संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन भी सरकार और विपक्ष आमने-सामने है. सरकारी की कोशिश है कि किसी भी हाल में आज तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास हो जाए.
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नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन भी सरकार और विपक्ष आमने-सामने है. सरकारी की कोशिश है कि किसी भी हाल में आज तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास हो जाए. लेकिन विपक्ष ने बिल पेश करने से पहले ही राफेल डील पर राज्यसभा में जोरदार हंगामा कर दिया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी, अब 2.30 बजे संशोधित तीन तलाक बिल को पेश किए जाने की संभावना है. इस बिल को राज्यसभा में पास कराने के उद्देश्य से और उस पर रणनीति बनाने के लिए ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने तीन तलाक पर वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, प्रकाश जवाड़ेकर और विजय गोयल शामिल है. इससे पहले शुक्रवार सुबह ही अमित शाह ने बीजेपी के दिग्गज नेताओं के साथ बैठक की थी. हालांकि अभी तय स्पष्ट नहीं हो सका है कि वरिष्ठ मंत्रियों की इस बैठक में क्या तय किया गया है.
कांग्रेस का रुख बिल्कुल साफ: सोनिया
आपको बता दें कि सरकार जहां तत्काल तीन तलाक को दंडनीय अपराध बनाने से संबंधित संशोधित बिल को पारित कराने की कोशिश में जुटी है, वहीं कांग्रेस ने संकेत दे दिया है वह इस मुद्दे पर इस बार भी सरकार का रास्ता रोकेगी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि तीन तलाक पर उनकी पार्टी का रुख बिल्कुल साफ है. इसी वजह से बीजेपी अपनी रणनीति तय करने की कवायद में है ताकि वह विपक्ष के गतिरोध का मजबूती के साथ सामना कर सके.
सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक हो चुकी है जंग
यहां आपको यह भी बता दें कि सदियों पुरानी तीन तलाक की परंपरा के खिलाफ मुस्लिम महिलाएं ने सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक जंग लड़ी है. सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को अवैध घोषित कर मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत दी है. अब सवाल ये है कि क्या संसद में विपक्ष भी मुस्लिम महिलाओं के हक में अपनी आवाज बुलंद करेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि लोकसभा में तीन तलाक विरोधी बिल पास हो चुका है. लेकिन राज्यसभा में जब इसी साल 3 जनवरी को तीन तलाक विरोधी बिल पेश हुआ था तो विपक्ष के विरोध के कारण उसे मंजूरी नहीं मिली थी. सवाल ये है कि क्या आज वह विपक्ष मुस्लिम महिलाओं के साथ खड़ा होगा. क्या विपक्ष मुस्लिम महिलाओं को सदियों पुरानी इस कुप्रथा से आजादी दिलाने में उनकी मदद करेगा.
आज क्या हुआ
- अमित शाह ने राजनाथ सिंह और रविशंकर प्रसाद के साथ बैठक की
- बैठक में मुख्तार अब्बास नकवी और अर्जुन मेघवाल भी मौजूद रहे
- TMC ने तीन तलाक को सलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग की
- सोनिया गांधी ने कहा कि इस मुद्दे पर हमारी पार्टी का स्टैंड क्लीयर है
- राज्यसभा में बिल पेश होने से पहले ही कांग्रेस ने हंगामा शुरु कर दिया
- कांग्रेस ने राज्यसभा में राफेल का मुद्दा उठाया, चर्चा की मांग
- हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित कर दी
- अमित शाह ने ट्रिपल तलाक़ को लेकर वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक बुलाई
- बैठक में रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, प्रकाश जवाडेकर, विजय गोयल शामिल
तीन तलाक बिल में तीन संसोधन
पहला संशोधन: तीन तलाक के बाद FIR सिर्फ पीड़ित पत्नी, या उसके करीबी रिश्तेदार की तरफ से ही की जा सकती है
दूसरा संशोधन: पत्नी की बात सुनने के बाद मजिस्ट्रेट शर्तों के साथ दोनों के बीच समझौते पर मुहर लगा सकता है
तीसरा संशोधन: मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अख्तियार होगा, पहले मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार नहीं था
अब तक क्या हुआ
- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए 6 महीने का समय दिया था
- 28 दिसंबर 2017 को सरकार ने तीन तलाक बिल लोकसभा में पेश किया
- बिल का AIMIM, टीएमसी, आरजेडी, बीजेडी जैसे विपक्षी दलों ने विरोध किया
- तीन तलाक बिल के कई प्रावधानों पर कांग्रेस ने भी एतराज जताया
- AIMIM लीडर असदुद्दीन ओवैसी ने बिल में 3 संशोधन रखे
- लोकसभा में भारी हंगामे के बीच तीन तलाक बिल पास हो गया
- 4 जनवरी 2018 को सरकार ने तीन तलाक बिल राज्यसभा में रखा
- राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल पर सरकार और विपक्ष में खूब हंगामा हुआ
- राज्यसभा में समूचा विपक्ष एकजुट हो गया, बिल पास नहीं हो पाया
- 9 अगस्त 2018 को तीन तलाक पर मोदी कैबिनेट ने बैठक बुलाई
- राजनीतिक गतिरोध खत्म करने के लिए विवादित बिल में अहम संशोधनों को मंज़ूरी दी
तीन तलाक क्या है
मुसलमानों से जुड़ी एक विवादित प्रथा है, तीन तलाक. शरिया का नियम है, जिसमें पुरुष को तीन बार महज तलाक कहने भर से शादी खत्म करने का अधिकार मिलता है.