अपने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बचाव में उतरी CBI, घूस लेने के लगे हैं आरोप
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अपने स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बचाव में उतरी CBI, घूस लेने के लगे हैं आरोप

सीबीआई ने अपने निदेशक आलोक वर्मा का विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के आरोपों से बचाव करते हुए कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप ‘मिथ्या और दुर्भावनापूर्ण’ हैं. सीबीआई ने अस्थाना ने खिलाफ रिश्वत का मामला दर्ज किया है. 

सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना गुजरात कैडर के आईपीएस हैं.

नई दिल्ली: सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ घूस लेने का मुकदमा दर्ज होने के बाद यह मामला बढ़ता ही जा रहा है. इस मामले में सीबीआई ने पहली बार अपना पक्ष रखा है. सीबीआई ने अपने निदेशक आलोक वर्मा का विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के आरोपों से बचाव करते हुए कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप ‘मिथ्या और दुर्भावनापूर्ण’ हैं. सीबीआई ने अस्थाना ने खिलाफ रिश्वत का मामला दर्ज किया है. 

सीबीआई के दो अफसरों के बीच चल रहा है टकराव
अस्थाना ने कैबिनेट सचिव और केन्द्रीय सतर्कता आयोग को पत्र लिख कर सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और अनियमितता के कम से कम 10 मामलों का जिक्र किया था. सीबीआई के प्रवक्ता ने देर रात जारी एक बयान में कहा कि सतीश साना के खिलाफ एलओसी जारी होने की जानकारी सीबीआई के निदेशक को नहीं थी, जैसे आरोप सही नहीं हैं.

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उन्होंने कहा, ‘डीसीबीआई ने 21 मई 2018 को एलओसी जारी करने के प्रस्ताव को देखा और उसे ठीक भी किया था.’ उन्होंने कहा कि आरोप कि सीबीआई के निदेशक ने साना की गिरफ्तारी को रोकने का प्रयास किया था, पूरी तरह से झूठ और दुर्भावनापूर्ण है.

राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच में दखल न दे सरकार: कांग्रेस
कांग्रेस ने रविवार को कहा कि केन्द्र को पूरी बात का खुलासा करना चाहिए और उसे सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ कथित रिश्वत मामले की जांच में दखल नहीं देना चाहिए. 

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कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह थोड़ी सावधानी बरत रहे हैं, लेकिन बेहद स्पष्ट हैं क्योंकि उन्होंने खबरों में ही इस मामले को देखा है इसलिए वह इस वक्त इस मामले की सच्चाई पर कुछ नहीं कह सकते.

इस मामले पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘लेकिन मुझे उम्मीद है कि एक या दो दिन में हमें स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. मुझे एक बात कहनी है कि अगर टुकड़ों में ही सही जो बात मैंने और आपने सुनी है वह सही है तो यह बेहद गंभीर से भी गंभीर है और याद रहे यह वही नियुक्ति है जो नियुक्ति के वक्त भी आपत्तियों के घेरे में थी, शुरूआत से ही.’

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