इस सप्ताह लाहौर में होगी बीएसएफ-पाकिस्तान रेंजर्स के बीच वार्ता
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इस सप्ताह लाहौर में होगी बीएसएफ-पाकिस्तान रेंजर्स के बीच वार्ता

भारत की सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच महानिदेशक स्तरीय छमाही वार्ता इस सप्ताह लाहौर में होगी। यह वार्ता अंतरराष्ट्रीय सीमा से संघषर्विराम उल्लंघन, घुसपैठ और अवैध सुरंग खोदने के मुद्दों को लेकर होगी।

इस सप्ताह लाहौर में होगी बीएसएफ-पाकिस्तान रेंजर्स के बीच वार्ता

नई दिल्ली : भारत की सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच महानिदेशक स्तरीय छमाही वार्ता इस सप्ताह लाहौर में होगी। यह वार्ता अंतरराष्ट्रीय सीमा से संघषर्विराम उल्लंघन, घुसपैठ और अवैध सुरंग खोदने के मुद्दों को लेकर होगी।

अधिकारियों ने बताया कि बातचीत 27-28 जुलाई को होगी। यहां से बीएसएफ महानिदेशक के के शर्मा के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारी कल पाकिस्तान के लिए रवाना होंगे।

22 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य अमृतसर स्थित अटारी.वाघा सीमा पार करके पाकिस्तान जाएंगे।

सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच पिछली ऐसी बैठक गत वर्ष सितम्बर में यहां हुई थी।

अधिकारियों ने कहा कि दोनों बलों के बीच पिछली बैठक के बाद 2015 के शुरू में जम्मू कश्मीर में अक्सर होने वाले संघषर्विराम उल्लंघनों की तुलना में अंतरराष्ट्रीय सीमा करीब नौ महीने ‘अपेक्षाकृत कम अस्थिर’ रही। यद्यपि घुसपैठ और मादक पदार्थ की तस्करी चिंता का विषय बनी रही।

उन्होंने कहा कि दोनों सीमा रक्षक बलों के बीच छमाही वार्ता कई द्विपक्षीय मुद्दों के चलते विलंबित हुई।

उम्मीद है कि भारतीय पक्ष लाहौर स्थित रेंजर्स मुख्यालय में होने वाली इस बातचीत में हथियारों की तस्करी, निषिद्ध वस्तुओं की तस्करी और सीमा पार से आ रही अवैध सुरंगों का पता लगने का मुद्दा उठाएगा।

पिछली बार दोनों पक्ष के बीच दिल्ली में वार्ता हुई थी और यह निर्णय किया गया था कि मोर्टार जैसे भारी गोले नहीं दागे जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले नागरिकों को नुकसान नहीं पहुंचे।

दोनों बलों ने यह भी निर्णय किया था कि महानिदेशक स्तर तक के उनके अधिकारी अपने मोबाइल नम्बर, ईमेल आईडी और फैक्स नम्बर का अदान प्रदान करेंगे ताकि भारतीय राज्यों जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मुद्दों को सुलझाने के लिए तेजी से संचार हो सके।

दोनों पक्षों के बीच महानिदेशक स्तरीय वार्ता छमाही आधार पर होती है लेकिन कई बार संबंध में तनाव के चलते ये बैठकें नहीं हुई हैं।

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