मोदी कैबिनेट की बैठक में किसानों के लिए बड़ा फैसला, कर्ज के ब्याज पर ज्यादा छूट मिलेगी
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मोदी कैबिनेट की बैठक में किसानों के लिए बड़ा फैसला, कर्ज के ब्याज पर ज्यादा छूट मिलेगी

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है जिसके तहत अब किसानों को कर्ज के ब्याज पर ज्यादा छूट मिलेगी. इसका फायदा उन किसानों को मिलेगा जो एक साल में कर्ज को चुकाएंगे. कैबिनेट की आज की बैठक में ब्याज की दर तीन फीसदी से बढ़ाकर पांच फीसदी कर दी गई है. 

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है .

नई दिल्ली: किसानों को अल्पावधि फसली कर्ज सात प्रतिशत की सस्ती दर पर मिलता रहेगा. जो किसान नियमित रूप से सही समय पर अपने कर्ज का भुगतान करते हैं उन्हें चार प्रतिशत की घटी दर पर यह ऋण उपलब्ध होगा. किसानों को फसल के लिये सस्ता कर्ज मिलता रहे इसके लिये सरकार ने 20,339 करोड़ रुपये के कोष को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा किसानों को फसल कटाई के बाद अपनी उपज के भंडारण के लिये भी सात प्रतिशत की सस्ती दर पर कर्ज उपलब्ध होगा. यह व्यवस्था छह माह के लिये होगी.

प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के लिये सरकार ने उनकी पुनर्गठित कर्ज राशि पर पहले साल के ब्याज पर दो प्रतिशत ब्याज सहायता देने का फैसला किया है. ये सभी फैसले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्ष्यता में बुधवार (14 जून) को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये. बैठक के बाद जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुये कहा गया है, ''मंत्रिमंडल ने 2017-18 के लिये ब्याज सहायता योजना को मंजूरी दे दी है ... सरकार ने इस काम के लिये 20,339 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है.'' 

विज्ञप्ति के अनुसार बेहतर कृषि उपज हासिल करने में कर्ज एक बड़ी भूमिका निभाता है और इसके लिये संस्थागत रिण उपलब्धता होने से किसानों को महाजनों और दूसरे स्रोतों से ऊंची दर पर कर्ज नहीं लेना पड़ेगा. सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को भी फसल ऋण से जोड़ा गया है, इसलिये किसासनों को सरकार द्वारा शुरू की गई इन दोनों योजनाओं का लाभ मिलेगा. किसानों के लिये ब्याज सहायता की यह योजना 2006-07 से चल रही है और अब यह चालू वित्त वर्ष के दौरान भी जारी रहेगी. इस वर्ष के दौरान इस योजना का क्रियान्वयन राष्टीय कृषि एवं ग्रामीण बैंक (नाबार्ड) और रिजर्व बैंक द्वारा किया जायेगा. 

आमतौर पर कृषि ऋण नौ प्रतिशत की दर पर होता है, लेकिन सरकार ने किसानों का फसली ऋण घटी दर पर उपलब्ध हो इसके लिये ब्याज सहायता देती रही है. इसी योजना को आगे बढ़ाते हुये सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भी फसली ऋण पर दो प्रतिशत ब्याज सहायता जारी रखने का फैसला किया है. यह सहायता तीन लाख रुपये तक के फसली ऋण पर उपलब्ध होगी. इस सहायता के बाद किसानों का सात प्रतिशत की सस्ती दर पर कर्ज उपलब्ध कराया जाता है. इसके ऊपर समय पर कर्ज का भुगतान करते रहने वाले किसानों को तीन प्रतिशत की अतिरिक्त सहायता भी दी जाती है जिसके बाद मात्र चार प्रतिशत की दर पर फसल ऋण उपलब्ध होता है.

रिजर्व बैंक ने अंतरिम उपाय के तौर पर पिछले महीने ही बैंकों को चालू वित्त वर्ष के दौरान भी अल्पकालिक फसली ऋण पर ब्याज राहत जारी रखने को कह दिया था. सरकार की तरफ से यह ब्याज सहायता सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को उस स्थिति में दी जायेगी जब वह अपने धन का इस्तेमाल करते हुये ब्याज सहायता उपलब्ध करायेंगे. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों को सस्ती राशि उपलब्ध कराने पर नाबार्ड को पुनर्वति सुविधा के तौर पर राशि उपलब्ध कराई जायेगी.

केन्द्रीय मंत्रिमंडल का सस्ता फसली ऋण जारी रखने का यह निर्णय ऐसे समय आया है जब देश के कईभागों में किसान कर्ज माफी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, खासतौर से मध्यप्रदेश में उनका आंदोलन उग्र हो गया था. उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की सरकारें पहले ही किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा कर चुकीं हैं. सरकार ने कहा है कि सस्ते कर्ज का अल्पकालिक फसली ऋण चालू वित्त वर्ष से आधार से जुड़ा होगा. सरकार ने वर्ष 2017-18 के दौरान कृषि ऋण के लिये दस लाख रुपये का लक्ष्य तय किया है. पिछले साल यह लक्ष्य नौ लाख करोड़ रुपये था.

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