पद्मावती विवाद पर बोले प्रसून जोशी, सेंसर बोर्ड को वक्त और काम करने का माहौल दें
Advertisement
trendingNow1352205

पद्मावती विवाद पर बोले प्रसून जोशी, सेंसर बोर्ड को वक्त और काम करने का माहौल दें

सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा,‘‘ज्यादातर फिल्मों के प्रमाणन की प्रक्रिया में 68 दिन का समय लग सकता है. ज्यादातर फिल्मों का प्रमाणन 68 दिन से पहले हो जाता है. अगर कुछ लोग यह वक्त नहीं लेना चाहते तो हम क्या कर सकते हैं 

 प्रसून जोशी ने कहा, 'मैं संजय लीला भंसाली का बहुत सम्मान करता हूं. मैं फिल्म बिरादरी से हूं, उन्हें समझता हूं.' (फाइल फोटो)

पणजी: गोवा में सोमवार को 48वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) का एक रंगारंग समारोह में उद्घाटन हुआ. इस दौरान ‘पद्मावती’ फिल्म से जुड़ा विवाद छाया रहा. सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने इस विवाद पर कहा कि यह सेंसर बोर्ड का पैदा किया हुआ विवाद नहीं है और बोर्ड को मामले को सुलझाने का समय और माहौल दिया जाना चाहिए .

  1. प्रसून जोशी ने कहा, 'हमें समय देना होगा,यह विवाद हमारा शुरू किया हुआ नहीं है'
  2. जोशी ने कहा, मैं संजय लीला भंसाली की बहुत इज्जत करता हूं,उन्हें समझता हूं
  3. संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को लेकर देशभर में विवाद चल रहा है

सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा,‘‘ज्यादातर फिल्मों के प्रमाणन की प्रक्रिया में 68 दिन का समय लग सकता है. ज्यादातर फिल्मों का प्रमाणन 68 दिन से पहले हो जाता है. अगर कुछ लोग यह वक्त नहीं लेना चाहते तो हम क्या कर सकते हैं. मैं संजय लीला भंसाली का बहुत सम्मान करता हूं. मैं फिल्म बिरादरी से हूं, उन्हें समझता हूं. यह मुद्दा भंसाली से जुड़ा नहीं है, यह फिल्म के ऊपर विवाद से संबंधित है.’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘विवादों का वक्त कम है, विचार विमर्श का है और उसके लिए संयम की जरूरत है, जो बेचैनी है, जो अधीरता है, उसे खत्म करने की जरूरत है, जब तक वह नहीं होगा तब तक आप सेंसर बोर्ड से अन्याय कर रहे हैं क्योंकि विवाद हमारा शुरू किया हुआ नहीं है. लेकिन आप हमसे समाधान की उम्मीद कर रहे हैं तो इसके लिए आप हमें समय दीजिए, वह मनोस्थिति दीजिए कि हम ऐसा कर सकें.’’ 

यह भी पढ़ें : ममता बनर्जी ने कहा, 'पद्मावती' विवाद अभिव्यक्ति की आजादी को खत्म करने की साजिश

हालांकि जोशी ने फिल्म से जुड़े लोगों को दी जा रही धमकियों की निंदा करते हुए कहा, ‘‘मैं अपील करता हूं कि लोग हिंसा ना करें. मैं किसी भी तरह की हिंसा की निंदा करता हूं.’’ उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘सेंसर बोर्ड को ठंडे दिमाग से फैसला करना होगा, एक संतुलित निर्णय लेना होगा. यह स्थिति हमने पैदा नहीं की है. सड़कों पर आंदोलन हो रहे हैं, यह हमने नहीं किया. आप मीडिया घरानों को फिल्में दिखा देते हैं, पहले उनसे समीक्षाएं करवा लेते हैं, लेकिन आप चाहते हैं कि सेंसर बोर्ड एक सोचा समझा फैसला करे, वह यह फैसला कैसे करेगा? अगर आप उसे वह समय नहीं देंगे, वह अधिकार नहीं देंगे.’’ 

गौरतलब है कि संजय लीला भंसाली की फिल्म को लेकर इस समय देश भर में विवाद चल रहा है. राजपूत समुदाय और करणी सेना जैसे संगठनों का कहना है कि इसमें उनकी भावनाएं आहत की गई है. साथ ही सेंसर बोर्ड के समक्ष भी फिल्म विवाद में पड़ गयी है. फिल्म को सेंसर बोर्ड से रिलीज के लिए प्रमाणपत्र नहीं मिला है और बोर्ड का कहना है कि फिल्म उनके पास देर से भेजी गयी. अब तमाम विवादों को देखते हुए फिल्म के निर्माताओं ने इसकी रिलीज टालने का फैसला किया है.

अभिनेता शाहरूख खान ने फिल्मों संबंधी विवादों को लेकर परोक्ष रूप से कहा, ‘‘हमारे आपसी अनुभव हमें एक दूसरे से जोड़ते हैं. किसी परिवार में असहमति और बहस हमें अलग थलग करने की बजाए संबंधों को और मजबूत बनाती हैं.’’ 

दूसरी ओर, फिल्म के कलाकार अभिनेता शाहिद कपूर ने कहा, ‘‘उड़ता पंजाब’ के समय भी ऐसा ही कुछ हुआ था. आखिरकार फिल्म रिलीज हुई, उसे लोगों ने पसंद किया. वह एक मुद्दे पर आधारित फिल्म थी. यह (पद्मावती) मुद्दे पर आधारित फिल्म नहीं है, कुछ लोग, समुदाय इसे लेकर संजीदगी से सोचते हैं. मुझे आशा है कि यह जल्दी ही रिलीज होगी. मैं यहां पद्मावती का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, मुझे इसपर गर्व है. लोगों को फिल्म देखनी चाहिए और फिर अपना फैसला सुनाना चाहिए.’’ 

उन्होंने कहा कि अच्छी बात नहीं है कि मेरे सह कलाकारों को धमकियां मिल रही हैं, यह चीज स्वीकार्य नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है जिन्होंने फिल्म देखी है, वे उसे लेकर सकारात्मक हैं. हालांकि उन्होंने फिल्म को लेकर हो रही राजनीति और विवाद में सरकार की भूमिका को लेकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

वहीं फिल्मकार विशाल भारद्वाज ने कहा कि वह भंसाली का समर्थन करते हैं लेकिन इस विवाद पर कुछ नहीं कहना चाहते. उन्होंने कहा, ‘‘मैं भंसाली का समर्थन करता हूं लेकिन विवाद पर कुछ नहीं कहना चाहता. मैं यहां केवल फिल्में देखने आया हूं. यह फिल्में देखने का मेरा अपना जश्न है.’’ ‘पद्मावती’ के अलावा महोत्सव में एक और विवाद को लेकर चर्चाएं हो रही हैं जो मराठी फिल्म ‘न्यूड’ और मलयाली फिल्म ‘एस दुर्गा’ को भारतीय पैनोरमा खंड से बाहर करने से जुड़ा है.

(इनपुट - भाषा)

ये भी देखे

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news