं नागरिकता से परेशानी
सुप्रियो ने कहा कि उन्हें राहत फतेह अली खान, आतिफ असलम से किसी तरह की परेशानी नहीं है, उन्हें उन लोगों की नागरिकता से परेशानी है. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड वैश्विक स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करता है. भारत को पाकिस्तानी कलाकारों में बैन करके दुनियाभर में पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद का विरोध करना चाहिए.
मुश्किल में फंस गई थी 'ए दिल है मुश्किल'
गौरतलब है कि फिल्म 'ए दिल है मुश्किल' की रिलीज के वक्त पाकिस्तानी कलाकारों का विरोध किया गया था. सिनेमा ओनर्स एग्जिविटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओईएआई) ने फैसला किया था कि वह पाकिस्तानी कलाकारों वाली फिल्मों को नहीं दिखाएगा. थिएटर मालिकों के इस निर्णय को पाकिस्तानी कलाकारों और उनकी फिल्मों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था. थिएटर मालिकों के संगठन ने कहा था कि वह पाकिस्तानी कलाकारों वाली फिल्में थिएटरों में रिलीज नहीं केरगा.
राष्ट्रहित का ध्यान है जरूरी
उस वक्त सीओईएआई के अध्यक्ष नितिन दरार ने कहा था कि देश में लोगों की भावनाओं और राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए हमने सीओईएआई के सभी सदस्यों से कहा है कि वे पाकिस्तानी कलाकारों, तकनीशियनों, निर्देशकों, संगीतकारों वाली किसी भी फिल्म का प्रदर्शन करने से बचें. उन्होंने कहा था कि जब तक भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते सामान्य नहीं हो जाते तब तक पाकिस्तानी कलाकारों वाली कोई भी फिल्म नहीं दिखाई जाएगी.
(इनपुट भाषा से भी)