गोरखपुर-फूलपुर: हार के बाद अब BJP के पास बहुमत से केवल 1 सीट ज्‍यादा बची
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गोरखपुर-फूलपुर: हार के बाद अब BJP के पास बहुमत से केवल 1 सीट ज्‍यादा बची

2014 के बाद से अब तक कुल 19 लोकसभा उपचुनाव हुए हैं. इनमें से बीजेपी का आठ सीटों पर कब्‍जा था. इस दौरान पार्टी केवल वड़ोदरा और शहडोल सीटों को बचाने में कामयाब रही, जबकि बाकी छह सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा.

लोकसभा में बीजेपी सांसदों की संख्‍या 282 से घटकर 273 रह गई है.(फाइल फोटो)

गोरखपुर और फूलपुर उपचुनावों में हार के बाद लोकसभा में बीजेपी सांसदों की संख्‍या घटकर 273 रह गई है. 2014 आम चुनावों में बीजेपी ने अपने दम पर 282 लोकसभा सीटें जीती थीं. उसके बाद हुए उपचुनावों में कई सीटें हारने के बाद बीजेपी के पास अब 273 सीटें बची हैं. बहुमत का जादुई आंकड़ा हालांकि 272 सीटों का है. ऐसे में अब बीजेपी के पास बहुमत से एक सीटें ज्‍यादा हैं. हालांकि बीजेपी के नेतृत्‍व में एनडीए के पास 300 से भी ज्‍यादा सीटें हैं. इस लिहाज से सरकार पर किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है.

  1. 2014 के बाद कुल 19 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव हुए
  2. इनमें से आठ सीटें बीजेपी के पास थीं, जिनमें से छह हारी
  3. 5 सीटों पर चुनाव होने हैं, जिनमें से 3 बीजेपी के पास थीं

6 सीटों पर हार
2014 के बाद से अब तक कुल 19 लोकसभा उपचुनाव हुए हैं. इनमें से बीजेपी का आठ सीटों पर कब्‍जा था. इस दौरान पार्टी केवल वड़ोदरा और शहडोल सीटों को बचाने में कामयाब रही, जबकि बाकी छह सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा. यानी इन चार वर्षों में गुरदासपुर (पंजाब), रतलाम (मध्‍य प्रदेश), अलवर एवं अजमेर (राजस्‍थान) सीटें बीजेपी के हाथ से निकलकर कांग्रेस के पास चली गईं. अब गोरखपुर और फूलपुर सीटें सपा के खाते में चली गईं. यानी कि इस दौरान हुए उपचुनावों में तीन चौथाई सीटें पार्टी के हाथ से निकल गईं.

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वैसे इन चार वर्षों में हुए इन उपचुनावों में से 12 सीटों पर उन्‍हीं दलों का कब्‍जा रहा है, जिन्‍होंने 2014 में जीत हासिल की थी. इस लिहाज से बीजेपी के अलावा केवल सहयोगी पीडीपी को नुकसान उठाना पड़ा है क्‍योंकि श्रीनगर उपचुनावों में यह सीट पीडीपी के हाथ से निकलकर नेशनल कांफ्रेंस के पास चली गई. वहां से फारूक अब्‍दुल्‍ला चुनाव जीत गए. यानी कि 2014 के बाद से जो भी लोकसभा उपचुनाव हुए हैं, उनमें से केवल एनडीए को ही नुकसान उठाना पड़ा है. विपक्षी दल अपनी सीटें बचाने में कामयाब रहे हैं.

5 सीटों पर होने हैं उपचुनाव
इसके अतिरिक्‍त पांच लोकसभा सीटें रिक्‍त होने के कारण उन पर अब उपचुनाव होने हैं, जिनमें से तीन सीटें बीजेपी के खाते में थीं. यानी कैराना (यूपी), भंडारा-गोंदिया और पालघर(महाराष्‍ट्र) सीटों पर बीजेपी का कब्‍जा था. अभी इन सीटों पर चुनाव की तारीखें घोषित नहीं हुई हैं. कैराना सीट बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन के कारण खाली हुई है. भंडारा-गोंदिया से बीजेपी सांसद नानाभाऊ पटोले ने पिछले साल बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया. लिहाजा उन्‍होंने बीजेपी और संसद सदस्‍यता से इस्‍तीफा दे दिया. पालघर से बीजेपी सांसद चिंतामणि वनागा के इसी जनवरी में निधन होने के कारण सीट खाली हुई है.

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लोकसभा का गणित
लोकसभा में कुल 545 सदस्‍य हैं, जिनमें से दो एंग्‍लो-इंडियन समुदाय के नामित सदस्‍य भी शामिल हैं. इस वक्‍त स्‍पीकर, 2 नामित सदस्‍यों को मिलाकर कुल संख्‍याबल 540 है. पांच सीटें रिक्‍त हैं. बीजेपी के पास 273 और उसके सहयोगियों के पास 51 सीटें हैं. सहयोगी दलों में से शिवसेना (18), टीडीपी (16), लोजपा (6), शिअद (4), रालोसपा (3), अपना दल (2), जदयू (2) हैं. इस प्रकार बीजेपी के नेतृत्‍व में एनडीए के लोकसभा में 324 सदस्‍य हैं.

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