विशेष दर्जा मिलने के क्या हैं फायदे? इन वजहों से TDP हुआ BJP से अलग
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विशेष दर्जा मिलने के क्या हैं फायदे? इन वजहों से TDP हुआ BJP से अलग

देश के 29 राज्यों में से 11 राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है. 5 राज्य अभी विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं.

देश के 29 राज्यों में से 11 राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है (फाइल फोटो).

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने से नाराज होकर TDP के दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि अभी तक TDP गठबंधन में जरूर हैं. आंध्र प्रदेश में, अगर तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और बीजेपी के बीच गठबंधन टूटती है तो सरकार अल्पमत में आ जाएगी. उधर, बिहार को भी विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग फिर से उठने लगी है. विशेष राज्य का दर्जा देने के मामले को लेकर जनता दल यूनाइटेड ने TDP का समर्थन किया है. आपको बता दें कि देश के 29 राज्यों में से 11 राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है. 5 राज्य अभी विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं.

  1. TDP के दोनों मंत्रियों ने मोदी कैबिनेट से दिया इस्तीफा
  2. विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने से TDP नाराज
  3. TDP के बाद JDU ने बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग की

आखिर कैसे मिलता है विशेष राज्य का दर्जा?
किसी राज्य की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक और संसाधन के लिहाज से उसकी क्या स्थिति है, इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विशेष राज्य का दर्जा दिया जाता है. विशेष राज्य का दर्जा कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है. केंद्र सरकार अपने विवेक से उपरोक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विशेष राज्य का दर्जा देती है.

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किस राज्य को मिला था सबसे पहले विशेष दर्जा
1969 में पांचवें वित्त आयोग के कहने पर केंद्र सरकार ने तीन राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था. नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल ने पहाड़, दुर्गम क्षेत्र, कम जनसंख्या, आदिवासी इलाका, अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर, प्रति व्यक्ति आय और कम राजस्व के आधार पर इन राज्यों की पहचान की थी. 1969 में असम, नगालैंड और जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्ज दिया गया था. बाद में अरुणाचल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम, त्रिपुरा, हिमाचल और उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्ज मिला.

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विशेष राज्य का दर्जा मिलने के फायदे?
विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त राज्यों को केंद्र सरकार से 90 फीसदी अनुदान मिलता है. इसका मतलब केंद्र सरकार से जो फंडिंग की जाती है उसमें 90 फीसदी अनुदान के तौर पर मिलती है और बाकी 10 फीसदी रकम बिना किसी ब्याज के मिलती है. जिन राज्यों को विशेष दर्जा प्राप्त नहीं है उन्हें केवल 30 फीसदी राशि अनुदान के रूप में मिलती है. 70 फीसदी रकम उनपर केंद्र का कर्ज होता है.

तमाम टैक्स में रियायत
इसके अलावा विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को एक्साइज, कस्टम, कॉर्पोरेट, इनकम टैक्स में भी रियायत मिलती है. केंद्र सरकार हर साल प्लान्ड बजट बनाती है. प्लान्ड बजट में से 30 फीसदी रकम विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को मिलता है. अगर विशेष राज्य जारी बजट को खर्च नहीं कर पाती है तो पैसा अगले वित्त वर्ष के लिए जारी हो जाता है.

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वित्तमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के अलावा किसी राज्य को विशेष दर्जा नहीं
आंध्र प्रदेश और बिहार लंबे समय से विशेष दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन, 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अब यह दर्जा नॉर्थ ईस्ट और पहाड़ी राज्यों के अलावा किसी और राज्य को नहीं मिल सकता है.

 

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