BJP की आमदनी में 81 फीसदी का इजाफा, कांग्रेस ने आय से ज्यादा किया खर्च
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BJP की आमदनी में 81 फीसदी का इजाफा, कांग्रेस ने आय से ज्यादा किया खर्च

2015-16 से 2016-17 के बीच बीजेपी की आमदनी 570.86 करोड़ रुपये से 81.18 फीसदी बढ़कर 1034.27 करोड़ रुपये हो गई है.

राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग में दिए रिकॉर्ड के आधार पर पार्टियों का लाभ-हानि खाता तैयार किया है

नई दिल्ली : एक तरफ बीजेपी जहां देश में लगातार भगवा परचम फहरा रही है, वहीं पार्टी के खातों में भी खूब धनवर्षा हो रही है. वहीं कांग्रेस का हाल बुरा है. कांग्रेस जहां अपनी मौजूदा सीटों को भी गंवा रही है, वहीं उसका खजाना भी लगातार खाली हो रहा है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आमदनी 2015-16 से 2016-17 के बीच 81.18 फीसदी बढ़कर 1,034.27 करोड़ रुपये दर्ज की गई है, जबकि इसी अवधि में कांग्रेस की आमदनी 14 फीसदी घटकर 225.36 करोड़ रुपये रही.

  1. ADR ने राजनीतिक दलों के लाभ-हानि खाते तैयार किए हैं
  2. BJP की आमदनी में 81 % (463.41) करोड़ का इजाफा हुआ
  3. कांग्रेस की आमदनी 14 फीसदी घटकर 225.36 करोड़ रुपये

ये आंकड़े लोकतांत्रिक सुधार संघ (एडीआर) ने जारी किए. एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, सात राष्ट्रीय दलों- भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और तृणमूल कांग्रेस की कुल घोषित आय 1,559.17 करोड़ रुपये रही, जबकि इन पार्टियों ने 1,228.26 करोड़ रुपये खर्च किए. चुनाव आयोग में दाखिल विवरणों पर आधारित तैयार रिपोर्ट से भाजपा और कांग्रेस की कुल आय, उनके व्यय और आय के स्रोत की तुलना की गई है.

बीजेपी ने कमाए 1034.27 करोड़
वित्त वर्ष 2015-16 से 2016-17 के बीच भाजपा की आय 570.86 करोड़ रुपये से 81.18 फीसदी (463.41 करोड़ रुपये) बढ़कर 1034.27 करोड़ रुपये हो गई, वहीं कांग्रेस की आय 261.56 करोड़ रुपये से 14 फीसदी (36.20 करोड़ रुपये) घटकर 225.36 करोड़ रुपये रह गई.

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चंदे से भरी झोली
बीजेपी ने 2016-17 में 710.057 करोड़ रुपये का खर्च बताया. इस दौरान कांग्रेस ने 321.66 करोड़ रुपये खर्च किए, जो उसकी इस दौरान की कुल आय से 96.30 करोड़ रुपये अधिक है. दोनों पार्टियों ने चंदा या दान को अपनी आय के प्रमुख तीन स्रोत में से एक बताया.

कांग्रेस ने बेचे कूपन
रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी ने 2016-17 के दौरान 997.12 करोड़ रुपये की आय का स्रोत अनुदान, चंदा या आर्थिक सहयोग बताया. यह राशि भाजपा की कुल आय का 96.41 फीसदी है. कांग्रेस की सर्वाधिक कमाई (115.644 करोड़ रुपये) उसके द्वारा जारी किए गए कूपनों से हुई है. यह उसकी कुल कमाई का 51.32 फीसदी है.

इस दौरान सात राष्ट्रीय पार्टियों ने 2016-17 के दौरान स्वैच्छिक योगदान से 74.98 फीसदी (1,169.07 करोड़ रुपये) धनराशि अर्जित की, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष (2015-16) में स्वैच्छिक योगदान से उनकी आमदनी 60 फीसदी (616.05 करोड़ रुपये) रही थी. इन दलों ने 2016-17 में बैंकों से ब्याज के रूप में 128.60 करोड़ रुपये प्राप्त किए.

रिपोर्ट के अनुसार, राजनीतिक दलों को अपनी आय-व्यय का विवरण दर्ज करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर थी, लेकिन बीजेपी ने अपना लेखा-जोखा आठ फरवरी और कांग्रेस ने 19 मार्च को दर्ज कराया. एडीआर ने कहा है कि बीजेपी, कांग्रेस, राकांपा, भाकपा पिछले पांच सालों से लगातार अपना लेखा-जोखा देर से जमा कर रही हैं. चुनाव और लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों से 'सूचना का अधिकार' (आरटीआई) अधिनियम के तहत उनके वित्तीय लेन-देन का विवरण मांगा गया था.

रिपोर्ट के अनुसार, सभी दानदाताओं की सूची भी आरटीआई अधिनियम के तहत अनिवार्य है और भूटान, नेपाल, जर्मनी, फ्रांस, इटली, ब्राजील, बुल्गारिया, अमेरिका और जापान ने भी ऐसा किया है.

(इनपुट आईएएनएस से)

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