जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूटा, राज्‍यपाल से उमर अब्‍दुल्‍ला बोले- जल्‍द हो चुनाव
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जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूटा, राज्‍यपाल से उमर अब्‍दुल्‍ला बोले- जल्‍द हो चुनाव

इसी बीच नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के कार्यकारी अध्‍यक्ष उमर अब्‍दुल्‍ला श्रीनगर में जम्‍मू-कश्‍मीर के राज्‍यपाल एनएन वोहरा से मिले हैं. 

नई दिल्ली/जम्‍मू : जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीडीपी के बीच गठबंधन टूट गया है. खुद भाजपा महासचिव और जम्‍मू-कश्‍मीर के प्रभारी राम माधव ने यह घोषणा की. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्‍होंने कहा कि घाटी के हालातों को देखते हुए गठबंधन में रहना सही नहीं है. वहीं, राज्‍य के उप मुख्‍यमंत्री कविंद्र गुप्‍ता ने भी कहा है कि मैंने और हमारे सभी मंत्रियों-विधायकों ने राज्‍यपाल को अपना इस्‍तीफा भेज दिया है. इसके बाद राज्‍य की मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपनी कै‍बिनेट केे सा‍थ इस्‍तीफा दे दिया. 

राम माधव ने कहा कि राज्‍य में भाजपा का पीडीपी को अब समर्थन देना संभव नहीं है. हमने राज्‍य सरकार में हमारे उप मुख्‍यमंत्री कविंद्र गुप्‍ता और अन्‍य सभी मंत्रियों से चर्चा की. सबकी सहमति से निर्णय लिया गया है जम्‍मू-कश्‍मीर में भाजपा अपनी भागीदारी को वापस लेगी.

इसी बीच नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के कार्यकारी अध्‍यक्ष उमर अब्‍दुल्‍ला श्रीनगर में जम्‍मू-कश्‍मीर के राज्‍यपाल एनएन वोहरा से मिले हैं. वहीं, जम्‍मू-कश्‍मीर में राज्‍यपाल शासन लगाने के लिए दिल्‍ली में चर्चा तेज हो गई है.

 

 

 

 

इससे पहले राम माधव से मीडिया से कहा, हमने राज्‍य में गठबंधन के तहत तीन साल पहले सरकार बनाई थी. उस समय जनता का खंडित जनादेश था. चुनावी परिणाम में जम्‍मू का क्षेत्र पूर्ण रूप से भाजपा के पास था, वहीं घाटी में पीडीपी को सीटें मिलीं.

उस दौरान हमने कॉमन प्रोग्राम बनाया था. पिछले तीन साल से ज्‍यादा समय से भाजपा अपनी तरफ से यह कोशिश में थी कि सरकार अच्‍छी तरह चले. सरकार के दो मुख्‍य लक्ष्‍य थे. पहला लक्ष्‍य शांति और दूसरा राज्‍य के प्रमुख हिस्‍सों में विकास को तेजी से आगे बढ़ाना.

राम माधव द्वारा कही गईं प्रमुख बातें...

-भाजपा जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में शांतिपूर्ण तरीके से सरकार चलाने की कोशिश करती रही है. 
-पीडीपी से अलग होने का फैसला देशहित और राष्ट्रहित को लेकर किया गया है. 
-जम्मू कश्मीर में मीडिया की आजादी अब खतरे में आ गई है.
-घाटी में जिस तरह से पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या की गई, वह निंदनीय है. 
-पिछले तीन सालों में घाटी के हालातों को शांतिपूर्ण करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्‍य का सभी तरह से साथ दिया है.
-घाटी के विकास और अन्य कामों के लिए कुछ दिन पहले ही 18 हजार करोड़ की वित्‍तीय सहायता दी गई.
-तीन दिन पहले ही पीएम मोदी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में दो प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन करके आए हैं, जो प्रदेश के विकास के लिहाज से काफी अहम हैं.
-राज्य के हालातों को ठीक करने के लिए सीएम महबूबा मुफ्ती ने जो भी मदद मांगी है, केंद्र सरकार ने उन्हें वह दिया है. केंद्र से तमाम मदद मिलने के बावजूद राज्य सरकार घाटी में शांति कायम करने में असफल रही है.
-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विकास कार्यों में राज्य की पीडीपी सरकार की ज्यादा दखलअंदाजी करने के कारण केंद्र सरकार काम नहीं कर पा रही है.
-कश्मीर में केंद्र सरकार जो काम करना चाहती है वो नहीं कर पा रही है. चूंकि प्रदेश में पूरी तरह से बीजेपी की सरकार नहीं है, इसलिए विकास कार्यों के प्रोजेक्ट्स पर भी बीजेपी नेताओं को परेशानी हो रही है.
-प्रदेश में गवर्नर प्रशासन लागू किया जाए और हालातों को काबू में करने की कोशिश की जाए.

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